बरसात के मौसम में अक्सर कई लोग हड्डियों और जोड़ों में असहनीय दर्द की शिकायत करते हैं. अक्सर दर्द के चलते सुबह लोगों के हाथ या पैर नहीं उठ पाते. उनके घुटनों से कट-कट की आवाज आती है या कमर और हिप्स की नसों में अजीब खिंचाव और अकड़न होती है. सुबह उठते ही अगर आपको भी ये सभी समस्याएं हो रही हैं तो आपको तुरंत कुछ जरूरी कदम उठाने की जरूरत है. ताकि आपको इन परेशानियों से राहत के लिए डॉक्टर के पास न भागना पड़े.
कौशांबी स्थित यशोदा सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के सीनियर ऑर्थेापेडिक्स स्पेशलिस्ट डॉ. अमित शर्मा बताते हैं कि बरसात के मौसम में हड्डियों और जोड़ों के दर्द का मुख्य कारण तापमान में बदलाव और नमी का बढ़ जाना है. ऐसे में सिर्फ बुजुर्ग, पुरानी चोट या गठिया, ऑर्थो संबंधी रोगों से जूझ रहे लोगों को ही नहीं बल्कि इस मौसम में युवाओं को भी ये परेशानियां होने लगती हैं. हालांकि बस कुछ छोटे-मोटे उपाय कर लिए जाएं तो इस मौसम को बेहद खुशी से काटा जा सकता है.
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बरसात में क्यों होता है हड्डियों में दर्द
तापमान में बदलाव: डॉ. अमित कहते हैं कि तापमान में अचानक परिवर्तन बदलाव से जोड़ों का दर्द, गठिया जैसी समस्याएं उभरने लगती हैं. यही बदलाव हमारे शरीर के जोड़ों में सूजन और खिंचाव दर्द का कारण बनते हैं.
ह्यूमिडिटी बढ़ना: बरसात में नमी ज्यादा होती है, जिससे हवा का दबाव कम हो जाता है और हड्डियों की स्टिफनेस बढ़ जाती है. हड्डियां अकड़ने या कट कट करने लगती हैं. इस कारण अर्थराइटिस के मरीजों को ज्यादा तकलीफ होती है.
धूप की कमी: बरसात में धूप कम निकलने से लोग विटामिन डी की कमी का शिकार हो जाते हैं. इससे हड्डियों में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है.
एक्सरसाइज की कमी: बारिश में लोग बाहर नहीं निकल पाते, जिससे एक्सरसाइज की कमी हो जाती है और मसल्स की स्टिफनेस बढ़ जाती है, जो कि जोड़ों में दर्द का कारण बनता है.
बचाव के लिए बस कर लें ये चार उपाय
1. रोजाना एक्सरसाइज: बारिश में भी लो इम्पैक्ट फिजिकल एक्टिविटी जैसे योग, इंडोर साइकिलिंग, स्विमिंग जारी रखें जिससे मांसपेशियों और जोड़ में अकड़न ना आए. सुबह उठकर गुनगुना पानी पीकर एक्सरसाइज करना बहुत फायदेमंद है.
2. डाइट पर ध्यान दें: सूरज की धूप नहीं ले पा रहे तो अपनी डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा बढ़ाएं. अधिक पानी पिएं और हॉट-कोल्ड पैक से सिकाई करें.
3. मेडिटेशन और रिलैक्सेशन: नियमित मेडिटेशन और रिलैक्सेशन तकनीकों से तनाव कम करें, जो कि दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं.
4. डॉक्टर से सलाह लें: अगर आप रूमटाइड आर्थराइटिस से पीड़ित हैं तो दर्द बढ़ने पर फौरन डॉक्टर से सलाह लें, हो सकता है कि आपकी दवाओं में बदलाव की जरूरत हो. इस तरह स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम इस मौसम में भी अपनी हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 10, 2024, 16:57 IST
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