Last Updated:
मेटाबोलाइट्स शरीर में होने वाले बेहद छोटे कमिकल्स बदलावों का संकेत देते हैं. इससे पहले फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज और HbA1c केवल बीमारी से जुड़े मेटाबोलिक बदलाव के बारे में ही पता लगा पाते हैं. इससे यह अनुमान नहीं लगा पाते कि किन लोगों में डायबिटिज का खतरा सबसे अधिक है.
आईआईटी बॉम्बे के रिसर्चर्स ने कुछ छिपे हुए ब्लड मार्कर्स की पहचान की है, जो डायबिटीज के खतरे का शुरुआत में ही पता लगाने में मदद कर सकते हैं. इससे अधिक सटीक इलाज के नए रास्ते खुल सकते हैं. भारत जैसे देश में ये ओर भी कारगर हो सकता है. भारत में लगभग 10.1 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि 13.6 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक स्थिति में हैं.
आईआईटी बॉम्बे की टीम ने मेटाबोलोमिक्स तकनीक का इस्तेमाल किया है. डायबिटीज से जुड़ी बाओ-कैमिकल्स रिएक्शन्स के पैटर्न को समझा जा सके. इसमें ब्लड में मौजूद बेहद छोटे मॉलीक्यूल की स्टडी की गई है.
डायबिटिज होने से पहले दिखते हैं इंडिकेटर

मैं इस समय Bharat.one App टीम का हिस्सा हूं. Bharat.one App पर आप आसानी से अपनी मनपसंद खबरें पढ़ सकते हैं. मुझे खबरें लिखने का 4 साल से अधिक का अनुभव है और फिलहाल अभी सीनियर सब एडिटर के पद पर हूं. इससे पहले इनशॉर्ट्स औ…और पढ़ें
मैं इस समय Bharat.one App टीम का हिस्सा हूं. Bharat.one App पर आप आसानी से अपनी मनपसंद खबरें पढ़ सकते हैं. मुझे खबरें लिखने का 4 साल से अधिक का अनुभव है और फिलहाल अभी सीनियर सब एडिटर के पद पर हूं. इससे पहले इनशॉर्ट्स औ… और पढ़ें
खबरें पढ़ने का बेहतरीन अनुभव
QR स्कैन करें, डाउनलोड करें Bharat.one ऐप या वेबसाइट पर जारी रखने के लिए यहां क्लिक करें

.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-iit-bombay-new-research-indicators-appear-before-diabetes-occurs-sjn-9853275.html







