How Much Memory loss is Normal: दुनियाभर में एक बड़ी संख्या में लोग मेमोरी लॉस की समस्या का सामना कर रहे हैं. इसका असर हमारी सोच और याददाश्त पर भी पड़ता है. मेमोरी लॉस होने से लोग चलते-चलते अचानक से रास्ता भूल जाते हैं. उन्हें जाना कहीं होता है, पहुंच कहीं और जाते हैं. हालांकि, सामान्यता ऐसा एक उम्र के बाद लोगों में देखा जाता है. लेकिन, आधुनिक जीवनशैली में युवा पीढ़ी भी इसकी चपेट में आ रही है. भूलने की इस समस्या को लोग अक्सर अल्जाइमर की बीमारी समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है. युवाओं में डिप्रेशन या चिंता की वजह से भी इंसान की याददाश्त कमजोर हो सकती है, जिसे स्यूडोडिमेंशिया कहा जाता है.
स्यूडोडिमेंशिया की इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल और अवसाद है. इस बीमारी के छोटे-छोटे संकेतों को अनदेखा करने से स्थिति गंभीर हो सकती है. इसलिए यदि किसी के साथ ऐसा हो तो अलर्ट होने की जरूरत है. अब सवाल है कि आखिर स्यूडोडिमेंशिया क्या है, जिसमें इंसान की याददाश्त कमजोर होने लगती है? क्या हैं इस बीमारी के लक्षण? परेशानी से बचने के लिए क्या करें? इन सवालों के बारे में Bharat.one को बता रहे हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज के वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. विवेक कुमार-
डॉ. विवेक बताते हैं कि, मेमोरी लॉस में उम्र का असर शरीर के बाकी हिस्सों की तरह मस्तिष्क की कोशिकाओं पर भी पड़ता है. क्योंकि, उम्र बढ़ने पर वे सिकुड़ने लगती हैं. कोशिकाएं अन्य न्यूरॉन्स के साथ कम संबंध बनाए रख पाती हैं और अन्य न्यूरॉन्स को संदेश भेजने के लिए जरूरी रसायनों को भी कम स्टोर कर पाती हैं. हालांकि, ये जरूरी नहीं कि सभी मेमोरी लैप्स के मामले उम्र में बदलाव से संबंधित हों. क्योंकि, कई बार थकावट, चिंता या फिर घबराहट की वजह से भी स्मृति भ्रम हो सकता है.
क्या है स्यूडोडिमेंशिया
डॉक्टर की मानें तो यदि व्यक्ति भावनात्मक तौर पर टूट जाता है, एंग्जाइटी या डिप्रेशन होने से परेशानी बढ़ती है, जिससे इंसान की याददाश्त कमजोर होने लगती है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी का अपना कोई खास इस दुनिया से चला जाता है या व्यक्ति को कोई गहरा सदमा लगता है तो वह अकेलापन महसूस करने लगता है. ऐसी स्थिति में भी भूलने की समस्या हो सकती है.
सामान्य है कभी-कभी भूलना
यदि हम कभी-कभी कुछ काम या फिर कुछ बातें भूल जाते हैं तो यह सामान्य बात है. लेकिन, कई बार हमारे दिमाग में बातों का इतना ढेर हो जाता है कि वह दूसरी यादों को बनाए रखने में सक्षम नहीं हो पाता है. ऐसे में दिमाग यह तय नहीं कर पाता कि किस बात को ऊपर रखना है. मेमोरी लॉस तब एक बड़ी समस्या बन जाती है जब यह आपके डेली रुटीन पर असर डालने लगती है. इसलिए छोटी-छोटी घटनाएं होने पर सतर्क हों, लेकिन तनाव न लें.
रास्ता भूलना शुरुआती संकेतों में से एक
नेविगेशन में कमी को इस परेशानी का बड़ा शुरुआती संकेत माना जाता है, जो डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है. इसलिए यदि आप कुछ भूल रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह से जांच जरूरी है. ऐसा करने से बीमारी का जल्द से जल्द पता लगेगा और परेशानी से बचाव हो सकता है. हालांकि, स्मृति लॉस के ठीक कारणों का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है.
मेमोरी लॉस के बड़े कारण
- तनाव या अपसाद
- अनियमित और असंतुलित आहार
- नींद की कमी
- नशे की लत
- मोबाइल का अधिक यूज
याददाश्त तेज रखने के लिए ये करें
- विटामिन-B का ध्यान रखें
- पॉलीफेनोल का ध्यान रखें
- बेसिल सीड्स खाएं
- मैग्नीशियम मेमोरी को बनाएगा शार्प
- ब्रेन से जुड़ी एक्सरसाइज करें
- मेडिटेशन रहेगा मददगार
FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 12:40 IST
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