रांची. वैसे तो आपने कई तरह के साग खाए होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे साग के बारे में बताने वाले हैं जो सिर्फ स्वाद में ही अव्वल नहीं है बल्कि, स्वास्थ्य में भी एक नंबर है. इसको खाने से आपको बॉडी अंदर से एकदम चकाचक व डिटॉक्स हो जाएगी. जिससे आप कई सारी गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं. यह आदिवासियों का फेवरेट साग है.
झारखंड की राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में लगे ट्रेड एक्सपो में खासकर साग बेचती हुई नीलम देवी बताती हैं कि इस साग का नाम कुटाई साग है और यह खासतौर पर आदिवासियों के बीच काफी प्रचलित है. हम आदिवासी हर दूसरे तीसरे दिन इसकी सब्जी या सूप बनाकर पीते हैं, क्योंकि इसके फायदे अनेक हैं.
कैसे बनता है कुटई साग
नीलम बताती हैं कि सबसे पहले आपको साग को लेना है व अच्छे से धोना है और हल्के तेल डालकर फ्राई कर लेना है. फिर चावल का जो माड होता है उसे इसमें डाल देना है. उसके बाद हल्की गोल मिर्च, नमक स्वाद अनुसार डालकर अच्छे से मिला लेना है.आप चाहे तो अपने स्वाद के लिए टोमेटो या सोया सॉस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
सूप के अलावा आप इसकी सब्जी और भुजिया भी बना सकते हैं. सब्जी बनाने के लिए कुछ नहीं बस दो चम्मच तेल लेना है. इसमें जीरा डालना है. हल्दी व नमक डालकर आपको अच्छे से भूंजना है और ढक कर कम से कम 5-10 मिनट के लिए छोड़ देना है. यह खाने में भी काफी टेस्टी लगता है. इसे चावल के साथ खाया जाता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
रांची के आयुर्वेदिक डॉक्टर वीके पांडे बताते हैं कि कुटई का साग एक आयुर्वेदिक औषधि की तरह है. इसमें कई तरह के जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे विटामिन ए,बी,सी और उच्च मात्रा में फाइबर. यही कारण है कि आपकी बॉडी को अंदर से डिटॉक्सिफाई करता है. साथ ही, एंटीऑक्सीडेंट होने की वजह से आपकी स्किन पर भी चमक लाता है और लीवर के लिए रामबाण काम करता है.
FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 11:54 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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