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स्टेलेनबोश विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गांजा की पत्तियों में दुर्लभ फ्लेवोएल्कलॉइड कंपाउंड खोजा, जो कैंसर, मिर्गी, माइग्रेन जैसी बीमारियों की दवा में मददगार हो सकता है.

गांजा में कौन सा कंपाउंड मिला

शोधकर्ताओं ने दक्षिण अफ्रीका में व्यावसायिक रूप से उगाई जाने वाली भांग की तीन किस्मों में 79 फेनोलिक यौगिकों की पहचान की, जिनमें से 25 की पहचान पहली बार भांग में हुई. इनमें से 16 कंपाउंड की अस्थायी रूप से फ्लेवोएल्कलॉइड के रूप में पहचान की गई. दिलचस्प बात यह है कि फ्लेवोएल्कलॉइड मुख्य रूप से केवल एक किस्म की पत्तियों में पाए गए. ये परिणाम हाल ही में जर्नल ऑफ क्रोमैटोग्राफी ए में प्रकाशित हुए हैं.
स्टेलनबोश विश्वविद्यालय में केंद्रीय विश्लेषणात्मक सुविधा (सीएएफ) की एलसी-एमएस प्रयोगशाला में विश्लेषणात्मक रसायनज्ञ और इस शोध पत्र के लेखक डॉ. मैग्रीट मुलर कहते हैं, कि पौधों में पाए जाने वाले फेनोलिक्स का विश्लेषण उनकी कम सांद्रता और अत्यधिक संरचनात्मक विविधता के कारण चुनौतीपूर्ण है. वे कहते हैं कि, अधिकांश पौधों में फेनोलिक यौगिकों का बहुत अधिक जटिल मिश्रण होता है. जबकि, फ्लेवोनोइड्स वनस्पति जगत में व्यापक रूप से पाए जाते हैं, फ्लेवोएल्कलॉइड्स प्रकृति में बहुत दुर्लभ है.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-cannabis-compound-used-for-rare-diseases-treatment-scientists-claim-ws-ln-9614647.html