All About Hustle Culture: सोशल्स ऐप के फाउंडर कृतार्थ मित्तल पिछले दिनों बीमार हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. 25 साल के कृतार्थ ने सोशल मीडिया पर बताया कि उनकी तबीयत हसल कल्चर की वजह से बिगड़ी, जिसे आजकल बड़ी संख्या में लोग फॉलो कर रहे हैं. मुंबई में रहने वाले कृतार्थ ने बताया कि रातभर जागना, पर्याप्त नींद न लेना और खराब खान-पान जैसी लाइफस्टाइल के कारण अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और इमरजेंसी में उन्हें हॉस्पिटल जाना पड़ा. मित्तल ने बताया कि एक सुबह जब वे उठे तो उन्हें तेज सिरदर्द और लगातार उल्टियां हो रही थीं.
कृतार्थ मित्तल ने यह भी बताया है कि कॉलेज के दिनों से ही वे खराब लाइफस्टाइल फॉलो कर रहे थे और यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि अनहेल्दी आदतें सेहत के लिए कितनी नुकसानदायक हो सकती हैं. मित्तल ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि हसल कल्चर की कीमत चुकानी पड़ती है. कुछ तो आपको तुरंत चुकानी पड़ती है और कुछ दशकों बाद चुकानी पड़ती है. उन्होंने लोगों से अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की अपील की है. मित्तल ने यह भी साफ किया है कि वे काम के चलते अपनी सेहत और खान-पान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है.
आखिर क्या होता है हसल कल्चर?
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनीता अरोरा ने Bharat.one को बताया कि आजकल शहरों में लोगों के पास वक्त की कमी है और वे सफल होने के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करने की कोशिश करते हैं. इसकी वजह से लोग न तो सही समय पर खाना खाते हैं और न ही पर्याप्त नींद ले पाते हैं. इस तरह के कल्चर का ट्रेंड बड़े शहरों में बढ़ रहा है और ओवरवर्क के इस ट्रेंड को हसल कल्चर (Hustle Culture) कहा जा रहा है. इस ट्रेंड की वजह से लोगों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित हो रही है. यह कल्चर हार्ट हेल्थ के लिए ज्यादा खतरनाक है.
हार्ट हेल्थ के लिए यह कल्चर खतरनाक
डॉक्टर वनीता अरोरा ने बताया कि हसल कल्चर का असर वैसे तो ओवरऑल हेल्थ पर होता है, लेकिन इससे कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है. हसल कल्चर की दीवानगी लोगों को दिल का मरीज भी बना सकती है. हसल कल्चर में लोग समय की कमी के बावजूद ज्यादा काम करते हैं और उसके तनाव की वजह से खुद को बर्नआउट कर लेते हैं. इससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है.
जब आप ज्यादा स्ट्रेस मे होते हैं, तब आपके हार्ट को खून की सप्लाई करने वाली वेसल्स पर बुरा असर पड़ता है और ब्लड फ्लो बाधित हो सकता है. हसल कल्चर में अत्यधिक तनाव से स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी की चपेट में आ सकते हैं. इस कंडीशन में हार्ट की मसल्स कमजोर हो जाती हैं और हार्ट की फंक्शनिंग कम होने लगती है. वैसे तो यह कंडीशन रिवर्स हो सकती है, लेकिन लापरवाही से गंभीर हो जाती है.
कैसे पा सकते हैं हसल कल्चर से छुटकारा?
हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि हसल कल्चर कॉरपोरेट और मल्टीनेशनल कंपनियों का कल्चर है, जो अब भारत में भी अधिकतर कंपनियों में फॉलो किया जा रहा है. यह कल्चर आपकी सेहत बर्बाद कर सकता है, इसलिए सभी को इससे छुटकारा पाने के लिए प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को सेपरेट करना होगा. इस कल्चर से बचने के लिए आप ऑफिस का काम निश्चित समय में ही करें और स्ट्रेस को हावी न होने दें. काम के बाद कुछ वक्त रिलेक्स होने के लिए निकालें. हसल कल्चर से राहत पाने के लिए ऑफिस का काम घर तक न लाएं और अपनी फैमिली के साथ कुछ वक्त जरूर बिताएं.
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FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 08:17 IST
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