नई दिल्ली. बाजार में हरी सब्जियां खरीदते समय लोगों को यही डर सताता है कि कहीं इसमें कीटनाशकों का ज्यादा इस्तेमाल न किया गया हो. जिससे स्वस्थ्य रहने के लिए खायी जाने वाली हरी सब्जी बीमारी का कारण न बन जाए. पर अब ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर है. फसलों में पूरी तरह से प्राकृतिक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जा सकेगा. साथ ही उत्पादन भी बढ़ेगा.
बारिश के मौसम में हरी सब्जियों में कीटाणु लगने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है. इस वजह से किसान फसलों को बचाने के लिए खूब कीटनाशकों का इस्तेमाल करता है. यही सब्जी बाजार में आती है और लोग खरीदते हैं. इसको कई बार धोने के बाद भी कीटनाशकों असर रहता है, जो सब्जी के साथ लोगों शरीर में जाता है और नुकसानदेह हो सकता है. इससे बचाने के लिए महाराष्ट्र के किसान प्राकृतिक कीटनाशक घर पर बनाकर पूरी तरह जैविक खेती कर रहे हैं.
किसान रविन्दर ने इस दवा की खोज की है और इसकी मदद से उत्पादन भी बढ़ा रहे हैं. वे बताते हैं कि उनके आसपास के करीब 1000 किसान बाजार में बिकने वाले कीटनाशकों का इस्तेमाल बंद कर दिया है. सभी घरों में कीटनाशक बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे उनकी कमाई बढ़ गयी है.
फसल को जानवरों से भी बचाए
यह दवा न केवल कीटाणु से फसल को बचाती है, बल्कि जानवरों से बचाने में मददमार होती है. इससे उठने वाली गंध से बंदर, नील गाय,गाय और सूअर भी खेतों दूर रहते है.
पांच चीजों से बनाएं कीटनाशक
छाछ,अंडे, गुड़, फिटकरी, चूना से यह कीटनाशक बनाया जाता है. एक डेढ़ लीटर छाछ और 10-12 अंडों में बची हुई तीनों चीजों को 100-100 ग्राम मिलाएं. इसके बाद 15-20 दिनों के लिए छांव में रख दें और रोजाना इसे मिलाते रहें. आधा लीटर दवा में करीब 15 लीटर पानी मिलाकर दवा का छिड़काव करें. फसल तैयार होने तक पांच बार छिड़काव करें.
फूलों में भी कारगर
इस दवा को न केवल सब्जियों में बल्कि फूलों और फलों में भी कीटनाशकों से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह नहीं है.
FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 10:04 IST
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