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World Kidney Day 2025: अनहेल्दी खान-पान, ज्यादा दवाओं का इस्तेमाल और डायबिटीज के कारण किडनी की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. डॉक्टर्स की मानें तो लोगों को नमक और प्रोटीन का इनटेक बैलेंस्ड रखना चाहिए, ताकि किडन…और पढ़ें

किडनी की बीमारियां भारत में लगातार बढ़ रही हैं.
हाइलाइट्स
- किडनी बीमारियों का मुख्य कारण डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है.
- पेनकिलर्स और प्रोटीन सप्लीमेंट्स का अधिक सेवन किडनी को नुकसान पहुंचाता है.
- संतुलित आहार और समय पर जांच से किडनी डिजीज की रोकथाम की जा सकती है.
Kidney Disease Main Causes: वर्तमान समय में किडनी की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. कम उम्र के लोग भी किडनी स्टोन जैसी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं. किडनी हमारे शरीर से वेस्ट प्रोडक्ट को निकालने का काम करती है और इसमें कोई भी परेशान आ जाए, तो पूरे शरीर का सिस्टम हिल जाता है. आजकल की खराब लाइफस्टाइल, बढ़ता प्रदूषण, पेनकिलर्स, एंटासिड और प्रोटीन सप्लीमेंट्स का ज्यादा सेवन भी किडनी की सेहत को खराब कर रहा है. रोज पेनकिलर्स और एंटासिड लेना भी किडनी के लिए नुकसानदायक हो सकता है. डॉक्टर्स की मानें तो भारत में डायबिटीज भी किडनी डिजीज का सबसे बड़ा कारण बन रही है. इस बार 13 मार्च को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जा रहा है. इस मौके पर डॉक्टर्स से किडनी डिजीज से बचने के तरीके जानते हैं.
नई दिल्ली के MASSH हॉस्पिटल के यूरोलॉजी, एंड्रोलॉजी और यूरो-ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. अंकित गोयल ने बताया कि भारत में किडनी डिजीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. खासकर 40-70 साल के लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा किडनी की बीमारियों के मुख्य कारण हैं, लेकिन एयर पॉल्यूशन, खराब खान-पान और बिना फिजिकल एक्टिविटी वाली लाइफस्टाइल से यह समस्या कम उम्र में भी दिखने लगी है. दर्द निवारक दवाओं, प्रोटीन और क्रिएटिन सप्लीमेंट्स का ज्यादा उपयोग भी किडनी पर दबाव डालता है. थकान, पैरों या चेहरे पर सूजन, झागदार पेशाब और हाई ब्लड प्रेशर जैसे लक्षण नजरअंदाज न करें. समय पर जांच और हेल्दी डाइट से किडनी डिजीज की रोकथाम कर सकते हैं.
ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी डॉ. संकेत किशोर पाटिल ने बताया कि किडनी की बीमारियों की रोकथाम के लिए समय पर स्क्रीनिंग बेहद जरूरी है. संतुलित आहार, दवाइयों का सही तरीके से उपयोग और लाइफस्टाइल में सुधार से किडनी को स्वस्थ रखा जा सकता है. सही समय पर निर्णय लेने से किडनी फेल्योर जैसी गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है. किडनी की बीमारी होने पर शुरुआती स्टेज में कोई लक्षण नजर नहीं आता है. हालांकि पैरों व आंखों के आसपास सूजन, ब्लड प्रेशर का बढ़ना, झागदार या पेशाब में खून आना, अत्यधिक थकान जैसे लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच कराएं. इसमें लापरवाही न करें, वरना समस्या ज्यादा बढ़ सकती है.
डॉक्टर्स का कहना है कि किडनी की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को नमक और प्रोटीन का सेवन कम करना चाहिए. इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने और बीमारी की प्रोग्रेस को धीमा करने में मदद मिलती है. डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को हर साल किडनी की जांच करानी चाहिए ताकि समय पर बीमारी का पता लग सके. शुरुआती में किडनी रोग का पता लगने पर सही डाइट और दवाओं से बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है. समय-समय पर अपना चेकअप कराना चाहिए और किसी तरह की परेशानी दिखने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए.
March 13, 2025, 11:27 IST
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-world-kidney-day-2025-excessive-salt-and-protein-intake-causes-kidney-problems-doctor-explains-9098346.html