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यहां चलने मात्र से दूर हो जाते हैं घुटनों से लेकर गर्दन तक के दर्द


Agency:Bharat.one Uttarakhand

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Rishikesh Sanjeevani Herbal Garden : इस पथ पर खास टाइल्स लगी हैं, जिनमें अलग-अलग आकार और बनावट की सतहें हैं. इनसे पैरों के तलवों में मौजूद एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है, जिससे शरीर को कई लाभ मिलते हैं.

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ऋषिकेश

ऋषिकेश के संजीवनी हर्बल गार्डन में लगी है एक्यूप्रेशर हर्बल मेट

हाइलाइट्स

  • ऋषिकेश के संजीवनी हर्बल गार्डन में है एक्यूप्रेशर पथ.
  • एक्यूप्रेशर पथ पर चलने से घुटने और गर्दन के दर्द में राहत मिलती है.
  • रक्त संचार और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

ऋषिकेश. उत्तराखंड के ऋषिकेश को योग और ध्यान की राजधानी कहा जाता है. सेहतमंद जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए यहां मुनि की रेती क्षेत्र में ‘शिवालिक जैव विविधता पार्क’ हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है. इसी पार्क में एक अनोखा संजीवनी हर्बल गार्डन भी है. इस गार्डन की खासियत है कि यहां लगी एक्यूप्रेशर टाइल्स, जिन पर चलने से शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. यह गार्डन सिर्फ प्रकृति प्रेमियों के लिए नहीं, बल्कि उन लोगों के लिए भी है जो प्राकृतिक तरीकों से अपने स्वास्थ्य को सुधारना चाहते हैं.

क्या है एक्यूप्रेशर

Bharat.one के साथ ऋषिकेश के कायाकल्प हर्बल क्लीनिक के डॉ. राजकुमार कहते हैं कि एक्यूप्रेशर एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसमें शरीर के विशेष दबाव बिंदुओं (pressure points) पर दबाव डालकर विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जाता है. ये पद्धति चीन और भारत में हजारों सालों से प्रचलित है और इसे प्राकृतिक चिकित्सा का हिस्सा माना जाता है. शरीर में कई ऐसे बिंदु होते हैं जो सीधे आंतरिक अंगों और तंत्रिका तंत्र (nervous system) से जुड़े होते हैं. जब इन बिंदुओं पर दबाव डाला जाता है, तो रक्त संचार (blood circulation) में सुधार होता है, जिससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है. इससे न केवल तनाव कम होता है, बल्कि कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं में भी राहत मिलती है.

ऐसा है एक्यूप्रेशर पथ

संजीवनी हर्बल गार्डन के वन दरोगा राकेश रावत कहते हैं कि यहां के एक्यूप्रेशर पथ (Acupressure Path) पर लोग नंगे पैर चल सकते हैं. इस पथ पर खास तरह की टाइल्स लगी हुई हैं, जिनमें अलग-अलग आकार और बनावट की सतहें हैं. जब लोग इन टाइल्स पर चलते हैं, तो पैरों के तलवों में मौजूद एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है, जिससे शरीर को कई लाभ मिलते हैं.

होने वाले लाभ

एक्यूप्रेशर पथ पर चलने से कटिस्नायुशूल (sciatica), घुटने का दर्द, एड़ी का दर्द और पैर दर्द में राहत मिलती है. बैक पेन (पीठ दर्द) और गर्दन के दर्द में सुधार होता है. पैरों में रक्त संचार बेहतर होने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है. हृदय स्वस्थ रहता है और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं में राहत मिलती है. ये कब्ज, गैस, और अपच जैसी समस्याओं में मदद करता है. शरीर में टॉक्सिन्स (विषैले तत्वों) को बाहर निकालता है. तनाव, चिंता (anxiety) और डिप्रेशन को कम करता है.

एक्यूप्रेशर पथ पर चलने से माइग्रेन और सिरदर्द में आराम मिलता है. थायरॉइड, मधुमेह और अन्य हार्मोनल समस्याओं में मददगार है. महिलाओं में पीरियड्स (menstrual cycle) से जुड़ी समस्याओं को कम करता है. एक्यूप्रेशर से रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ती है. यह शरीर की स्वाभाविक हीलिंग प्रक्रिया (natural healing process) को तेज करता है. शुरुआत में इस पर चलने में थोड़ा दर्द या असहज महसूस हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे आराम मिलेगा. नियमित रूप से चलने से परिणाम जल्दी दिखने लगते हैं.

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यहां चलने मात्र से दूर हो जाते हैं घुटनों से लेकर गर्दन तक के दर्द


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-acupressure-herbal-mat-n-rishikesh-sanjeevani-herbal-garden-local18-8983730.html

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