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सर्दी-खांसी हो या हार्ट-लीवर की समस्या, बस इस पेड़ का छाल दिला देगा सबसे मुक्ति! जानें नाम


प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में अर्जुन वृक्ष के फल, छाल, और पत्तियों का उपयोग विभिन्न शारीरिक समस्याओं के उपचार में किया जाता रहा है. आज भी अर्जुन का वृक्ष एक बेहतरीन औषधीय विकल्प माना जाता है, जिसका उपयोग हृदय, लीवर, और पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है.

बोकारो के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. राजेश पाठक (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस एंड रिसर्च, नई दिल्ली से एम.डी., पतंजलि आयुर्वेद में 16 वर्षों तक कार्यरत, और वर्तमान में शुद्धि आयुर्वेदा में 3 साल से कार्यरत) ने ‘Bharat.one’ को बताया कि अर्जुन वृक्ष की छाल की तासीर ठंडी होती है और यह कई रोगों के उपचार में कारगर मानी जाती है.

हृदय के लिए लाभकारी

आयुर्वेदिक चिकित्सक के अनुसार, अर्जुन वृक्ष की छाल हृदय रोगों के उपचार में विशेष रूप से उपयोगी है. इसके अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय को स्वस्थ रखते हैं और शरीर में रक्त का संचार बेहतर बनाते हैं, जिससे हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है. इसका नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है और ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है. इसके लिए रोजाना दो से तीन ग्राम अर्जुन की सूखी छाल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर सुबह खाली पेट पीने से बेहतर परिणाम देखे जा सकते हैं.

डायबिटीज के नियंत्रण में मददगार

अर्जुन की छाल में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. यह पैनक्रियाज को इंसुलिन उत्पादन में सुधार करने में सहायक है, और साथ ही किडनी और लीवर की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है. इसके लिए 1-1 ग्राम अर्जुन छाल के पाउडर को शहद या गुनगुने पानी के साथ सुबह-शाम लिया जाए, तो डायबिटीज नियंत्रण में मदद मिलती है.

सर्दी-खांसी में कारगर

बदलते मौसम में सर्दी और खांसी की समस्या आम हो जाती है. अर्जुन की छाल में मौजूद गुणकारी तत्व श्वसन तंत्र में जमा कफ और बलगम को पतला करके बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे खांसी में राहत मिलती है. 2-3 ग्राम अर्जुन छाल को 200 मि.ली. पानी में उबालकर पीने से सर्दी-खांसी में तेजी से आराम मिलता है.

एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर

अर्जुन में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.

चोट और संक्रमण के इलाज में सहायक

अर्जुन की छाल का उपयोग त्वचा पर होने वाले छोटे-मोटे घावों और संक्रमणों के इलाज में भी किया जाता है. यह छाल एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है, जो संक्रमण के खतरे को कम करती है. चोट लगे स्थान पर अर्जुन की छाल को पीसकर हल्दी के साथ लगाने से आराम मिलता है और घाव जल्दी भरते हैं.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-arjun-tree-an-ayurvedic-remedy-for-heart-health-diabetes-and-more-8613617.html

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