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Palash ke Ayurvedic Fayde: बसंत के रंगों से सराबोर पलाश का फूल न केवल प्रकृति की सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि यह औषधीय गुणों से भी भरपूर है. आयुर्वेद में इसे पेट के संक्रमण, त्वचा रोग, मधुमेह और घाव भरने के लिए …और पढ़ें

इन दिनों इस फूल की है बहार, आयुर्वेद में इसको कहा गया है औषधीय फूल.
हाइलाइट्स
- पलाश का फूल औषधीय गुणों से भरपूर है.
- पेट संक्रमण, त्वचा रोग, मधुमेह में लाभकारी.
- पलाश के वृक्षों का संरक्षण आवश्यक है.
बसंत की ठंडी हवा और फागुन की मस्ती के बीच जब जंगलों में पलाश के फूल खिलते हैं, तो धरती का सौंदर्य दोगुना हो जाता है. यह केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि प्रकृति की एक अनुपम भेंट भी है, जिसे आयुर्वेद ने औषधीय गुणों का खजाना माना है. टेसू के नाम से पहचाने जाने वाले इस फूल का उपयोग सदियों से पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में किया जाता रहा है.
होली के रंगों से सेहत तक का सफर
पुराने समय में होली के रंगों में रसायनों का उपयोग नहीं होता था. लोग टेसू के फूलों को पानी में भिगोकर उससे प्राकृतिक रंग तैयार करते थे. इसकी सुगंध से न केवल वातावरण महक उठता था, बल्कि त्वचा को भी कोई हानि नहीं होती थी. आज भी आयुर्वेद में इसे विशेष महत्व प्राप्त है.
डॉ. दीपक कुलश्रेष्ठ की राय
रीवा आयुर्वेद हॉस्पिटल के एमडी और प्राचार्य डॉ. दीपक कुलश्रेष्ठ बताते हैं कि पलाश के वृक्ष अब दुर्लभ होते जा रहे हैं. संरक्षण के अभाव में इसके अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. लेकिन यह केवल एक फूल नहीं, बल्कि प्रकृति की अनमोल धरोहर है, जो अनेक रोगों के उपचार में सहायक है.
आयुर्वेद में पलाश के चमत्कारी लाभ
पेट के संक्रमण से राहत
पलाश के बीज में एंटीवर्म गुण होते हैं, जो पेट के कीड़ों को खत्म करने में सहायक होते हैं. अगर किसी को पेट संबंधी समस्याएं हों, तो सुबह खाली पेट इसके पाउडर को शहद के साथ लिया जा सकता है.
दस्त और पेचिश में कारगर
इस फूल में मौजूद एस्ट्रिंजेंट गुण दस्त और पेचिश से राहत दिलाने में मदद करते हैं. इसका नियमित सेवन पेट की सेहत को बनाए रखता है.
मधुमेह में लाभकारी
पलाश के पत्ते शरीर में चयापचय को संतुलित करने में सहायक होते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित रखते हैं. इससे मधुमेह के मरीजों को लाभ होता है.
त्वचा रोगों से मुक्ति
इसके बीजों से तैयार पेस्ट त्वचा रोगों में बेहद प्रभावी है. यह एक्जिमा, खुजली और रूखेपन से राहत दिलाने में मदद करता है.
महिलाओं के लिए उपयोगी
पलाश के पत्तों से बने काढ़े का नियमित सेवन ल्यूकोरिया और योनि संक्रमण जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है.
घाव जल्दी भरने में सहायक
इस फूल के बीजों से बना काढ़ा घावों को जल्दी भरने में मदद करता है और रक्तस्राव को रोकता है. इसे गुलाब जल के साथ मिलाकर लगाने से घाव तेजी से भरता है.
मूत्र संबंधी समस्याओं के लिए उपयोगी
इसका काढ़ा मूत्र प्रवाह को संतुलित करता है और मूत्र अवरोध की समस्या को दूर करने में सहायक होता है.
संरक्षण की आवश्यकता
पलाश केवल एक औषधीय पौधा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है. इसके वृक्षों की कटाई रोकने और अधिक से अधिक पौधे लगाने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी इसके औषधीय लाभ मिल सकें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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