Wednesday, November 19, 2025
19 C
Surat

कोशिशों के बाद भी टीबी मरीजों के हालात चिंताजनक, 3 बड़े कारण बीमारी को बना रहे गंभीर, देखें ICMR की रिपोर्ट


Last Updated:

Tuberculosis Disease: देश में टीबी (क्षय रोग) मरीजों की संख्या एकबार फिर बढ़ी है. हालांकि, पिछले दिनों इनकी संख्या में गिरावट देखी गई थी. हाल ही में हुए सर्वे में इन मरीजों की हकीकत को देखा गया. बता दें कि, इस …और पढ़ें

कोशिश के बाद भी टीबी मरीजों के हालात चिंताजनक, 3 कारण बीमारी को बना रहे गंभीर

टीबी की बीमारी को गंभीर बना रहे ये बड़े कारण. (Canva)

हाइलाइट्स

  • टीबी मरीजों की संख्या फिर बढ़ी.
  • 66% बच्चों का टीपीटी इलाज शुरू नहीं हुआ.
  • जागरूकता की कमी और दवा की अनुपलब्धता बड़ी समस्याएं.

Tuberculosis Disease: देश में टीबी (क्षय रोग) मरीजों की संख्या एकबार फिर बढ़ी है. हालांकि, पिछले दिनों इनकी संख्या में गिरावट देखी गई थी. हाल ही में हुए सर्वे में इन मरीजों की हकीकत को देखा गया. बता दें कि, वर्तमान में टीबी के बचाव को लेकर सरकार और स्वास्थ्य संगठनों की तमाम कोशिशें जारी हैं. इसके बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. आईसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक, टीबी मरीजों के परिवारों में 66 फीसदी बच्चों का टीबी रोकथाम इलाज (टीपीटी) शुरू ही नहीं हो पाया है. इस बीमारी को गंभीर बनाने में कई कारण सामने आ रहे हैं. इसमें दवा की अनुपलब्धता एक बड़ा कारण है. आइए जानते हैं क्या कहती है रिपोर्ट-

इंडियन पीडियाट्रिक जर्नल (ICMR) की रिपोर्ट के मुताबिक, टीबी मरीजों के परिवारों में 66 फीसदी बच्चों का टीबी रोकथाम इलाज (टीपीटी) शुरू ही नहीं हो पाया है. सिर्फ 22 फीसदी बच्चों ने ही पूरा कोर्स किया, जबकि 82 फीसदी परिवारों को स्वास्थ्यकर्मियों ने इस कोर्स की जानकारी तक नहीं दी.

बीमारी को गंभीर बना रही ये वजहें

रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे में करीब ढाई हजार टीबी मरीजों के परिवारों को शामिल किया गया. इसमें ज्यादातर में दवा न लेने की कई वजह सामने आई हैं. जैसे- जागरुकता की कमी, दवा की उपलब्धता में कमी और टीबी को लेकर भय आदि. डॉक्टर्स की मानें तो टीबी के प्रति लापरवाही बीमारी को गंभीर रूप दे सकती है.

टीपीटी जरूरी क्यों

प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) संक्रमण वाले लोगों में टीबी रोग विकसित होने का जोखिम अधिक होता है. हालांकि, यह जोखिम कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली की स्थिति है. टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) उन लोगों को दिया जाता है, जो किसी टीबी मरीज के संपर्क में आ चुके होते हैं, लेकिन उन्हें अभी तक संक्रमण नहीं हुआ है. यह दवा संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद करती है, खासकर बच्चों में, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है.

इलाज को लेकर मुख्य समस्याएं

डर-गलतफहमियां: कई परिवारों को लगता है कि बिना टीबी होने के भी दवा लेने से बच्चों पर दुष्प्रभाव हो सकता है. सर्वे के मुताबिक 82 फीसदी मामलों में पैरामेडिकल कर्मचारियों ने परिवारों को टीपीटी की जानकारी ही नहीं दी.

जागरूकता की कमी: 82 फीसदी परिवारों को पता ही नहीं था कि टीबी से बचाव के लिए दवा दी जाती है. 9 फीसदी माता-पिता को लगा कि दवा जरूरी नहीं है. 3 फीसदी मामलों में माता-पिता को साइड इफेक्ट का डर था.

दवा की अनुपलब्धता: कुछ इलाकों में दवा की कमी के कारण बच्चों का इलाज समय पर शुरू नहीं हो पाया. 19 फीसदी मामलों में जानकारी दी गई, लेकिन टीपीटी की दवा नहीं मिली.

homelifestyle

कोशिश के बाद भी टीबी मरीजों के हालात चिंताजनक, 3 कारण बीमारी को बना रहे गंभीर


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-3-major-reasons-tuberculosis-disease-making-serious-66-percent-patients-children-not-started-tpt-treatment-see-icmr-report-9050893.html

Hot this week

aaj ka Vrishchik rashifal 20 November 2025 Scorpio horoscope in hindi effects of Grah Yog

Last Updated:November 20, 2025, 00:07 ISTAaj ka Vrishchik...

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img