Yoga for anti-ageing-एक अनुमान के मुताबिक एंटी-एजिंग यानी उम्र के असर को घटाने के लिए जो नुस्खे अपनाए जाते हैं या इसके लिए जिन प्रोडक्ट के दावे किए जाते हैं, उसका वैश्विक बाजार 2030 तक 120.23 अरब तक पहुंचने का अनुमान है. यानी यदि आपके पास भरपूर पैसे हैं तो साठ साल की उम्र में भी इन प्रोडक्ट के माध्यम से अपने चेहरे की झुर्रियों को हटा सकते हैं. लेकिन क्या ऐसा होता है. इस बात को भरोसे के साथ कहना मुश्किल है. लोग लाखों का ब्यूटी प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं लेकिन शायद ही कोई ऐसा होगा जो यह दावे के साथ कह सके वह पहले से ज्यादा जवान हो गए हैं. पर योग में वह ताकत है. योग वह क्रिया है जो साठा में पाठा बनाने की क्षमता रखता है. यह उम्र की रफ्तार को भी रोक सकता है. यह बात अब विज्ञान प्रमाणित हो चुकी है. इसलिए आइए जानते हैं कि वौ कोन से योगासन है जिसकी बदौलत हम अपनी उम्र के असर को घटा सकते है.
योग से कैसे घटेगा उम्र का असर
इंडियन एक्सप्रेस की खबर ने एक रिसर्च का हवाला दिया है. दरअसल, माधुरी आर तुलहुनासे ने अपनी रिसर्च में यह साबित किया है कि अगर कोई 12 सप्ताह तक क्लासिकल योग करे, ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें और मेडिटेशन करे तो उसके बायोलॉजिक उम्र में महत्वपूर्ण कमी आ सकती है. इससे जैविक उम्र के जो घटक है, उसमें सुधार हो सकता है. जैसे कि डीएनए डैमेज के लिए जिम्मेदार 8OH2dG बायोमार्कर में सुधार हो सकता है. इसके साथ ही ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के लिए जिम्मेदार कंपाउड की कमी हो सकती है. ये सब सेलुलर एजिंग यानी जैविक रूप से कोशिकाओं की उम्र को बढ़ने नहीं देता जिससे वास्तविक उम्र तो बढ़ जाती है लेकिन उसके अंदरुनी अंगों की कोशिकाओं की उम्र नहीं बढ़ती. इससे जॉलाइन जो नीचे खिसकने लगती है, वह भी नहीं खिसकेगा और गाल और चेहरे पर झुर्रियां नहीं आएगी. यह सब एक तरह से उम्र के खिलाफ महत्वपूर्ण टूल है. सीधे शब्दों में कहे तो योग करने से आपके शरीर पर उम्र का असर बहुत कम होगा और लोग कहेंगे साठा में पाठा बन रहे हो.
क्या है दो योगासन
Fish Pose. Image: Canva
मत्स्यासन (फिशपोज)-इस आसान में गर्दन का स्ट्रैच हो जाता है और चेहरा पीछे की ओर मुड़ जाता है जिससे शरीर पर विपरीत गुरुत्वाकर्षण बल लगता है. इससे स्किन, जॉलाइन और चेहरा टाइट होता है और गर्दन और चेहरे पर मांसपेशियां जो ढीली हो जाती हैं, उनमें कसाव आता है. इस आसन के लिए पहले पालथी मारकर पद्मासन लगाकर बैठ जाए और इसी अवस्था में धीरे-धीरे हाथों को पीछे की ओर ले जाते हुए पूरे शरीर को पीछे ले जाएं. इतना पीछे की ओर ले जाए कि आपके सिर के बाल पीछे की ओर से सतह पर सट जाए. इस क्रिया में अपने दोनों हाथों को पीछे बैक पर रख लें और तब सिर के पीछे की अवस्था में सतह पर सटा दें. एक मिनट से लेकर पांच मिनट तक इस आसन को कर सकते हैं.
शीर्षासन. Image: Canva
शीर्षासन-शीर्षासन में शरीर पर विपरीत गुरुत्वाकर्षण लगता है. इससे ब्रेन, हार्ट, लिवर, लंग्स और पीट्यूटरी ग्लैंड में खून का बहाव सही से पहुंचता है. इससे उम्र को प्रभावित करने वाले जो शरीर में टॉक्सिन बनते हैं वह शरीर से निकल जाते हैं. यह आसन करना बिल्कुल आसान है. क्योंकि इसमें किसी दीवार के सहारे बैठ जाए और फिर सिर को सतह में लगाकर पूरे शरीर को उपर उठा दें. मतलब आप जिस तरह सतह पर खड़े होते हैं, ठीक उसी तरह उल्टा दीवार के सहारे हो जाइए. कुछ समय जब यह अभ्यास करेंगे तो बिना दीवार के सहारे भी उल्टा खड़ा हो सकते हैं. इस आसन से तनाव, एग्जाइटी, बैचेनी, चिंता, गुस्सा, डर, भय आदि को कम करने में मदद मिलती. ये सब चीजें उम्र को तेजी से बढ़ाती है. वहीं इस आसन से चेहरे की झुर्रिया भी हट जाती है.
FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 09:40 IST
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-2-yoga-asanas-for-perfect-tool-of-anti-ageing-effects-wrinkles-free-face-and-glowing-skin-8604206.html