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किन लोगों को डरावने सपने आने की संभावना ज्यादा? क्या इससे सेहत पर भी पड़ता है असर, जानें हकीकत



How Nightmares Affect Health: अधिकतर लोगों को नींद में सपने आते हैं और यह एक नेचुरल प्रक्रिया है. कई बार हल्की नींद में ही सपने आने लगते हैं, तो कुछ लोग गहरी नींद में सपने देखते हैं. अक्सर लोगों को सबसे गहरी नींद यानी रैपिड आई मूवमेंट (REM) के दौरान सपने आते हैं. एक व्यक्ति की नींद का लगभग 20 से 25 प्रतिशत हिस्सा सबसे गहरी नींद यानी REM होता है. कई लोगों को अच्छे सपने आते हैं, तो कुछ लोग डरावने सपनों से घबराकर उठ जाते हैं. डरावने सपनों की वजह से लोगों की नींद बार-बार टूटने लगती है और इससे उन्हें सोने में समस्या पैदा होने लगती है. अब सवाल है कि किन लोगों को डरावने सपने आने का रिस्क ज्यादा होता है? इस बारे में समझने की कोशिश करते हैं.

स्लीप फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक सपने देखने का असर लोगों की स्लीप क्वालिटी पर पड़ता है. माना जाता है कि जब लोगों को अच्छे सपने आते हैं, तब वे गहरी नींद में होते हैं. जबकि डरावने सपनों से लोगों की नींद टूट जाती है और स्लीप क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है. रोज आने वाले डरावने सपने नींद की क्वालिटी बिगड़ जाती है और लोग जागने के बाद परेशान महसूस करते हैं. इससे उन्हें गहरी नींद लेने में भी समस्या हो सकती है. कई रिसर्च से यह संकेत मिलता है कि जब कोई व्यक्ति ज्यादा स्ट्रेस और एंजायटी में होता है, तब उसे बार-बार डरावने सपने आ सकते हैं.

कई रिसर्च में पता चला है कि अच्छी नींद का मतलब हमेशा अच्छे सपने नहीं होता है, लेकिन जिन लोगों की नींद खराब होती है, उनमें डरावने और बुरे सपने अधिक देखने की संभावना होती है. इंसोम्निया और नार्कोलेप्सी जैसे स्लीप डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों को डरावने और नेगेटिव सपने ज्यादा आते हैं. डरावने सपने नींद को भी प्रभावित कर सकते हैं और उसे बिगाड़ सकते हैं. यह भी कहा जा सकता है कि खराब नींद बुरे सपनों की वजह बन सकती है और बुरे सपने नींद की गुणवत्ता को खराब कर सकते हैं. हालांकि इस बारे में ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है.

अभी यह जानने के लिए भी रिसर्च की जरूरत है कि क्या अच्छी नींद वास्तव में अच्छे सपनों का कारण बनती है. एक अन्य रिसर्च में अच्छी तरह सोने वालों और खराब नींद लेने वालों के सपनों की तुलना की गई थी. इसमें पता चला कि अच्छी तरह सोने वालों के सपनों में नेगेटिव इमोशंस सकारात्म भावनाओं की तुलना में ज्यादा होते हैं. इस स्टडी में यह चौंकाने वाली बात सामने आई थी. हालांकि अन्य रिसर्च में पाया गया है कि खराब नींद लेने वालों के सपनों में नकारात्मक भावनाएं ज्यादा होती हैं और वे ज्यादा डरावने सपने देखने के शिकार होते हैं. नींद विशेषज्ञ अक्सर बुरे सपनों को कम करने के लिए नींद की गुणवत्ता सुधारने की सलाह देते हैं. इसके लिए सोने का सही वक्त और अच्छी लाइफस्टाइल से फायदा मिल सकता है.

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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-who-is-more-likely-to-experience-nightmares-how-bad-dreams-impact-health-research-reveals-8895465.html

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