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Health Tips : थायराइड ग्रंथि हार्मोन और मेटाबॉलिज्म नियंत्रित करती है. आयोडीन की कमी, तनाव और अनियमित खान-पान इसके मुख्य कारण हैं. धनिया बीज और हरी सब्जियों का नियमित सेवन, संतुलित आहार, योग, प्राणायाम और पर्याप्त नींद थायराइड को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं. जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपाय इसे प्राकृतिक तरीके से सुधारने में फायदेमंद हैं.

थायराइड ग्रंथि हमारे गले में स्थित तितली के आकार की एक छोटी ग्रंथि है. यह शरीर में ऊर्जा उत्पादन, मेटाबॉलिज्म और हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती है. जब यह सही तरीके से काम नहीं करती, तो शरीर में कई तरह की परेशानियां दिखाई देती हैं. इसके लक्षणों में वजन का अचानक बढ़ना या घटना, बालों का झड़ना, थकान, अनियमित नींद और मनोवैज्ञानिक असंतुलन शामिल हैं. इसलिए समय रहते थायराइड की जांच और उपचार करना जरूरी होता है.

थायराइड बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं. आयोडीन की कमी, अनियमित खान-पान, अत्यधिक तनाव, हार्मोनल असंतुलन और आनुवंशिक कारण इसके मुख्य कारण माने जाते हैं. कुछ लोगों में थायराइड का बढ़ना ऑटोइम्यून बीमारी जैसे हाशिमोटो या ग्रेव्स डिजीज के कारण भी होता है. आधुनिक जीवनशैली, जिसमें फास्ट फूड, कम पानी पीना और व्यायाम की कमी शामिल है, थायराइड की समस्या को और बढ़ा सकती है.

थायराइड के इलाज में एलोपैथिक दवाओं के साथ-साथ घरेलू उपायों को भी बहुत लाभकारी माना जाता है. ये उपाय प्राकृतिक होने के कारण शरीर पर साइड इफेक्ट कम करते हैं. रसोई में मौजूद कुछ मसाले, बीज और हरी सब्जियां थायराइड को संतुलित रखने में मदद करती हैं. इसके अलावा, ये उपाय पाचन और मेटाबॉलिज्म को सुधारने में भी सहायक होते हैं.

धनिया बीज में एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं, जो हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं. थायराइड के मरीजों के लिए यह प्राकृतिक उपाय बेहद फायदेमंद साबित होता है. इसके सेवन से शरीर के मेटाबॉलिज्म में सुधार आता है, पाचन दुरुस्त होता है और अतिरिक्त पानी को शरीर से निकालने में मदद मिलती है.

रात को एक गिलास पानी में दो चम्मच धनिया के बीज भिगो दें. सुबह इसे हल्का उबालकर छान लें और खाली पेट पीएं. इसे नियमित रूप से लेने से न केवल थायराइड नियंत्रित रहती है, बल्कि पेट की गैस, कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं में भी राहत मिलती है. इसे दिन में दो बार भी सेवन किया जा सकता है, लेकिन सुबह के समय खाली पेट पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है.

थायराइड के मरीजों को अधिक तैलीय, मीठा और जंक फूड खाने से बचना चाहिए. हरी सब्जियां, फल, अखरोट, अलसी, दालें और आयोडीन युक्त नमक का सेवन लाभकारी रहता है. साथ ही, प्रोसेस्ड फूड और अत्यधिक कैफीन से दूरी बनाना जरूरी है. संतुलित भोजन थायराइड हार्मोन के स्तर को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

थायराइड की समस्या केवल खान-पान से नहीं सुधरती, बल्कि जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी है. रोजाना हल्की एक्सरसाइज, योग और प्राणायाम करने से हार्मोनल संतुलन बेहतर रहता है. ध्यान और पर्याप्त नींद तनाव को कम करने में मदद करती है. इसके अलावा, पानी अधिक पीना और नियमित रूप से शरीर को डिटॉक्स करना थायराइड के मरीजों के लिए फायदेमंद है.
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