Saturday, January 25, 2025
30 C
Surat

स्पर्म को अपंग बनाने लगती है मर्दों की यह बीमारी, धीरे-धीरे बनना ही हो जाएगा बंद, ये हैं लक्षण


Sperm count zero: स्पर्म इंसानी वजूद का प्रारंभिक तत्व है. स्पर्म के बिना किसी इंसान का जन्म नहीं हो सकता. हालांकि स्पर्म के साथ-साथ ओवम यानी महिलाओं के अंडाणु के बिना भी जीवन संभव नहीं है. नए जीवन के लिए दोनों का मिलन जरूरी है. लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है स्पर्म और ओवम का हेल्दी होना. जब तक स्पर्म हेल्दी नहीं होगा तब तक यह अंडाणु के अंदर घुसने की क्षमता विकसित नहीं कर पाएगा. यही कारण है प्रकृति ने एक अंडे को फर्टिलाइज करने के लिए अरबों स्पर्म बनाया है. मर्द के एक मिलीमीटर सीमेन में 20 करोड़ स्पर्म पाया जाता है. ये सारे स्पर्म अंडाणु में प्रवेश करने के लिए लड़ाई लड़ता है और जो स्पर्म सबसे ज्यादा हेल्दी है, वह इस जंग में जीत जाता है. यह बात सही है कि पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्पर्म की गुणवत्ता भी कम होती है लेकिन आजकल युवा पुरुषों के साथ भी ऐसी समस्याएं होने लगी है. कम उम्र में ही मर्दों में स्पर्म की संख्या कम होने लगती है. अगर यह बीमारी बढ़ती है तो धीरे-धीरे स्पर्म की संख्या को नगण्य कर देती है और इस बीमारी को एजोस्पर्मिया कहते हैं. अगर किसी पुरुष को एजोस्पर्मिया हो जाए तो वह पिता नहीं बन सकता है.

क्या किसी को हो सकती है यह बीमारी
होपकिंस मेडिसीन के मुताबिक करीब 10 प्रतिशत इनफर्टाइल मर्दों में से एक प्रतिशत लोगों को एजोस्पर्मिया की बीमारी होती है. इसका मतलब यह हुआ कि 50 हजार पुरुषों में से 500 पुरुषों को यह बीमारी होती है.

एजोस्पर्मिया के क्या कारण है
हालांकि एजोस्पर्मिया के कई कारण हैं लेकिन मुख्य रूप से इसके लिए जीन जिम्मेदार है. इसे क्लीनफिल्टर सिंड्रोम कहा जाता है. वहीं अगर किसी को बचपन में टेस्टिस में चोट लग गई हो तो भी यह बीमारी हो सकती है. इसके अलावा वायरल इंफेक्शन अगर टेस्टिस में हो तो उसे ऑर्काइटिस की बीमारी हो सकती है और यह भी इसका कारण हो सकता है.

एजोस्पर्मिया के लक्षण
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक एजोस्पर्मिया किसी को है इसका पता शुरुआत में बिल्कुल नहीं लगता. इसमें संबंध बनाने के दौरान सीमेन तो निकलेगा लेकिन उसमें स्पर्म नहीं होगा. इसलिए लक्षण का पता नहीं लगता लेकिन कुछ मामलों में यौन इच्छाओं में जब कमी होने लगे तो इसकी जांच करानी चाहिए. वहीं कुछ मामलों में अगर टेस्टिस में इंफेक्शन के कारण गांठ बन गया तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. इसके अलावा संबंध बनाते समय इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी इसके लक्षण हो सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-पेट का फूलना और गैस प्रोब्लम, कहीं आंत में छेद तो नहीं, एक दिक्कत से बढ़ेगी कई समस्याएं, ऐसे भगाएं इस जालिम को

इसे भी पढ़ें-किन लोगों को है डायबिटीज का ज्यादा खतरा, क्या नौकरी करने वाले को इसका जोखिम है ज्यादा, डॉक्टर से जान लीजिए सच्चाई


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-sperm-count-zero-disease-azoospermia-stop-to-become-father-know-symptoms-and-treatment-8702305.html

Hot this week

आसान है फिटकरी वाला मंजन बनाना, दांतों के पीलेपन से मिलेगा छुटकारा

दांतों की सफेदी न केवल आपकी मुस्कान को...

Topics

These leaves are natural dye, just make a paste and use it like this

Agency:Bharat.one BiharLast Updated:January 25, 2025, 12:11 ISTपतंजलि आयुर्वेदाचार्य...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img