PM Modi Navratri Fasting Story: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नियम निष्ठा के बेहद पक्के हैं. यह बात हम सबको पता है कि वे नवरात्रि के दौरान पूरे नियम निष्ठा के साथ 9 दिन तक उपवास रखते हैं. बचपन से ही यह उनके संस्कारों में बसा हुआ है. वे साल में दो बार चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के दौरान उपवास रखते हैं. इस दौरान पानी और नींबू के सिवा एक तिनका भी मुंह में नहीं लेते.व्यक्तिगत अनुशासन के प्रति पीएम मोदी इतने समर्पित हैं कि चाहे कितना भी व्यस्त दिनचर्या क्यों न हो, वे हर साल ऐसा जरूर करते हैं. कई बार ऐसे कठिन मौके आए जिनमें फास्ट रखना उनके लिए चुनौतियों से भरा रहा. चाहे वह पांच दिनों का 2014 में अमेरिका प्रवास का व्यस्त दिनचर्या हो, राष्ट्रपति बराक ओबमा का रात्रि भोज या प्रिंस विलियम के सम्मान में शाही भोज हो, पीएम नरेंद्र मोदी का विल पावर इतना दृढ़ है कि वे अपने इस संस्कार से टस से मस नहीं हुए हैं. 9 दिनों तक फास्ट रखने के बावजूद आज तक आपने कभी नहीं सुना होगा पीएम को किसी तरह की हेल्थ की समस्या हुई हो.
नवरात्रि में गुजरात को मिस करते हैं पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के अपने प्रवास में पहले नवरात्रि के दौरान काफी आनंद लिया करते थे लेकिन पीएम बनने की बाद उनकी व्यस्तताओं ने इस आनंद में खलल डाला. अब वे हर साल गुजरात इन नवरात्रि के दौरान जा भी नहीं पाते हैं. 2022 में नवरात्रि के समय ही गुजरात के एक सभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दर्द को हल्के-फुल्के अंदाज में बयां किया था. उन्होंने कहा ता कि अब वे चाहने के बावजूद भी सूरत नू जमान और भावनगरी गठिया का आनंद नहीं ले पा रहे हैं. गुजराती में एक कहावत है कि सूरज नु जमान, काशी नु मरण. यानी सूरत में भोजन करना और वाराणसी में मरना, स्वर्ग का रास्ता है. इस बार भी उनकी दो दिवसीय गुजरात यात्रा काफी व्यस्तताओं से भरा रहा जिनमें उन्हें दर्जनों प्रोजेक्ट का उद्घाटन करना पड़ा. उन्होंने 29 हजार करोड़ की लागत वाली कई विकास योजनाओं का शिलान्यास किया तो वंदेभारत एक्सप्रेस और अहमदाबाद मेट्रो का उद्घाटन भी किया. उन्होंने राष्ट्रीय खेलों का भी शुभारंभ किया. सूरत में अहमदाबाद मेट्रो और ड्रीम सिटी का उद्घाटन किया. इसके अलावा वनगर में दुनिया के पहले सीएनजी टर्मिनल की नींव रखी और बेहद खास नवरात्रि उत्सव में भाग लिया.
ओबामा के रात्रिभोज में भी फास्ट
पीएम मोदी के लिए नवरात्रि कई बार ऐसे मौके लेकर आए जब उन्हें दुनिया के कई देशों का दौरा करना पड़ा और विश्व के शक्तिशाली नेताओं से मुलाकात भी करना पड़ा. इस दौरान उन्हें पानी पीने तक की फुर्सत नहीं मिली. 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवरात्रि के दौरान ही अमेरिकी की यात्रा पर गए थे. तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के वे खास मेहमान थे और उन्होंने पीएम मोदी के लिए खास डिनर का भी इंतजाम किया था लेकिन इतने महत्वपूर्ण अवसर पर भी पीएम मोदी ने अपने अनुशासन और संस्कार को तरजीह दी और उपवास को नहीं तोड़ा. आप समझ सकते हैं कि इस रात्रि भोज में किस तरह से लजीज भारतीय पकवान बने होंगे. जब सारे अतिथि इस डिनर का आनंद ले रहे थे तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल पी रहे थे. बराक ओबामा यह देखकर काफी आश्चर्यचकित हुए थे.
अमेरिका में पांच दिनों तक सिर्फ पानी पर
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम उस समय पीएमओ में अधिकारी थे और उस यात्रा के भागीदार थे. उन्होंने उस डिनर को याद करते हुए कहा कि हम सब इस यात्रा में पूरे 5 दिन अमेरिका में रूके थे और पीएम ने इस पूरे पांच दिन पानी के सिवा और कुछ नहीं लिया. उनका कार्यक्रम 8 बजे सुबह से लेकर रात के 9-10 बजे तक पैक रहता था. उनकी स्टेमिना और डेडिकेशन न सिर्फ हम लोगों को हैरानी में डाल रहा था बल्कि अमेरिकन डिप्लोमेट भी पीएम को देखकर हतप्रभव रह गए थे.
फास्ट में भाषण के बाद 700 लोगों के साथ मुलाकात
इस पांच दिवसीय अमेरिकी यात्रा के दौरान ही पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वैयर गार्डेन के सेंट्रल पार्क में 60 हजार भारतीयों के बीच ऐतिहासिक भाषण दिया था.आपको यह जानकर हैरानी होगी फास्ट में रहते हुए पीएम मोदी ने भाषण दिया और करीब 700 एनआरए के समूह के साथ निजी मुलाकात भी की. उस समय इस आयोजन के संगठनकर्ता डॉ. भरत बराई कहते हैं, “हमें पता था कि मोदी जी फास्ट कर रहे हैं, इसलिए हमलोगों को कोई उम्मीद नहीं थी वे हमलोगों से मिलेंगे.लेकिन फास्टिंग के बावजूद सेंट्रल पार्क में उन्होंने भाषण दिया और हमलोगों से मुलाकात की और न सिर्फ मुलाकात की बल्कि हम लोगों के विभिन्न समूहों के साथ फोटो भी खिंचवाई.”
1991 में सोमनाथ से अयोध्या रथ यात्रा
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जब लालकृष्ण आडवाणी ने 1991 में अयोध्या से सोमनाथ तक ऐतिहासिक रथ यात्रा निकाली थी तो उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात बीजेपी के महासचिव थे. उनके उपर गुजरात में आडवाणी की रथ यात्रा का प्रबंध का भार था. लेकिन उस समय नवरात्रि थी. पीएम मोदी उस समय भी उपवास कर रहे थे और उपवास करते हुए गुजरात में इस रथ यात्रा का ऐतिहासिक प्रबंध किया था जिसमें यह रथ यात्रा गुजरात के 600 गांवों से निकली थी.लेकिन इस दौरान 9 दिनों तक उनके मुंह में पानी के सिवा एक तिनका भी नहीं गया. इतना ही नहीं वे पूरे देश में रथ यात्रा के साथ बने रहे थे.
शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में
2022 में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या हो गई थी. उनका अंतिम संस्कार 27 सितंबर को होना तय हुआ. शिंजो अबे पीएम नरेंद्र मोदी के घनिष्ठ मित्र थे. वे अक्सर इस बात का जिक्र करते थे. शिंजो अबे सिर्फ तीन लोगों को सोशल मीडिया पर फॉलो करते थे जिनमें प्रमुख नाम पीएम मोदी का था. 27 सितंबर को भी नवरात्रि थी लेकिन
तीनों लोकसभा चुनाव में उपवास
यह भी संयोग रहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब तक हुए तीनों लोकसभा चुनाव यानी 2014, 2019 और 2024 चैत्र नवरात्रि में ही हुआ. और इन तीनों चुनाव के दौरान बिना एक कतरा मुंह में लिए वे 9 दिनों तक धुआंधार चुनाव प्रचार करते रहे.
शाही दावत छोड़ी
महान बैडमिंटन प्लेयर पुलैला गोपीचंद एक वाकये को याद कर बताते हैं, “एक बार डचेज ऑफ कैंब्रिज और ड्यूक ऑफ कैंब्रिज भारत की यात्रा पर आए थे. पीएम मोदी ने हैदरावाद हाउस में उन दोनों के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया था. इस भोज में हमें भी आमंत्रण मिला था.मेरा टेबल प्रधानमंत्री और कई ब्रिटिश अधिकारियों के साथ लगा हुआ था. हम लोग सात से आठ थे.जब हम खा रहे थे तो पीएम साहेब सिर्फ हल्के गर्म पानी का शिप ले रहे थे. उन्होंने एक तिनका दाने पर हाथ तक नहीं रखा. उनका अनुशासन और आत्म संयम हमें अंदर तक प्रभावित कर दिया. खासकर उन मौकों पर जब शाही दावत का आयोजन हो रहा हो. यह हमारे अतिथियों के लिए भी हैरान करने वाली बात थी. “
कच्छ पुनर्वास के दौरान भी उपवास
सितंबर 2001 में नरेंद्र मोदी को अचानक गुजरात का सीएम बनाया गया. उनके उपर सबसे बड़ी जिम्मेदार कच्छ भूकंप में ध्वस्त हुए घरों का पुनर्निर्माण करना था. पीएम नरेंद्र मोदी का सबसे पहला टास्क यही था. उस समय सीएम टीम में शामिल आनंदी बिन पटेल कहती हैं कि मोदीजी सुबह से लेकर देर रात तक कच्छ में ही अपना समय बिताते थे. वे विभिन्न परियोजनाओं का जायजा लेते थे और मौके पर मौजूद रहते थे. हम सब उनके साथ ही थे.उस दौरान भी नवरात्रि थी. जब हम सब खा रहे होते थे तो वे केवल पानी पीकर रहते थे. कभी-कभी उसमें लेमन जूस या शहद मिला दिया करते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन का दोस्त त्रिलोक नायक बताते हैं कि जब मोदी जी टीनएज में होंगे तभी से उन्होंने दोनों नवरात्रि के दौरान उपवास करना शुरू कर दिया था. उनकी आध्यात्मिक भूख भी बचपन से ही थी जो उनके हिमालय और अन्य आध्यात्मिक केंद्रों में किशोरावस्था के अंतिम वर्षों के दौरान गहरा हुआ. तब से ही उन्होंने नवरात्रि का उपवास बेहद अनुशासन के साथ पूरा किया है.
FIRST PUBLISHED : October 7, 2024, 17:48 IST
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