Alcohol Affect your Sleep: यूं ही नहीं बदनाम है मदिरा. इसे आप जिस रूप में ग्रहण करें, हमेशा यह आपको नुकसान ही पहुंचाएगी. मदिरा के इस नुकसान के बारे में गुगल के एक पूर्व एमडी ने सोशल मीडिया पर विस्तार से बताया है. गुगल के पूर्व एमडी परमिंदर सिंह ने लोगों के सामने इस बात को रखा है कि कैसे जिन (शराब के एक प्रकार) के एक पैग ने उसके पूरे शरीर में उथल-पुथल मचा दिया. परमिंदर सिंह को शराब ने ज्यादा नुकसान पहुंचाना शुरू किया तो उन्होंने इस नुकसान के आकलन के लिए हाथ में गार्मिन वॉच लगा लिया जो रियल टाइम हेल्थ डाटा को को उपलब्ध कराता है. जब इससे जांच की तो पाया कि सिर्फ एक पैग जिन के कारण उनका रेपिड आई मूवमेंट 18 मिनट कम हो गया. इससे नींद और दिमाग पर जबर्द्सत प्रभाव पड़ा.
नींद के फेज में गड़बड़ी
सिंह ने बताया कि शराब के कारण उनके रैपिड आई मूवमेंट का समय 18 मिनट घटा दिया. रैपिड आई मूवमेंट सोने की अवस्था का वह चरण है जिसमें दिमाग एकदम आराम की अवस्था में रहता है और इस दौरान दिमागी तंतुओं की मरम्मत होती है. सामान्य हेल्दी दिनों में रैपिड आई मूवमेंट एक घंटे चार मिनट तक चलता था. एक वयस्क व्यक्ति को रोजाना सात से नौ घंटे सोने की जरूरत होती है. इससे सुबह में व्यक्ति फ्रेश और अलर्ट रहता है. सामान्य तौर पर आरईएम का फेज आधे घंटे से दो घंटे तक का होता है. यह हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है. अगर इस फेज में गड़बड़ी हुई तो पूरे शरीर में कई तरह के परिवर्तन होने लगते हैं. शराब इस फेज को पूरी तरह से रद्दोबदल कर देता है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर में पीजीआईएमईआर में स्लीप लैब के इंचार्ज डॉ. संदीप बंसल ने बताया कि अल्कोहल शुरुआत में नशा देता है, इससे बहुत जल्दी नींद लगती है. लेकिन जब अल्कोहल शरीर के अंदर पचता है तो यह सबसे पहले स्लीप पैटर्न को ही बिगाड़ता है. इससे नींद की गुणवत्ता और समय दोनों प्रभावित होता है.
क्या होता है रैपिड आई मूवमेंट
जब हम सोते हैं तो उसका साइकिल होता है यानी नींद की कई अवस्थाएं होती हैं. आरईएम इश अवस्था का सबसे आराम वाला भाग होता है. इस समय दिमाग में जो सीखने और याददाश्त वाला भाग होता वह उद्दीपित होता रहता है. इससे याददाश्त और सीखने की क्षमता विकसित होती है. अगर इसकी अवधि कम होती है तो इससे जब आप जागेंगे तो आप बहुत थके हुए रहेंगे. अगर आप देर रात शराब पिएंगे तो इससे आपको रात में बार-बार जागना पड़ेगा जिससे आपकी नींद में दखल पड़ेगी. इससे खर्राटे और स्लीप एप्निया भी होगा. इन सबका प्रभाव हार्ट पर पड़ेगा. अल्कोहल डाययूरेटिक होता है यानी यह पेशाब को बढ़ा देगा जिससे हमेशा पेशाब होगा. इससे रात में नींद भी टूटती रहेगी. जब आपको कम नींद होगी तो इससे शरीर में कमजोरी और थकान बी बढ़ेगी.
शराब का दिमाग पर असर
जैसे ही अल्कोहल आपके खून में जाता है और नींद आती है तो यह दिमाग के गामा एमीनोब्यूटायरिक एसिड को प्रभावित करने लगता है जिससे दिमाग के अंदर न्यूरोट्रांसमीटर खराब होने लगता है. न्यूरोट्रांसमीटर नर्व सेल्स और उसके शांति वाले भाग के बीच संवेदनाओं का आदान-प्रदान करने वाला तार है. यानी यह दिमाग में गड़बड़ी पैदा करने लगता है. इसके अलावा शराब सांस लेने की सामान्य गतिविधियों को भी प्रभावित करती है. जिन लोगों को सांस से संबंधित दिक्कतें हैं, उन लोगों के लिए यह और परेशानी का सबब है.
FIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 16:47 IST
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