छतरपुर. सोचिए क्या होगा यदि किसी टूथपेस्ट से भी शानदार चीज आपको प्रकृति से मिल जाए. जिले में एक ऐसा पौधा भी पाया जाता है जिसके उपयोग के बारे में कम ही लोग जानते हैं. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि इस पौधे की दातून कऱने से गंदे दांत भी साफ़ हो जाते हैं. साथ ही दांत दर्द, पायरिया, मूंह के छाले और घाव भी ठीक हो जाते हैं.
आयुर्वेद डॉक्टर आरसी द्विवेदी Bharat.one से बातचीत में बताते हैं कि अपामार्ग को चिरचिटा, लटजीरा, चिरचिरा,अझ्झर झार या चिचड़ा भी बोलते हैं. यह एक बहुत ही साधारण पौधा है. आपने अपने घर के आस-पास, जंगल-झाड़ या अन्य स्थानों पर अपामार्ग का पौधा देखने को मिल जाता है. अपामार्ग की पहचान नहीं होने के कारण ज्यादातर लोग इसे बेकार ही समझते हैं.
अपामार्ग (लटजीरा) एक जड़ी-बूटी है और इसके कई औषधीय गुण हैं. कई रोगों के इलाज में अपामार्ग (चिरचिटा) के इस्तेमाल से फायदे मिलते हैं. दांतों के रोग, घाव, पाचनतंत्र विकार सहित अनेक बीमारियों में अपामार्ग के औषधीय गुण से लाभ मिलता है. अपामार्ग की मुख्य दो प्रजातियां होती हैं, सफेद अपामार्ग, लाल अपामार्ग, जिनका प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है.
दांत के दर्द में अपामार्ग (चिरचिरा) के फायदे
आरसी द्विवेदी के मुताबिक अपामार्ग के 2-3 पत्तों के रस में रूई को डुबाकर फोया बना लें. इसे दांतों में लगाने से दांत का दर्द ठीक होता है. अपामार्ग की ताजी जड़ से रोजाना दातून करने से दांत के दर्द तो ठीक होते ही हैं, साथ ही दांतों का हिलना, मसूड़ों की कमजोरी, और मुंह से बदबू आने की परेशानी भी ठीक होती है. इससे दांत अच्छी तरह साफ हो जाते हैं.
मुंह के छाले में अपामार्ग (चिरचिरा) के फायदे
आरसी द्विवेदी बताते हैं कि मुंह में छाले होने पर अपामार्ग (लटजीरा) के गुण फायदेमंद होते हैं. इसके लिए अपामार्ग के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारा करें. इससे मुंह के छाले की परेशानी ठीक होती है.
चर्म रोग में भी अपामार्ग (चिरचिरा) के फायदे
आरसी द्विवेदी बताते हैं कि चर्म रोग में अपामार्ग (लटजीरा) से औषधीय गुण से लाभ मिलता है. इसके पत्तों को पीसकर लगाने से फोड़े-फुन्सी आदि चर्म रोग और गांठ के रोग ठीक होते हैं.
घाव होने पर ऐसे करें उपचार
आरसी द्विवेदी बताते हैं कि घाव होने पर सबसे पहले अपामार्ग (लटजीरा) की जड़ को तिल के तेल में पकाकर छान लें. इसे घाव पर लगाएं. इससे घाव का दर्द कम हो जाता है. इससे घाव ठीक भी हो जाता है.
दूसरा तरीका ये है कि लगभग 50 ग्राम अपामार्ग के बीज में चौथाई भाग मधु मिला लें. इसे 50 ग्राम घी में अच्छी तरह पका लें. पकाने के बाद ठंडा करके घाव पर लेप करें. इससे घाव तुरंत ठीक हो जाता है. जड़ का काढ़ा बनाकर घाव को धोने से भी घाव ठीक होता है.
FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 22:59 IST
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https://hindi.news18.com/news/madhya-pradesh/chhatarpur-the-apamarg-plant-is-full-of-medicinal-properties-it-brightens-teeth-and-cures-wounds-use-it-like-this-local18-8943205.html