बहुत से लोग छोटे-छोटे स्वास्थ्य समस्याओं के समय स्थानीय मेडिकल दुकान में जाकर दवाइयाँ खरीदते हैं. इसके बाद, यदि दवाइयों के इस्तेमाल से आराम नहीं मिलता है, तो वे स्थानीय अस्पताल में जाते हैं. लेकिन खासकर जब लोग खुद डॉक्टर को बताए बिना दवाइयाँ लेते हैं, तो डॉक्टर सुस्मिता ने लोकल18 के माध्यम से बताया है कि भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और यह विभिन्न अंगों पर असर डाल सकती हैं.
दवाइयों की उपलब्धता और स्व-चिकित्सा
वर्तमान समय में किसी भी बीमारी के लिए दवाइयाँ उपलब्ध हैं. हालांकि, कोई भी व्यक्ति सीधे मेडिकल दुकान पर जाकर बुखार, खांसी, या जुकाम के लिए दवाइयाँ लेता है. खासकर ग्रामीण और देहाती क्षेत्रों में लोग ज्यादा से ज्यादा स्व-चिकित्सा करते हैं.
दवाइयों के गलत इस्तेमाल के परिणाम
इससे होने वाले परिणामों के बारे में, नकीरेकाल शहर के जनरल फिजीशियन डॉक्टर सुस्मिता ने लोकल18 को जानकारी दी है कि सामान्यतः जब कोई स्वास्थ्य समस्या होती है, तो लोग डोलो 650 या 500 मिलीग्राम की दवा का सेवन करते हैं.
दवाइयों के नियमित सेवन का खतरा
अगर कोई व्यक्ति दर्द की दवाइयाँ लगातार लेता है, तो इससे कोई समस्या नहीं होती, लेकिन अगर इसी तरह से जारी रखा जाए तो व्यक्ति इसे कम होते ही ठीक समझने लगते हैं. अंदर की समस्याएँ स्पष्ट नहीं हो पातीं. इस प्रकार दवाइयाँ लेने से गंभीर होने की संभावना रहती है. बुखार या दर्द जैसी समस्याएँ अगर दो दिन से अधिक समय तक बनी रहती हैं, तो स्थानीय अस्पताल में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
स्वास्थ्य की देखभाल के उपाय
तभी हमारी सेहत ठीक रहती है. एक ही टेबलेट बार-बार लेने से किडनी पर असर पड़ने की संभावना होती है, और कुछ दवाइयाँ प्रभावहीन भी होती हैं. अंत में, पहले किडनी की स्थिति की जाँच करवाना आवश्यक है, उसके बाद उसी के अनुसार दवाइयाँ लेनी चाहिए. इसके साथ ही, कौन सी दवाइयाँ अच्छी होती हैं और कौन सी नहीं, यह जानकर ही डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयाँ ही लेनी चाहिए, ऐसा लोकल18 के माध्यम से बताया गया है.
FIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 12:05 IST
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