Monday, October 7, 2024
31.3 C
Surat

सदगुरु ने बताया धरती पर सबसे ज्यादा प्रोटीन वाली 2 चीजें क्या हैं, बस रात में पानी में भिगोकर सुबह करें सेवन, बलबलाने लगेगी ताकत


सदगुरु अक्सर लोगों को उनकी सेहत को लेकर जागरूक करते रहते हैं. अक्सर सदगुरु पुरानी पद्धति से लोगों को खाने की सलाह देते हैं. आधुनिक भोजन को वे सिरे से नकारते हैं और खाने का सही तरीका सही चीज को लेकर अक्सर वे अपने विचार रखते हैं. सदगुरु ने एक वीडियो में बताया कि आपको अपने शरीर की वर्तमान हालात को देखते हुए भोजन का चुनाव करना चाहिए. इससे आपका पूरा सिस्टम ऊंचे आयाम तक पहुंच जाएगा. अगर गलत चीजें खाते हैं तो इससे आपका पूरा सिस्टम बिगड़ा रहेगा. इसलिए दिन की शुरुआत अच्छे भोजन से करना चाहिए. सदगुरु ने बताया कि सुबह में आपको हर दिन अंकुरित कुल्थी की दाल और कुछ दाना अंकुरित मूंगफली खाना चाहिए. इससे आपका पूरा सिस्टम हमेशा के लिए ठीक रहेगा. उन्होंने कहा कि ये दोनों चीजें प्रोटीन का सागर है.

सबसे शक्तिशाली दाल

सदगुरु के मुताबिक कुल्थी की दाल धरती पर प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत है. कुल्थी की दाल बेहद शक्तिशाली होती है, इसिलए इसे घोड़े का खिलाया जाता है. हालांकि दुर्भाग्य से कुल्थी की दाल को हॉर्स ग्राम कहा जाने लगा है. लेकिन यह मनुष्य के लिए बेशकीमती हीरा है. कुल्थी को तमिल में कोलू कहा जाता है जबकि तेलुगु में उलावालु और कन्नकड़ में हुरुले कहा जाता है. चाहे किसी भी नाम से पुकारिए कुल्थी की दाल प्रोटीन का सागर है. सदगुरु की वेबसाइट के मुताबिक कुल्थी की अंकुरित दाल का सेवन करने से डायबिटीज, हार्ट डिजीज, किडनी स्टोन, अस्थमा, मोटापा, सर्दी और कई अन्य तरह की बीमारियों में फायदा मिल सकता है. कुल्थी में प्रोटीन के अलावा कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में होता है और इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं.

कुल्थी को कैसे खाएं

सदगुरु के मुताबिक कुल्थी की दाल को जब अंकुरित कर दिया जाता है तो यह ज्यादा शक्तिशाली बन जाती है. इस खाने से पहले इसे अंकुरित करना पड़ता है. इशके लिए कुल्थी की दाल को एक कटोरी में पानी के अंदर रखिए. 6 से 8 घंटे तक इसे छोड़ दीजिए. अब एक सफेद कपड़ा लीजिए और उसमें इसे बांध दीजिए. 2 से तीन दिन के बाद इसमें आधी इंच तक जड़ आ जाएगी. अब इसे आप खा सकते हैं. इसे चबाना बहुत ज्यादा पड़ता है. इससे पूरी ताकत मिल जाएगी और डाइजेशन भी बूस्ट हो जाएगा. अंकुरित कुल्थी की दाल को खाने से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है. इस गर्मी को खत्म करने के लिए गर्मीं में अंकुरित मूंग को खाकर इसे संतुलित कर सकते है. अब सवाल है कि कैसे समझें कि शरीर में गर्मी बढ़ गई है. सदगुरु ने बताया कि इसके लिए आप अपनी ऊंगलियों को आंखों के गोला पर ले जाएं अगर यह छूने में गर्म है तो इसका मतलब है कि आपको गर्मी लग गई है. इसके साथ ही आपको पेशाब लगेगा. ऐसा लगेगा कि पेशाब थैली में भर गई है लेकिन पेशाब बाहर नहीं आ रहा है. ऐसी स्थिति में आपको अंकुरित मूंग खाना चाहिए या आप जूस पी लीजिए. इसके अलावा आप थोड़ा अरंडी का तेल ले लीजिए. और इसे नाभि पर, अनहद पर और विशुद्धि पर और कानों के पीछे लगा लीजिए. अगर ऐसा करेंगे तो पांच मिनट के अंदर पूरी सिस्टम ठंडा हो जाएगा. बाथरूम में सब कुछ बिना किसी प्रयास से हो जाएगा.

अंकुरित मूंगफली
सदगुरु कहते हैं अंकुरित मूंगफली भी प्रोटीन का बहुत बड़ा स्रोत है. सदगुरु बताते हैं कि उन्होंने खुद कई सालों तक अंकुरित मूंगफली और एक केला का सेवन किया है. इसके गजब के फायदे हैं. मूंगफली को अंकुरित करने के लिए भी कुल्थी की दाल की तरह ही फॉर्मूला है. आप इसे 6 से 8 घंटे तक भिगो दीजिए और उसके बाद इसका सेवन कीजिए. अंकुरित मूंगफली का सेवन करने से शरीर का पित्त निकल जाता है. हालांकि आजकल जो मूंगफली आती है उसकी गारंटी नहीं है. इसमें बहुत कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए यह पक्का करें कि यह ऑर्गगेनिक है. सदगुरु ने बताया कि मनुष्य को मनुष्य की तरह भोजन करना चाहिए. बेतरतीब कुछ भी नहीं खाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिरण को देखिए वह क्या खाता है क्या नहीं खाता. उसे पता है कि उसे आज उसके शरीर और वातावरण के हिसाब से क्या खाना चाहिए. इसी तरह मनुष्य को सोच विचार कर खाना चाहिए. हालांकि आप कचरा भी खाएंगे तो जिंदा रह जाएंगे लेकिन वह जीवन सही नहीं होगा.

इसे भी पढ़ें-आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा हड्डियों का दर्द, सुबह-सुबह चबाना शुरू कर दें ये 5 पत्तियां, यूरिक एसिड का बज सकता है बैंड

इसे भी पढ़े-10 संकेतों से समझ जाइए कि लिवर की दरकने लगी है क्षमता, आपका यकृत न हो कमजोर, इसलिए तुरंत कर लीजिए ये काम


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-sadhguru-tells-most-powerful-source-of-protein-2-things-to-eat-every-morning-kulthi-and-peanuts-horse-grame-benefits-8669778.html

Hot this week

छतरपुर का महामुलिया उत्सव: बच्चों के लिए खास, 15 दिन तक चलता है यह अनोखा पर्व

छतरपुर: आधुनिक दौर में जहां बच्चे ज्यादातर समय...

Topics

रामग्राम के बौद्ध स्तूप में आखिर क्या है खास, इतिहासकार से जानें रहस्य

महाराजगंज जिले के चौक क्षेत्र स्थित रामग्राम अपने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img