Last Updated:
Wild bitter gourd benefits: मध्यप्रदेश का जंगली तीखुर एक शक्तिशाली औषधीय पौधा है, जिसे आदिवासी और पारंपरिक वैद्य दशकों से उपयोग कर रहे हैं. यह अश्वगंधा से भी बेहतर माना जाता है.
Wild bitter gourd health benefits: मध्यप्रदेश की धरती प्राकृतिक खजानों से भरी पड़ी है. यहां के घने जंगल न सिर्फ वन्यजीवों का घर हैं, बल्कि औषधियों का भी भंडार छिपाए हुए हैं. इन्हीं में से एक अद्भुत औषधीय पौधा है – जंगली तीखुर, जिसे ताकत के मामले में अश्वगंधा से भी श्रेष्ठ माना जाता है. आदिवासी समाज और पारंपरिक वैद्य इसे वर्षों से अपनी दवाओं में इस्तेमाल करते आ रहे हैं.
डॉक्टर अनिल पटेल बताते है कि जंगली तीखुर एक बहुमूल्य औषधीय पौधा है, जिसकी जड़ और कंद से औषधि तैयार की जाती है. यह पौधा नमी वाले वनों में प्राकृतिक रूप से उगता है. दिखने में यह साधारण लगता है, लेकिन इसके गुण असाधारण हैं. कहा जाता है कि अगर कोई कमजोर व्यक्ति इसे नियमित रूप से सेवन करे, तो धीरे-धीरे उसका शरीर मजबूत और ऊर्जा से भरपूर हो जाता है.
तीखुर के औषधीय गुण
जंगली तीखुर को प्राकृतिक टॉनिक माना जाता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, खनिज और आवश्यक विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. ये तत्व शरीर को ताजगी और ताकत प्रदान करते हैं.
पाचन शक्ति बढ़ाता है – यह पेट संबंधी विकार जैसे गैस, अपच और कब्ज को दूर करता है.
रक्त शोधन में सहायक – तीखुर का सेवन रक्त को शुद्ध करता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालता है.
ऊर्जा का संचार – यह थके हुए और कमजोर व्यक्तियों को नई ऊर्जा देता है. आदिवासी समाज में मजदूरी करने वाले लोग इसे खाने के बाद घंटों मेहनत कर लेते हैं.
मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभकारी – तीखुर मूत्र रोग, जलन और पथरी जैसी समस्याओं में राहत देता है.
त्वचा रोग और अल्सर में उपयोगी – इसका लेप लगाने से त्वचा की जलन और घाव भरने में मदद मिलती है.
ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में इसे अक्सर प्राकृतिक ताकतवर औषधि कहा जाता है. लोग मानते हैं कि जैसे अश्वगंधा शरीर को मजबूत बनाता है, वैसे ही जंगली तीखुर उससे कहीं ज्यादा तेजी से असर दिखाता है. यही कारण है कि मजदूर, किसान और पहलवान इसे अपनी ताकत बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
पारंपरिक उपयोग
स्थानीय लोग जंगली तीखुर के कंद को सुखाकर उसका चूर्ण बनाते हैं. इस चूर्ण को दूध या पानी के साथ मिलाकर पिया जाता है. कुछ जगहों पर इससे हलवा और शर्बत भी बनाया जाता है, जो गर्मियों में शरीर को ठंडक और स्फूर्ति प्रदान करता है.
एक्सपर्ट डॉक्टर अनिल पटेल ने Bharat.one से बातचीत में कहा आज जब लोग महंगी दवाओं और सप्लीमेंट्स पर निर्भर हो रहे हैं, वहीं यह प्राकृतिक औषधि बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को ताकतवर बना सकती है. शोधकर्ता भी अब जंगली तीखुर के गुणों पर वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं, ताकि इसकी असली क्षमता को दुनिया के सामने लाया जा सके.
डॉक्टर अनिल पटेल कहते है कि जंगली तीखुर केवल एक पौधा नहीं, बल्कि प्रकृति का अनमोल उपहार है. कमजोर से कमजोर आदमी को यह पहलवान बना सकता है. यह सच है कि अश्वगंधा को अब तक सबसे बड़ी औषधि माना जाता रहा है, लेकिन जंगली तीखुर के गुण उसे उससे कहीं अधिक शक्तिशाली साबित करते हैं. अगर इस जड़ी-बूटी को सही तरीके से संरक्षित और उपयोग किया जाए, तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी वरदान साबित होगी.

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a… और पढ़ें
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-wild-bitter-gourd-health-benefits-wild-plant-is-power-house-of-ashwagandha-and-shilajit-local18-9641530.html