Home Lifestyle Health डायबिटीज होने से पहले दिखाई देते हैं इंडिकेटर, खुल जाएंगे इलाज के...

डायबिटीज होने से पहले दिखाई देते हैं इंडिकेटर, खुल जाएंगे इलाज के नए रास्ते?

0


Last Updated:

मेटाबोलाइट्स शरीर में होने वाले बेहद छोटे कमिकल्स बदलावों का संकेत देते हैं. इससे पहले फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज और HbA1c केवल बीमारी से जुड़े मेटाबोलिक बदलाव के बारे में ही पता लगा पाते हैं. इससे यह अनुमान नहीं लगा पाते कि किन लोगों में डायबिटिज का खतरा सबसे अधिक है.

डायबिटीज की पहचान समय पर होनी जरूरी है.

आईआईटी बॉम्बे के रिसर्चर्स ने कुछ छिपे हुए ब्लड मार्कर्स की पहचान की है, जो डायबिटीज के खतरे का शुरुआत में ही पता लगाने में मदद कर सकते हैं. इससे अधिक सटीक इलाज के नए रास्ते खुल सकते हैं. भारत जैसे देश में ये ओर भी कारगर हो सकता है. भारत में लगभग 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि 13.6 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक स्थिति में हैं.

आईआईटी बॉम्बे की टीम ने मेटाबोलोमिक्स तकनीक का इस्तेमाल किया है. डायबिटीज से जुड़ी बाओ-कैमिकल्स रिएक्शन्स के पैटर्न को समझा जा सके. इसमें ब्लड में मौजूद बेहद छोटे मॉलीक्यूल की स्टडी की गई है.

डायबिटिज होने से पहले दिखते हैं इंडिकेटर

सज्जन दड़बीSenior Sub Editor

मैं इस समय Bharat.one App टीम का हिस्सा हूं. Bharat.one App पर आप आसानी से अपनी मनपसंद खबरें पढ़ सकते हैं. मुझे खबरें लिखने का 4 साल से अधिक का अनुभव है और फिलहाल अभी सीनियर सब एडिटर के पद पर हूं. इससे पहले इनशॉर्ट्स औ…और पढ़ें

मैं इस समय Bharat.one App टीम का हिस्सा हूं. Bharat.one App पर आप आसानी से अपनी मनपसंद खबरें पढ़ सकते हैं. मुझे खबरें लिखने का 4 साल से अधिक का अनुभव है और फिलहाल अभी सीनियर सब एडिटर के पद पर हूं. इससे पहले इनशॉर्ट्स औ… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homelifestyle

डायबिटीज होने से पहले दिखाई देते हैं इंडिकेटर, खुल जाएंगे इलाज के नए रास्ते?

मेटाबोलाइट्स शरीर में होने वाले बेहद छोटे कमिकल्स बदलावों का संकेत देते हैं. यह लक्षण दिखने से पहले ही पैदा हो जाते हैं. इससे पहले फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज और HbA1c केवल बीमारी से जुड़े मेटाबोलिक बदलाव के बारे में ही पता लगा पाते हैं. इससे यह अनुमान नहीं लगा पाते कि किन लोगों में डायबिटिज का खतरा सबसे अधिक है.

हेल्थ-ग्लोबल को आईआईटी बॉम्बे की डॉक्टोरल स्कॉलर स्नेहा राणा ने बताया, “टाइप 2 डायबिटीज सिर्फ ब्लड शुगर बढ़ने की बीमारी नहीं है. यह शरीर में अमीनो एसिड्स, फैट्स और अन्य बायोलॉजिकल पाथवे को भी प्रभावित करती है. पारंपरिक टेस्ट इन शुरुआती संकेतों को अक्सर नहीं पकड़ पाते.”

जर्नल ऑफ प्रोटिओम रिसर्च में पब्लिश एक स्टडी में टीम ने जून 2021 से जुलाई 2022 के बीच हैदराबाद के उस्मानिया जनरल अस्पताल में 52 वॉलंटियर्स के ब्लड सैंपल का एनालिसिस किया. इनमें स्वस्थ व्यक्ति, डायबिटिक मरीज और डायबिटिक किडनी डिज़ीज़ (DKD) से ग्रस्त पीडितों को शामिल किया गया था.

7 इंडिकेटर्स की हुई पहचान

इस स्टडी के लिए उन्नत मास स्पेक्ट्रोमेट्री तकनीक का उपयोग किया है. रिसर्चर्स ने 26 ऐसे मेटाबोलाइट्स की पहचान की जो स्वस्थ और डायबिटिक व्यक्तियों में अलग-अलग थे. इनमें कुछ पहले से पहचाने जाने वाले इंडीकेटर जैसे ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल शामिल थे, साथ ही कुछ नए इंडिकेटर भी मिले जैसे वलेरो बीटेन, राइबोथाइमिडीन और फ्रुक्टोसिल पाइरोग्लूटामेट शामिल थे.

IIT बॉम्बे के प्रोफेसर प्रमोद वांगिकर के अनुसार, ये रिजल्ट्स दिखाते हैं कि डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है. इसमें केवल ग्लूकोज कंट्रोल तक सीमित नहीं है. बल्कि कई बायो-केमिकल्ज पाथवे को प्रभावित करता है. टीम ने यह भी पाया कि सात ऐसे मेटाबोलाइट्स थे जिनका स्तर स्वस्थ व्यक्तियों से लेकर डायबिटिक किडनी डिज़ीज़ से ग्रस्त मरीजों तक धीरे-धीरे बढ़ता गया. इससे ये साफ होता है कि ये डायबिटीज की जटिलताओं का पूर्वानुमान लगाने में मददगार हो सकते हैं.

डायबिटिज के कुछ शुरूआती लक्षण

डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों और संकेतों पर ध्यान देना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

खबरें पढ़ने का बेहतरीन अनुभव

QR स्कैन करें, डाउनलोड करें Bharat.one ऐप या वेबसाइट पर जारी रखने के लिए यहां क्लिक करें


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-iit-bombay-new-research-indicators-appear-before-diabetes-occurs-sjn-9853275.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version