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रंगीन अल्ट्रासाउंड विशेष परिस्थितियों में डॉक्टर की सलाह के अनुसार कराया जाता है. इन दिनों बरसात में गर्भवती महिलाओं का डॉ. रुचिका गर्ग ने कहा कि ज्यादा बचाव और ध्यान देने की जरूरत है. गर्भवती महिला घर का बना…और पढ़ें
डॉ. गर्ग ने कहा कि रंगीन अल्ट्रासाउंड विशेष परिस्थितियों में डॉक्टर की सलाह के अनुसार कराया जाता है. इन दिनों बरसात में गर्भवती महिलाओं का ज्यादा बचाव और ध्यान देने की जरूरत है. गर्भवती महिला घर का बना शुद्ध खाना ही खाएं. बाहर का खाना बिलकुल ना खाएं इससे इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है, जोकि जोखिम भरा होता है. प्रेगनेंसी में शुरुआत के तीन महीने महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरुरत है.
आगरा के सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के महिला एवं प्रसूती रोग विभाग की प्रो. डॉ. रुचिका गर्ग ने बताया कि पहला अल्ट्रासाउंड प्रेगनेंसी का पता लगते ही 10 – 15 दिनों के अंदर करा लेना चाहिए. पहले अल्ट्रासाउंड से बच्चे के बाहर आने की तिथि का सही अनुमान लगाया जा सकता है. इस अल्ट्रासाउंड से बच्चा कहाँ है इसबारे में पता लगता है. शुरुआत में बच्चा बच्चेदानी में है या कहीं और उसे चैक किया जाता है. चिकित्सक ने कहा कि शुरुआत में कोई गड़बड़ी दिखने पर उसे उपचार के दौरान सही किया जा सकता है. डॉ. गर्ग ने कहा कि प्रेगनेंसी के दौरान कोई भी लापरवाही ना की जाये. डॉ. रुचिका ने कहा कि जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें इसलिए समय रहते अल्ट्रासाउंड कराना जरूरी है.
गर्भवती महिला दूसर अल्ट्रासाउंड कब कराएं
सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रुचिका गर्ग कहती है कि गर्भवती महिलाओं को दूसरा अल्ट्रासाउंड पांचवे महीने में करा लेना चाहिए. डॉ. ने कहा कि दूसरे अल्ट्रासाउंड के दौरान बच्चे के अंग को चैक किया जाता है. इस दौरान बच्चे के सभी अंग बन चुके होते है. दूसरे अल्ट्रासाउंड में बच्चे की धड़कन को सुना जा सकता है. दूसरे अल्ट्रासाउंड से बच्चे के अंग को देखा जाता है कि कहीं कोई समस्या तो नहीं है, बच्चे की धड़कन सही से धड़क रही है या नहीं. डॉ. रुचिका ने कहा कि इस समय दूसरा अल्ट्रासाउंड कराना बच्चे के लिए जरूरी होता है.
एसएन मेडिकल कॉलेज की डॉ. रुचिका गर्ग ने कहा कि तीसरा अल्ट्रासाउंड महिलाओं को प्रेगनेंसी के 32वें हफ्ते में करा लेना चाहिए. इस अल्ट्रासाउंड से बच्चे की ग्रोथ के बारे में पता लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बच्चे के आस पास कितना पानी है वह इसी अल्ट्रासाउंड से पता लगाया जा सकता है. गर्भवती महिलाओं को कम से कम यह तीन अल्ट्रासाउंड जरूर करवा लेना चाहिए. कुछ विशेष परिस्थितियों में कलर डॉपलर ( रंगीन अल्ट्रासाउंड ) कराया जाता है.
गर्भवती महिलाओं को क्या विशेष सावधानियां बरतनी
डॉ. रुचिका गर्ग ने कहा कि वर्तमान में बरसात का मौसम है. बरसात में किसी भी गर्भवती महिला को बहार का खाना बिलकुल नहीं खाना चाहिए. डॉ. ने कहा कि गर्भवती महिला को घर का बना स्वच्छ और शुद्ध भोजन ही खाना चाहिए. उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में जंग फूड या पैकेट फूड को नहीं खाना चाहिए….
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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