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कीड़ा जड़ी, हिमालय और तिब्बत में पाई जाने वाली जड़ी-बूटी है, जो ऊर्जा बढ़ाने और इम्यून सिस्टम मजबूत करने में सहायक है. इसकी कीमत 23 लाख रुपये प्रति किलो तक हो सकती है.

कीड़ा जड़ी को प्राकृतिक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है.
हाइलाइट्स
- कीड़ा जड़ी हिमालय और तिब्बत में पाई जाती है.
- यह जड़ी-बूटी 23 लाख रुपये प्रति किलो तक हो सकती है.
- कीड़ा जड़ी कई बीमारियों के इलाज में सहायक है.
कीड़ा जड़ी एक विशेष जड़ी-बूटी है, जिसे पारंपरिक चिकित्सा में सदियों से उपयोग किया जा रहा है. यह मुख्य रूप से हिमालय और तिब्बत के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाई जाती है. इसे “हिमालय की अनोखी जड़ी-बूटी” भी कहा जाता है. कीड़ा जड़ी को स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान के लिए प्रयोग किया जाता है. हालांकि, इसके कई लाभ हैं, लेकिन इसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में भी जागरूक रहना जरूरी है.
जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान की एक 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, कीड़ा जड़ी का उपयोग चीन और भूटान की पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता रहा है. इसका प्रयोग दस्त, सिरदर्द, खांसी, गठिया, अस्थमा, फेफड़ों के रोग, हार्ट से सबंधित समस्या, यौन समस्याओं, गुर्दे और यकृत रोगों के इलाज के लिए किया जाता है. चीन ने 1964 में इसे एक औषधि के रूप में मान्यता दी थी.
कीड़ा जड़ी को प्राकृतिक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है. यह शरीर की सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे एथलीट और फिटनेस प्रेमी इसका उपयोग करने लगे हैं. कुछ शोधों के अनुसार, यह शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार कर सकती है, जिससे थकान कम होती है और शारीरिक कार्यक्षमता बेहतर होती है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. यह शरीर को संक्रमण से बचाने और बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक हो सकती है.
कीड़ा जड़ी की कीमत बहुत अधिक होती है, क्योंकि यह हिमालयी क्षेत्रों में दुर्लभ रूप से पाई जाती है. जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार, इसकी कीमत प्रति किलो करीब 23 लाख रुपये तक हो सकती है और समय के साथ इसकी मांग और मूल्य में वृद्धि हो रही है. हालांकि, इसके लाभों के बावजूद, कुछ लोगों में कीड़ा जड़ी के सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है. इससे त्वचा पर खुजली, चकत्ते या अन्य एलर्जी प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं. ऐसे मामलों में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए इसका सेवन सुरक्षित नहीं माना जाता, क्योंकि इसकी सुरक्षा पर पर्याप्त शोध नहीं हुए हैं.
इसके अलावा, कीड़ा जड़ी कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है, विशेष रूप से रक्त पतला करने वाली दवाओं और इम्यून सिस्टम को दबाने वाली दवाओं के साथ. इसलिए, किसी भी प्रकार की दवा लेने वाले व्यक्तियों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. अत्यधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे पेट दर्द, गैस या दस्त हो सकते हैं. इसलिए, इसे सीमित मात्रा में और सावधानीपूर्वक सेवन करने की सलाह दी जाती है.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-himalayan-herb-keeda-jadi-a-rare-medicinal-medicine-that-can-cure-more-than-100-disease-price-23-lakh-rupees-9121674.html