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डायबिटीज और अल्सर तक में असरदार…. यह पौधा औषधि का खजाना, जानिए विधारा कैसे देगा राहत – Uttar Pradesh News


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खेतों में उग आई साधारण झाड़ी या खरपतवार लगने वाली यह जड़ी-बूटी, विधारा, आयुर्वेद में एक रामबाण औषधि मानी जाती है. कमर दर्द, जोड़ों की सूजन, गठिया और डायबिटीज जैसी समस्याओं में यह बेहद असरदार है. लेकिन, सही पहचान और जानकारी की कमी के कारण अक्सर यह औषधीय पौधा अनदेखा रह जाता है.

विधारा

भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में प्रकृति को ही औषधि का भंडार माना गया है. खेतों की मेड़ों, जंगलों, यहां तक कि हमारे आंगन और बगीचों में कई ऐसे औषधीय पौधे पाए जाते हैं, जिनमें कई साल पुराने रोगों को जड़ से ठीक करने की ताकत होती है. लेकिन, जानकारी और जागरूकता की कमी के कारण हम इन्हें अक्सर खरपतवार या फालतू घास-पात समझकर उखाड़ फेंक देते हैं. ऐसा ही एक पौधा है विधारा, जिसे आमतौर पर झाड़ जैसा समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है. लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि यह पौधा जोड़ों के दर्द, सूजन और कमजोरी जैसी समस्याओं में बेहद फायदेमंद है.

विधारा

Bharat.one से बातचीत में वैद्य जमुना प्रसाद यादव बताते हैं कि विधारा का पौधा बेल या झाड़ी जैसा होता है, जिसके पत्ते बड़े और दिल के आकार के होते हैं. इसकी जड़ सबसे ज्यादा औषधीय गुणों से भरपूर मानी जाती है और यह कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है. विधारा से अल्सर, डायबिटीज, चर्म रोग, जोड़ों का दर्द, अर्थराइटिस जैसी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. इतना ही नहीं, आयुर्वेद में यह भी दावा किया जाता है कि विधारा से बुद्धि तेज करने में भी मदद मिलती है.

विधारा

विधारा की जड़ में मौजूद तत्व शरीर के वात दोष को शांत करने में मदद करते हैं, जो जोड़ों के दर्द, सूजन और गठिया जैसी समस्याओं का मुख्य कारण होता है.

जोड़ों का दर्द

वैद्य जमुना प्रसाद यादव बताते हैं कि विधारा पुराने जोड़ों के दर्द में राहत देता है. यह शरीर में सूजन कम करने में मदद करता है, हड्डियों को मजबूत बनाता है और शारीरिक कमजोरी दूर करता है. इसके अलावा यह शरीर में नई ऊर्जा का संचार करता है और थकावट को दूर करता है.

कमर

वैद्य जमुना प्रसाद यादव बताते हैं कि कमर दर्द के लिए विधारा रामबाण है. कमर दर्द से परेशान लोग विधारा की जड़ और अश्वगंधा की जड़ को पीसकर चूर्ण बनाएं और उसमें धागे वाली मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें, इससे कमर दर्द में राहत मिलती है. उन्होंने बताया कि विधारा बुजुर्गों के लिए भी बेहद फायदेमंद है, क्योंकि वृद्धावस्था में कई बीमारियां और शारीरिक कमजोरी हो जाती है. विधारा का सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है और ऊर्जा बढ़ती है.

अल्सर

वैद्य जमुना प्रसाद यादव के अनुसार, विधारा का सेवन डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है. यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है और पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है. इसके अलावा यह पौधा पेट के अल्सर और चर्म रोगों में भी राहत देता है. विधारा की जड़ से बने चूर्ण या काढ़ा का आयुर्वेदिक तरीके से सेवन करने पर पुराने रोग धीरे-धीरे ठीक हो सकते हैं.

विधारा

विधारा की सूखी जड़ को पीसकर चूर्ण तैयार करें. रोजाना सुबह और शाम एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है. इसके अलावा, विधारा की जड़ का काढ़ा बनाकर भी सेवन किया जाता है. कुछ लोग चूर्ण को सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों पर लेप के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जिससे जल्दी राहत मिलती है. ध्यान दें: विधारा एक प्राकृतिक औषधि है, लेकिन इसका सेवन हमेशा वैद्य या आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही करें. हर व्यक्ति की प्रकृति और रोग की स्थिति अलग होती है, इसलिए सही मात्रा और तरीके से इसका सेवन करना जरूरी है.

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डायबिटीज और अल्सर तक में असरदार, जानें विधारा का चमत्कारिक उपयोग


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