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Delhi Fire crackers and carbide gun injury: इस बार दिवाली पर पटाखों और कार्बाइड गन से ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्ली के आरपी सेंटर में आंखों की गंभीर चोट के रिकॉर्ड केस आए हैं. पटाखों से कई मरीजों की आंखों को गंभीर नुकसान हुआ है.
इस बार की दिवाली बहुतों की आंखों में हमेशा के लिए अंधेरा कर गई है. पटाखों और देसी कार्बाइड गन के विस्फोट से आंखों को हुए नुकसान ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अकेले ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्ली के ही आरपी सेंटर में रोजाना 100-100 बर्न केसेज इमरजेंसी में पहुंचे हैं.
दिवाली से लेकर अगले दो दिन तक पटाखों से जलने के कारण एम्स की इमरजेंसी में रोजाना आए इन केसेज में से करीब 20 से 25 लोगों की रोजाना सर्जरी की गई है, जबकि आम दिनों में ऐसे करीब 1 या दो मामले ही आते हैं. आरपी सेंटर की चीफ डॉ. राधिका टंडन ने बताया कि ये ज्यादातर मरीज 8 से 30 साल की उम्र के हैं.
वहीं आरपी सेंटर में यूनिट हेड और प्रोफेसर डॉ. राजपाल ने बताया कि दिवाली के इस त्यौहारी मौसम में आई इमरजेंसी में पहली बार देसी पटाखा यानि कार्बाइड-गन जैसे पटाखों से आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचने की सूचना मिली है. इन मरीजों में बच्चे और युवा भी शामिल हैं. पटाखों की वजह से मरीजों को कैमिकल की वजह से गंभीर जलन, कॉर्निया का गलना, कॉर्निया खराब होना, आंख में कई बाहरी वस्तुएं फंसना, पेरीओकुलर जलन, आंख में रैप्चर और पलकों को नुकसान पहुंचने की शिकायतें मिली हैं.
डॉ. राजपाल ने बताया कि बेहद गंभीर इंजरी के 52 मरीज अस्पताल में आए जिन्हें तत्काल भर्ती करना पड़ा और सर्जरी करनी पड़ी. वहीं सैकड़ों मरीजों को तत्काल इलाज देना पड़ा. कई मरीजों को आपातकालीन एमनियोटिक झिल्ली प्रत्यारोपण, टेक्टोनिक केराटोप्लास्टी और अन्य पुनर्निर्माण प्रक्रियाओं की जरूरत पड़ी है.
पीआईसी मीडिया सेल इंचार्ज डॉ. रीमा दादा कहती हैं कि सोशल मीडिया देखकर तैयार की गई कार्बाइड गन से हुई आंखों की इंजरीज काफी खतरनाक हैं. यहां देखकर ही इन उपकरणों को घर पर बनाया जा रहा है. ये स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं. सबसे बड़ी बात है कि इनसे हो रहा नुकसान जीवनभर रहने वाला है. इसलिए ऐसे ट्यूटोरियल्स पर तत्काल पाबंदी लगनी चाहिए.
बता दें कि कार्बाइड गन की वजह से अकेले मध्य प्रदेश में करीब 300 लोगों की आंखों को गंभीर या कम गंभीर नुकसान हुआ है. इनमें से कई मरीज ऐसे भी हैं जिनकी आंख की रोशनी बहुत हद तक चली गई है और इलाज से भी बहुत फायदा नहीं होने वाला है.

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.Bharat.one.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्…और पढ़ें
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.Bharat.one.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्… और पढ़ें
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