Last Updated:
Health tips : इसका पौधा भले ही जहरीला हो, लेकिन सही तरीके से इस्तेमाल करने पर यह कई गंभीर बीमारियों में रामबाण औषधि की तरह काम करता है. शरीर से विषाक्त तत्वों को निकालकर प्राकृतिक उपचार का रास्ता खोलता है.

सत्यानाशी पौधे को अंग्रेजी में Argemone Mexicana कहा जाता है. ये एक जंगली पौधा है जो सड़क किनारे, खेतों और बंजर जमीनों पर अपने आप उग आता है. इसके पत्ते कांटेदार होते हैं और फूल पीले रंग के, जो देखने में सुंदर लगते हैं.

इसे जहरीला माना जाता है, लेकिन आयुर्वेद में सत्यानाशी को कई औषधीय गुणों के लिए उपयोग किया जाता है. सही मात्रा और तरीके से इस्तेमाल करने पर यह कई बीमारियों में लाभदायक है.

सत्यानाशी का रस या उसका तेल त्वचा से जुड़ी समस्याओं जैसे खुजली, फोड़े-फुंसी, दाद, एक्जिमा और सोरायसिस में बेहद प्रभावी माना जाता है. इसके पीले रस (लेटेक्स) को प्रभावित जगह पर लगाने से संक्रमण और सूजन में राहत मिलती है. हालांकि, इसका उपयोग विशेषज्ञ की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए, क्योंकि गलत मात्रा में यह त्वचा को जला भी सकता है.

आयुर्वेदिक ग्रंथों में सत्यानाशी के बीजों का उपयोग पेट के कीड़ों और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में बताया गया है. इसकी जड़ का काढ़ा पाचन को बेहतर बनाता है और गैस की समस्या को कम करता है. लेकिन इसे बहुत कम मात्रा में ही लिया जाता है, क्योंकि इसकी अधिक मात्रा शरीर के लिए विषैली हो सकती है.

सत्यानाशी के पत्तों का लेप गठिया, जोड़ों के दर्द या सूजन पर लगाने से आराम मिलता है. इसमें प्राकृतिक रूप से एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो दर्द को कम करने में मदद करते हैं.

लोक चिकित्सा में सत्यानाशी का उपयोग मलेरिया जैसे बुखार को कम करने के लिए भी किया जाता रहा है. इसकी जड़ या पत्तों का काढ़ा शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है.

ग्रामीण इलाकों में सत्यानाशी के रस को पानी में मिलाकर कुल्ला किया जाता है. इससे दांतों के दर्द, सूजन और बदबू जैसी समस्याओं में राहत मिलती है.

सत्यानाशी एक विषैला पौधा है, इसलिए इसे स्वयं प्रयोग न करें. आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में ही इसका उपयोग सुरक्षित माना जाता है.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/health-satyanashi-phool-ke-fayde-argemone-mexicana-benefits-local18-9705728.html