5 Stages of Banana Ripeness and benefits: केला (Banana) सालों भर मिलता है. अन्य फलों के मुकाबले केला सस्ता होता है, इसलिए इसे अधिकतर लोग खाते भी हैं. इसके फायदे भी ढेरों होते हैं. खासकर, शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देने के लिए केला खाना बेस्ट होता है, तभी एथलीट्स, जिम में वर्कआउट करने वाले, बॉडी बिल्डर, खिलाड़ी बीच-बीच में ब्रेक लेकर केला जरूर खा लेते हैं. केला खाना हेल्दी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि केला भी कई स्टेज में पकता है और ये सभी अलग-अलग फायदे देते हैं. ऐसे में कब और कितना पका केला खाना चाहिए, जानिए यहां.
केले के पकने के 5 चरण और उनके लाभ
– Organifi नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर केले के पकने के स्टेज और उनके फायदों के बारे में एक पोस्ट शेयर किया है. इनके अनुसार, एक केला पांच स्टेज में पकता है. पहले केला हरा या अधपका (underripe) होता है, फिर हल्का पका, (Barely ripe), पका हुआ (Ripe), अधिक पका (Very ripe) और हद से ज्यादा पका (Overripe).
जैसा कि ऊपर आपको बता चुके हैं कि केले के पकने के 5 चरण होते हैं और हर चरण स्वास्थ्य को कुछ न कुछ फायदे पहुंचाता है. केले स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि उनके पकने के आधार पर अलग-अलग स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं. चलिए जानते हैं हर स्टेज में कैसे फायदा पहुंचाता है केला.
हरे केले- ये कच्चे, सख्त और स्वाद में थोड़े कड़वे होते हैं. इसमें रेसिस्टेंट स्टार्च भरपूर होता है, जो आंतों को हेल्दी रखता है. पाचन प्रणाली को सपोर्ट करता है. आप कच्चे केले खाएंगे तो लंबे समय तक पेट भरा हुआ रखने में मदद करता है. ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है. कच्चे केले की सब्जी, भरता, नमकीन चिप्स आदि बनाकर खा सकते हैं.
हल्का पका केला- बहुत थोड़ा या हल्का पका हुआ केला फाइबर से भरपूर होता है. हालांकि, इसमें शुगर की मात्रा पूरी तरह से पके केले की तुलना में कम पके केले में काफी कम होती है. ये पेट को भरा रखते हैं. ब्लड शुगर नहीं बढ़ाते. शुगर इंटेक को मैनेज करने के लिए आप हल्का पके केले का सेवन कर सकते हैं.
पका केला- पूरी तरह से पके केले एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करती है. पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है. ये नेचुरली स्वाद में मीठे होते हैं. पके केले को पचाना भी आसान होता है. इसे आप ऐसे ही खा सकते हैं या फिर स्मूदी,बनाना शेक पी सकते हैं.
अधिक पका केला- इस तरह के केले थोड़े अधिक पके होते हैं और गले लगते हैं. इस तरह के केले के छिलके पर भूरे धब्बे बन जाते हैं. ये बहुत अधिक मीठे होते हैं. शुगर की मात्रा भी काफी अधिक हो जाती है. इस स्टेज में आने पर केले में मौजूद कुछ विटामिंस भी कम हो जाते हैं. हालांकि, तुरंत एनर्जी पाने के लिए ये बेस्ट है.
हद से ज्यादा पका केला- इस स्टेज में आकर अत्यधिक पका हुआ केला खाने लायक नहीं रहता है. लोग आमतौर पर बहुत अधिक गलगले केले को फेक देते हैं. ये नेचुरल शुगर से भरपूर होते हैं. फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है. स्वीट क्रेविंग को संतुष्ट करने के लिए इस तरह का केला खाना सही है.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-do-you-know-these-5-stages-of-banana-ripeness-and-what-are-their-health-benefits-how-and-when-to-eat-banana-in-hindi-9127166.html