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मरीजों को रातभर सुलाकर होगी स्‍टडी, फिर किया जाएगा इलाज, दिल्‍ली में यहां खुला पहला स्‍लीप सेंटर


शहरों में ही नहीं गांवों में भी बहुत सारे लोग आजकल नींद न आने, नींद बीच-बीच में खुलने, अचानक नींद टूटने, रात के बजाय दिन में नींद आने आदि समस्‍याओं से जूझ रहे हैं. ऐसे मरीजों के लिए राहत की खबर है. दिल्‍ली के ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में पहला स्‍लीप सेंटर खोला गया है, जहां सिर्फ और सिर्फ नींद से जुड़ी बीमारियों का इलाज होगा. खास बात है कि यहां मरीज को रातभर सुलाकर पहले उसकी स्‍टडी की जाएगी और फिर उसके बाद डॉक्‍टर्स उसका इलाज करेंगे.

बता दें कि आयुर्वेद के सबसे बड़े अस्‍पताल एआईआईए में हर महीने करीब 1 हजार मरीज नींद संबंधी बीमारियों को लेकर आते हैं, अब इन सभी मरीजों का इलाज निद्रा निदान अनुसंधान चिकित्‍सा परामर्श केंद्र (Sleep diagnostic research and Therapeutics center) में होगा. एआईआईए की निदेशक डॉ. तनुजा नेसरी कहती हैं कि जल्‍द ही यहां बेहद कम कीमत पर इलाज मिलना शुरू हो जाएगा.

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एआईआईए में खुले इस केंद्र में मरीजों का इलाज कैसे होगा और किन-किन बीमारियों के मरीज इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे? न सभी सवालों के जवाब क्रिया शरीर विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. मीरा के भोजानी से जानते हैं विस्‍तार से….

एआईआईए स्‍लीप सेंटर में सोनोग्राफी मशीन से रातभर जांच के लिए तैयार मरीज.

एआईआईए स्‍लीप सेंटर में सोनोग्राफी मशीन से रातभर जांच के लिए तैयार मरीज.

सवाल- इस स्‍लीप सेंटर में क्‍या-क्‍या होगा?

जवाब- आयुर्वेद सेक्‍टर में एआईआईए पहला अस्‍पताल है जहां ऐसी यूनिट खोली गई है. यहां पर निद्रा संबंधी जो भी बीमारियां हैं, जैसे अनिद्रा, हाइपरसोम्निया, स्‍लीप सार्काडियन रिदम डिसऑर्डर्स, खर्राटे की वजह से नींद न आना आदि डिसऑर्डर्स का यहां भी इलाज किया जाएगा. यहां पर लेवल वन सोनोग्राफी मशीन है, इसमें रातभर वीडियो रिकॉर्डिंग होगी. उसके एक्‍सपर्ट और डॉक्‍टर्स दोनों मिलकर उसकी रातभर स्‍टडी करेंगे. इससे डायग्‍नोसिस होगा, फिजियोलॉजी की रिसर्च भी हो सकेंगी. फिर उन्‍हें नॉर्मल स्‍लीप साइकिल पर आने के लिए काउंसलिंग के अलावा थेरेपीज और आयुर्वेदिक दवाएं भी दी जाएंगी.

सवाल- इस मशीन से कितने घंटे में बीमारी का डायग्‍नोसिस होगा? पूरा प्रोसेस क्‍या है?

जबाव- इस मशीन से रातभर नींद की स्‍टडी होगी. स्‍लीप की दोनों स्‍टेज और सब स्‍टेज, जिनमें धीरे-धीरे नींद में जाना, गहरी नींद में जाना, नींद को रिस्‍टोर करना, थकावट या हानिकारक केमिकल्‍स न्‍यूरोंस में जमा हुए हैं, तो नींद कैसे डीटॉक्सिफाई करती है, ये सभी चीजें इसमें रिकॉर्ड होंगी. इस दौरान जब मरीज सोएगा तो लाइट जलाई भी जाएंगी और लाइट बंद भी की जाएंगी. इतना ही नहीं दिन में भी सुलाकर कुछ चीजें देखी जाती हैं.

नींद संबंधी जो भी बीमारियां हैं, स्‍लीप सेंटर में सभी का इलाज होगा.

नींद संबंधी जो भी बीमारियां हैं, स्‍लीप सेंटर में सभी का इलाज होगा.

सवाल-इससे रोजाना कितने लोगों को फायदा मिलेगा?
जवाब- स्‍लीप एक ऐसी चीज है, जिसकी समस्‍या को लोग अक्‍सर इग्‍नोर कर रहे होते हैं. बहुत सारे लोग स्‍लीप डिसऑर्डर्स को लेकर अस्‍पतालों में आते ही नहीं हैं, लेकिन डायबिटीज, मेटाबोलिक डिजीज, मोटापा, ज्‍वॉइंट प्रॉब्‍लम्‍स हैं और वे रातभर दर्द से सो नहीं पाते तो ऐसे लोगों की नींद भी प्रभावित होती है. उनकी हिस्‍ट्री देखकर फिर उनके स्‍लीप डिसऑर्डर्स को लेकर भी इलाज करना संभव हो सकता है. ऐसे में जितना प्रिवलेंस डायबिटीज, रूमेटाइड अर्थराइटिस या स्‍लीप एपनिया का है, उन सभी मरीजों को यहां फायदा मिल सकता है. इसके अलावा जिन्‍हें स्‍लीप डिसऑर्डर्स हैं, उनके लिए तो ये यूनिट बनाई ही गई है.

सवाल- यहां डायग्‍नोसिस के अलावा किस तरह का इलाज दिया जाएगा?
जवाब- आयुर्वेद में इस तरह की बीमारियों के लिए प्राणायाम, योग निद्रा, योग के कई प्रकार, औषधियां आदि भी हैं, कुछ थेरेपीज हैं, कुछ कस्‍टमाइज्‍ड इलाज हैं, जो मरीजों को दिए जाएंगे.

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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-sleep-center-opened-in-all-india-institute-of-ayurveda-new-delhi-to-diagnose-and-treat-sleep-disorders-in-patients-with-yoga-ayurveda-remedies-8656962.html

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