Last Updated:
प्राचीन समय से लोग आयुर्वेदिक औषधियों पर भरोसा करते आए हैं, क्योंकि आयुर्वेद में हर मर्ज का प्राकृतिक और सुरक्षित उपचार मिलता है. ऐसी ही एक महत्वपूर्ण औषधि है मुलेठी, जिसे सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. इसके नियमित और सही उपयोग से शरीर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पा सकता है और प्रतिरक्षा भी मजबूत होती है.

सर्दियों का मौसम आते ही बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इस दौरान हर उम्र के लोग तरह-तरह की मौसमी समस्याओं की चपेट में आ सकते हैं. मौसम में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे सर्दी-जुकाम, फ्लू और अन्य श्वसन संबंधी दिक्कतें आम हो जाती हैं. ऐसे में लोग अक्सर दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन इन पर अत्यधिक निर्भरता स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है. इसकी बजाय कुछ देसी, प्राकृतिक और पारंपरिक घरेलू नुस्खों को अपनाकर इन बीमारियों से प्रभावी रूप से बचाव किया जा सकता है.

जिला अस्पताल बाराबंकी के चिकित्सक डॉ. अमित वर्मा (एमडी मेडिसिन) बताते हैं कि मुलेठी एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है, जिसका सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. इसमें फास्फोरस, सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लोहा, मैंगनीज, जिंक, नाइट्रोजन और कॉपर जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यही कारण है कि मुलेठी कई बीमारियों से राहत दिलाने में प्रभावी मानी जाती है और इसके नियमित व सही सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.

माइग्रेन की समस्या में फायदेमंद: सर्दियों में माइग्रेन का दर्द कई लोगों के लिए बेहद परेशान करने वाला हो जाता है. ऐसे में मुलेठी का सेवन काफी राहत दे सकता है. मुलेठी पाउडर को शहद में मिलाकर लेने से आराम मिलता है, वहीं इसे शहद के साथ मिलाकर नाक में ड्रॉप की तरह इस्तेमाल करने पर भी माइग्रेन के दर्द में राहत पाई जा सकती है.

मिर्गी रोग में फायदेमंद: मुलेठी मिर्गी के रोग में भी लाभकारी मानी जाती है. मुलेठी के एक चम्मच महीन चूर्ण को घी में मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से मिर्गी के लक्षणों में सुधार देखा जा सकता है. इसके अलावा, लगभग 5 ग्राम मुलेठी को पेठे के रस में महीन पीसकर लगातार तीन दिन तक लेने से भी मिर्गी की समस्या में आराम मिलता है.

पेट के अल्सर में फायदेमंद: मुलेठी पेट के अल्सर की समस्या में भी एक प्रभावी घरेलू उपाय मानी जाती है. इसके लिए एक चम्मच मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर को एक कप दूध में मिलाकर दिन में तीन बार सेवन किया जा सकता है. यह पेट की जलन को शांत करने और अल्सर को भरने में मदद करता है. साथ ही, पेट में अल्सर की समस्या होने पर मिर्च-मसालों और तीखी चीज़ों से बचना बेहद जरूरी है.

खांसी की समस्या में फायदेमंद: मुलेठी खांसी में बेहद असरदार मानी जाती है. इसे मुंह में रखकर देर तक चूसते रहने से खांसी और गले की खराश में काफी आराम मिलता है. यदि आपको सूखी खांसी की समस्या है, तो एक चम्मच मुलेठी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर दिन में 2–3 बार चाटकर लेना फायदेमंद होता है. इसके अलावा, मुलेठी का काढ़ा बनाकर लगभग 20–25 मिली मात्रा में सुबह और शाम सेवन करने से भी खांसी और गले की परेशानी में अच्छी राहत मिलती है.

खून की कमी में फायदेमंद: खून की कमी दूर करने में भी मुलेठी का सेवन लाभकारी माना जाता है. इसके लिए एक चम्मच मुलेठी चूर्ण या पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खाया जा सकता है. इसी तरह 10–20 मिली मुलेठी के काढ़े में शहद मिलाकर पीने से भी शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद मिलती है और खून की कमी की समस्या में धीरे-धीरे सुधार होता है.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/health-mulethi-gives-relief-in-cold-migraine-and-ulcer-know-benefits-local18-ws-kl-9803231.html







