Wednesday, October 1, 2025
24 C
Surat

दूध में डालो या घाव पर लगाओ…हर घर में इसकी मांग, उगाना आसान, बेचना और भी आसान


गाजियाबाद. सोचिए एक ऐसी चीज जो आपके किचन में रखी है, लेकिन उसके बिना ज़िंदगी की हर रस्म अधूरी है. शादी का मंडप हो, पूजा का थाल हो, या फिर किसी तेरहवीं. अगर ये न हो तो सभी खोजने में जुट जाते हैं. पीली दिखने वाली ये मामूली सी चीज, सिर्फ मसाला नहीं है. ये है हमारी परंपरा की पहचान. कभी घाव भरने का मरहम, कभी घर की दीवारों पर शुभता का रंग और कभी दूध में डालकर शरीर का सबसे बड़ा रखवाला.

गाजीपुर के उत्तरौली गांव में सुबह-सुबह हल्दी के पौधों के बीच घूमना आनंद से भरपूर है. हर घर पर छोटे-बड़े गार्डन में हल्दी के हरे-भरे पौधे खिले हुए हैं. ग्रामीण न केवल इसे अपने घर के खाने में इस्तेमाल करते हैं, बल्कि इससे छोटे-मोटे व्यवसाय से अच्छा मुनाफा भी कमाते हैं. हल्दी की पत्तियों की खुजली, इसकी सुगंध और प्राकृतिक रंग ग्रामीणों को न केवल आकर्षित करती है, बल्कि इसे औषधीय और सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.

इसके इतने फायदे

कृषि विज्ञान शोधार्थी शुभम कुमार तिवारी बताते हैं कि हल्दी (Turmeric) भारतीय रसोई का एक प्रमुख मसाला है, जो अपने औषधीय गुणों के लिए भी प्रसिद्ध है. इसका मुख्य सक्रिय यौगिक करक्यूमिन (Curcumin) है, जो मजबूत एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी (Anti-inflammatory) गुणों से भरपूर है. हल्दी में मैंगनीज, आयरन, विटामिन B6, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक, और विटामिन C समेत कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद हैं. हल्दी में कैंसर रोधी, डायबिटीज नियंत्रक, ह्रदय स्वास्थ्य सुधारक और मस्तिष्क तंत्रिका सुरक्षा जैसे गुण भी पाए गए हैं. हल्दी का प्रयोग दूध, चाय, सब्जी, दाल या घरेलू नुस्खों में आम है. आयुर्वेद में हल्दी को प्राकृतिक एंटीबायोटिक माना गया है. कुछ लोग हल्दी के सप्लीमेंट भी लेते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन से पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है, इसलिए संतुलित मात्रा में उपयोग करें.

हल्दी घर पर लगाने के लिए सबसे पहले अच्छी गुणवत्ता वाले हल्दी के सूखे कंद (प्रकंद) का चुनाव करें. हल्दी के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसमें जल निकासी अच्छी हो. बुआई के लिए अप्रैल से जून का समय सबसे अच्छा माना जाता है. खेत की अच्छी तरह जुताई करें और उसमें पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद और यथोचित उर्वरक डालें. हल्दी की बुआई लाइन से लाइन लगभग 30-40 सेमी और पौधे से पौधे 20 सेमी की दूरी पर करें. कंद को 4-5 सेमी गहराई में बोना चाहिए. हल्दी की फसल को छायादार, गर्म और नम जलवायु पसंद है और इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन सिंचाई मानसून के पहले और विकास के दौरान जरूरी होती है.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/agriculture/turmeric-farming-tips-haldi-ki-kheti-kaise-kare-local18-9619048.html

Hot this week

Kainchi Dham Travel Guide। नीब करौरी बाबा के आश्रम कैची धाम कैसे पहुंचे

Kainchi Dham Travel Guide: उत्तराखंड हमेशा से ही...

Topics

बुधवार को करें गणेश जी की आरती, पूरे दिन बप्पा करेंगे आपकी मदद, मन रहेगा शांत

https://www.youtube.com/watch?v=Yuex2EnsGiYधर्म बुधवार को गणेश जी की आरती करना बेहद...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img