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तंबाकू-खैनी या सिगरेट-बीड़ी? कौन है आपका जानी-दुश्‍मन? जवाब सुनकर रह जाएंगे दंग


cigarette or tobacco which is worse: भारत के गांव हों चाहे शहर तंबाकू का इस्‍तेमाल सभी जगह के लोग करते है. हालांकि दोनों जगहों के ट्रेंड थोड़े अलग-अलग हैं. क्‍योंकि गांवों के लोग ज्‍यादातर हुक्‍का, बीड़ी पीते हैं या तंबाकू या गुटखा खाते हैं, जबकि शहरों में सिगरेट पीने और खैनी खाने वालों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है. अगर आपको भी लगता है कि सिगरेट पीना तंबाकू या गुटखा खाने से कहीं बेहतर है और रईशों का शौक है तो आपको भी अपनी सोच बदलने की जरूरत है. आइए जानते हैं क्‍यों?

सर गंगाराम अस्‍पताल नई दिल्‍ली के कार्डियालॉजिस्‍ट और जाने-माने जनरल फिजिशियन डॉ. मोहसिन वली News18hindi से बातचीत में बताते हैं कि तंबाकू या तंबाकू उत्‍पादों में निकोटीन पाया जाता है. जब भी कोई व्‍यक्ति तंबाकू या तंबाकू से बने प्रोडक्‍ट जैसे खैनी, गुटखा आदि खाता है तो यह शरीर में पहुंचकर नुकसान पहुंचाता है लेकिन इससे भी खतरनाक है इस तंबाकू को जलाकर पीना. यानि कि अगर कोई व्‍यक्ति सिगरेट या बीड़ी में तंबाकू जलाकर पीता है और उसका धुआं उसके फेफड़ों में जाता है तो यह तंबाकू खाने के मुकाबले ज्‍यादा खतरनाक है.

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डॉ. वली कहते हैं कि ऐसा इसलिए है कि सिगरेट या बीड़ी के धुएं के साथ सिर्फ निकोटीन ही नहीं जाता बल्कि 4000 से ज्‍यादा नुकसानदेह प्रोडक्‍ट शरीर के अंदर जाते हैं. सिर्फ सिगरेट पीने वाला ही नहीं, जो भी नजदीकी व्‍यक्ति इस धुएं को इनहेल करता है तो वह भी इस खतरे की जद में आ जाता है. इसलिए ये समझना जरूरी है कि तंबाकू को जलाएं नहीं. स्‍मोकिंग करना तंबाकू खाने से ज्‍यादा नुकसानदेह है.

सिगरेट-बीड़ी पीने के ये होते हैं नुकसान
डॉ. वली की मानें तो सिगरेट का धुआं सिर्फ फेफड़ों पर ही असर नहीं करता बल्कि कार्डियोवैस्‍कुलर डिजीज का खतरा भी बढ़ा देता है.

. सिगरेट-बीड़ी का धुआं करीब 1 दर्जन से ज्‍यादा तर‍ह का कैसर पैदा करता है. इनमें लंग कैंसर, ओरल कैंसर, पेट का कैंसर, थ्रोट कैंसर, लिवर कैंसर, ब्‍लड कैंसर, किडनी कैंसर और यूट्रस का कैंसर शामिल है.

. सांस फूलने के अलावा, सांस की बीमारी जैसे अस्‍थमा, सीओपीडी, फाइब्रोसिस, टीबी जैसी बीमारियां बन जाती हैं.

. स्‍मोकिंग करने वालों की आंखों की नजर जल्‍दी कमजोर होती है, इन्‍हें मोतियाबिंद का रिस्‍क रहता है.

. धूम्रपान से प्रेग्‍नेंसी में देरी, अबॉर्शन, समय से पहले बच्‍चे का जन्‍म, बच्‍चे में कुछ कमियां होना.

. डायबिटीज और हाइपरटेंशन का रिस्‍क ऐसे लोगों में बढ़ता है.

तंबाकू-खैनी खाने के नुकसान
. तंबाकू प्रोडक्‍ट चबाने या खाने से सबसे ज्‍यादा मुं‍ह, जीभ, मसूड़े का कैंसर होने की संभावना रहती है. इसके अलावा पेट, ग्रासनली, मूत्राशय, स्वरयंत्र, गुर्दे, अग्न्याशय और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.

. तंबाकू ब्‍लड प्रेशर बढ़ाता है ऐसे में इसे खाने वालों को हार्ट अटैक का खतरा रहता है.

. तंबाकू खाने से दांत घिस जाते हैं, दागदार हो जाते हैं, मसूड़े पीछे हट जाते हैं और मुंह को खोलने में भी परेशानी होती है. लंबे समय तक मुंह में तंबाकू रखना मौत को दावत देना है.

. इसके अलावा लंग्‍स की बीमारियां भी होती है और याददाश्‍त भी कमजोर होती है.

महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा कैंसर
डॉ. मोहसिन वली कहते हैं कि पहले के समय में तंबाकू या सिगरेट की वजह से कैंसर की समस्‍या पुरुषों में सबसे ज्‍यादा होती थी लेकिन पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि महिलाओं में भी कैंसर तेजी से बढ़ रहा है. इसकी एक वजह महिलाओं का स्‍मोकिंग रेशियों बढ़ना भी हो सकता है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में 15 साल से ऊपर के 29 फीसदी लोग स्‍मोकिंग करते हैं. इनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं.

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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-smoking-cigarette-vs-chewing-tobacco-which-is-worse-what-are-side-effects-gangaram-hospital-dr-mohsin-wali-tells-cigarette-bidi-tambaku-ke-nuksan-8699399.html

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