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Cotton Flower Benefits: अगर आपको कहीं कपास का फूल मिल जाए तो उसे घर जरूर लाइए. उसके बाद आयुर्वेद में बताए ये प्रयोग कीजिए, यकीन मानिए ऐसी कई समस्याएं दूर होंगी, जिसके लिए आप महंगी दवा खा रहे थे…

कपास के औषधीय गुण जान हो जायेंगे हैरान, महिलाओं के मासिकधर्म से लेकर गर्भ निरोधक
हाइलाइट्स
- फूल से थकान, प्यास और त्वचा की रंगत में सुधार होगा
- मासिक धर्म के दर्द और हिस्टीरिया में राहत देगा
- जले के निशान हटाने और घाव ठीक करने में उपयोगी
Health Tips: सामान्य सा दिखने वाला कपास का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है. बुखार, पित्त दोष और वात में कपास का उपयोग लोग करते आ रहे हैं. लेकिन, रीवा आयुर्वेद हॉस्पिटल के डीन डॉ. दीपक कुलश्रेष्ठ इस पौधे के कुछ और खास उपयोग बताए हैं, जो प्राचीन काल से चले आ रहे हैं और कम लोगों को ही पता हैं. कपास के रेशे के अलावा, इसके बीज और फूल भी उपयोगी होते हैं. कपास के फूल सफेद, पीले या गुलाबी रंग के होते हैं. आयुर्वेद में इनका औषधीय महत्व बहुत अधिक है.
कपास के फूलों में ज्यादा अमृत (मधुर रस) होता है. ये मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं. ये 3 महत्वपूर्ण तत्वों वात, पित्त, कफ और उनसे संबंधित बीमारियों को नियंत्रित करने में कारगर माना गया है. फूलों की पंखुड़ियों का सेवन करने से माताओं में दूध बढ़ता है. पंखुड़ियां शरीर को ताकत देती हैं. त्वचा की रंगत निखारती हैं. प्यास, थकान आदि को नियंत्रित करती हैं. इसका रस दौरे, ऊर्जा की कमी, चेतना की हानि, लू आदि में त्वरित कायाकल्प के रूप में उपयोगी हो सकता है.
मासिक धर्म के दर्द से दिलाए आराम
कपास की पंखुड़ियों, कपास के पत्तों और बांस के पत्तों का रस बराबर मात्रा में लेकर पानी में उबालकर चाशनी बना लें. इस रस को 1-1 छोटा कप दिन में 3 बार मासिक धर्म के दौरान पीने से दर्द दूर हो जाता है.
हिस्टीरिया और भय का इलाज
10 मिलीलीटर कपास के फूलों का रस निकालें और उसमें 2 ग्राम केसर को 1 चम्मच शहद के साथ मिलाएं. इस मात्रा का प्रतिदिन सेवन करने से मन से जुड़े सभी डर, कमजोरियां और भय दूर हो सकते हैं.
जली त्वचा के निशान हटा देगा!
कपास के फूलों को पीसकर गाढ़ा पेस्ट बना लें. इसे क्रीम की तरह पहले दर्जे के जले हुए भाग पर लगाने से घाव ठीक हो जाते हैं. इससे त्वचा का रंग भी जल्दी साफ होता है. जले हुए निशान भी दूर होते हैं.
इन बीमारियों को करेगा दूर
कपास का उपयोग मतली, बुखार, सिरदर्द, दस्त, पेचिश, तंत्रिका दर्द और रक्तस्राव के लिए किया जाता है. महिलाएं मासिक धर्म संबंधी विकारों और रजोनिवृत्ति के लक्षणों के लिए कपास का उपयोग करती हैं. वे इसका उपयोग प्रसव पीड़ा और बच्चे के जन्म के साथ-साथ प्रसव के बाद के मल को बाहर निकालने के लिए भी करती हैं. कुछ महिलाएं दूध उत्पादन में सुधार के लिए कपास का उपयोग करती हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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