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नाकाम रिश्ता और इंटिमेसी की इच्छा, कहीं आपको तो नहीं बना रही साइबर स्टॉकिंग का शिकार?


‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ में अक्सर कॉमेडियन कपिल शर्मा बॉलीवुड सेलेब्स से कहते नजर आते हैं कि वह उनके सोशल मीडिया अकाउंट को स्टॉक करते हैं. इसी तरह एक इंटरव्यू में आलिया भट्ट ने इस बात की तरफ इशारा किया कि रणबीर कपूर का सोशल मीडिया पर सीक्रेट अकाउंट है और वह कई सेलिब्रिटीज को स्टॉक करते हैं. सोशल मीडिया पर स्टॉकिंग कोई नई बात नहीं है. सोशल मीडिया यूजर्स अक्सर एक-दूसरे के अकाउंट को स्टॉक करते हैं. लेकिन यह तब तक ठीक है, जब तक किसी दूसरे को नुकसान नहीं पहुंच रहा. साइबर स्टॉकिंग एक अपराध है जिसके लिए जेल भी जाना पड़ सकता है.

साइबर स्टॉकिंग क्या होती है
स्टॉकिंग का मतलब है पीछा करना. डिजिटल होती दुनिया में अब लोग सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दूसरों की हर एक्टिविटी पर नजर रखते हैं. कई बार ऐसा रिजेक्शन के बाद बदला लेने के लिए या जलन होने भी किया जाता है. लड़के लड़कियों की प्रोफाइल को ज्यादा स्टॉक करते हैं.   

स्टॉकिंग आदत बन चुकी है
मनोचिकित्सक प्रियंका श्रीवास्तव कहती हैं कि आज हर किसी के पास मोबाइल है और सबके दिमाग पर सोशल मीडिया इस कदर हावी है कि स्टॉकिंग आदत बन गई है. बिना दूसरे की प्रोफाइल को स्टॉक किए उन्हें चैन नहीं आता. अधिकतर लोग अपने फेवरेट सेलिब्रिटी की प्रोफाइल को स्टॉक करते हैं. लेकिन स्टॉकिंग दिमाग पर बुरा असर डालती है. हर इंसान के दो पहलू हैं रियल सेल्फ और आइडियल सेल्फ. जब वह दूसरों की प्रोफाइल को स्टॉक कर उनकी जिंदगी की अपनी जिंदगी से तुलना करने लगते हैं तो डिप्रेशन और एंग्जायटी का शिकार हो जाते हैं. 

साइबर स्टॉकिंग से ब्लैकमेलिंग के मामले बढ़ हैं (Image-Canva)

जिनसे हुआ ब्रेकअप, उन पर नजर
मीडियम डॉट कॉम पर छपे एक सर्वे में 80% लोगों ने माना कि वह रिलेशनशिप में ब्रेकअप करने के बाद अपने एक्स के सोशल मीडिया अकाउंट को स्टॉक करते हैं. वहीं, 35% अपने एक्स की प्रोफाइल एक हफ्ते में 10 घंटे तक स्टॉक करते हैं.  एक स्टडी के मुताबिक 16% महिलाएं और 7% पुरुष अपनी जिंदगी में एक बार साइबर स्टॉकिंग का शिकार हो जाते हैं. 

ना सुनने की आदत हुई खत्म
जो लोग अपने एक्स का प्रोफाइल स्टॉक करते हैं, उन्हें ना सुनने की आदत नहीं होती है. उन्हें रिजेक्शन की आदत नहीं होती. आज के यंगस्टर जिस माहौल में बड़े हो रहे हैं, उन्हें हर चीज बिना मांगे पहले से ही मिल रही है. पेरेंट्स उनकी हर डिमांड पूरी करते हैं. जब उन्हें प्यार में रिजेक्शन मिलती है तो वह इसे स्वीकार नहीं कर पाते. अपने एक केस के अनुभव के आधार पर मनोचिकित्सक प्रियंका श्रीवास्तव कहती हैं कि आज के यंगस्टर अक्सर कहते हैं कि जब आज तक हमारे पेरेंट्स ने किसी चीज के लिए मना नहीं किया तो यह कौन होते हैं. अधिकतर स्टॉकिंग करने वाले लोगों में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान की कमी होती है. इसलिए वह चुपके से दूसरों की प्रोफाइल में घुसपैठ करते हैं.   

कई तरह के स्टॉकर
स्टॉकिंग के व्यवहार के आधार पर स्टॉकर्स को कई कैटिगरी में बांटा गया है. कुछ रिजेक्टेड स्टॉकर होते हैं जिन्हें रिश्ते में नाकामी मिली होती होता. कुछ स्टॉकर को रीसेंडफुल स्टॉकर कहते हैं जो बदला लेने की मंशा रखते हैं. कुछ इंटिमेसी स्टॉकर होते हैं जो पीड़ित से नजदीकी बढ़ाकर फिजिकल होना चाहते हैं. जो स्टॉकर सेक्शुअल हैसेमेंट की मंशा से प्रोफाइल का पीछा करते हैं उन्हें प्रीडेटरी स्टॉकर कहते हैं. जो स्टॉकर किसी को मारने के मकसद से स्टॉकिंग करते हैं उन्हें हिटमैन कहा जाता है.  

स्टॉकिंग कब होती खतरनाक
कुछ लोग मेंटल डिसऑर्डर के शिकार होते हैं. अगर वह स्टॉकिंग करें तो वह दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. मनोचिकित्सक प्रियंका के अनुसार जो लोग इरोटोमेनिया के शिकार होते हैं, उन्हें लगता है कि कोई उनसे प्यार करता है. वह इस भ्रम में रहते हैं और दूसरे व्यक्ति को परेशान करने लगते हैं. इसी तरह जो लोग सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त होते हैं, वह हकीकत की दुनिया से दूर जीते हैं. जो लोग ऑब्सेसिव कंपलसिव डिसऑर्डर का शिकार होते हैं, वह भी स्टॉकिंग से दूसरे को परेशान कर सकते हैं. 

सोशल मीडिया पर किसी अनजान की फ्रेंड रिक्वेस्ट रिजेक्ट कर दें (Image-Canva)

प्राइवेसी का सम्मान करें
हर इंसान की अपनी एक निजी जिंदगी है और हर किसी की प्राइवेसी का सम्मान करना जरूरी है. साइबर स्टॉकिंग से बचना है तो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपना अकाउंट लॉक कर दें. कभी भी लाइव लोकेशन शेयर ना करें. साथ ही अपना मोबाइल नंबर सोशल मीडिया पर ना डालें.  किसी अनजान की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार ना करें.  

भारत में लगातार बढ़ रहे मामले
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार जनवरी से अप्रैल 2024 में साइबर क्राइम की 740000 शिकायतें दर्ज हुईं. इनमें 85% शिकायतें पैसों से जुड़े ऑनलाइन फ्रॉड थे. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के हिसाब से साइबर स्टॉकिंग के 50% मामले केवल कर्नाटक से सामने आए. यहां 2023 में 2,698 और 2022 में 1,374 मामले दर्ज हुए. इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है. यहां 2,051 मामले साइबर स्टॉकिंग के रिपोर्ट किए गए. चूंकि महिलाएं साइबर स्टॉकिंग का ज्यादा शिकार होती हैं, इसलिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने डिजिटल शक्ति केंद्र की शुरुआत की है. 

साइबर स्टॉकिंग है अपराध
अगर कोई व्यक्ति साइबर स्टॉकिंग करके पीड़ित को परेशान करता है. अश्लील पोस्ट शेयर करता है. अनचाहे ई-मेल या मैसेज भेजता है. प्राइवेट जानकारी या फोटो को ऑनलाइन लीक करने की धमकी देता है और पीड़ित के विरोध करने के बाद भी लगातार उस पर नजर रखता है, तो यह जुर्म है. साइबर स्टॉकिंग को IPC की धारा 354D में रखा गया. दोषी पाए जाने पर अपराधी को 5 साल तक की जेल और जुर्माना भरना पड़ सकता है.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/trends-why-people-stalk-social-media-profile-cyber-stalking-is-a-crime-8777083.html

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