Last Updated:
Arjun ki Chhal ke Fayde: यूनानी मेडिकल ऑफिसर डॉ. जुबैर अली के अनुसार युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है, लेकिन आयुर्वेद में इसके लिए आसान और असरदार उपाय मौजूद हैं. अर्जुन की छाल को रात भर पानी में भिगोकर सुबह पीने से दिल मजबूत रहता है और खून पतला रहता है.
आजकल युवाओं में हार्ट अटैक और दिल से जुड़े मामले तेजी से बढ़ रहे है. गलत खानपान, बढ़ता तनाव और बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से लोग कम उम्र में ही हृदय रोगों का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में आयुर्वेद में मौजूद प्राकृतिक उपचार एक बड़ी राहत बनकर सामने आ रहे हैं. डॉ. सौरभ परौहा के अनुसार अर्जुन के पेड़ की छाल दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है और हार्ट अटैक के खतरे को काफी हद तक रोका जा सकता है.
आयुष चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सौरभ परौहा ने Bharat.one को जानकारी देते हुए बताया कि अर्जुन के पेड़ की छाल हृदय रोगियों के लिए बेहद उपयोगी है. अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर नियमित रूप से उपयोग करने से दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है. यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है. आमतौर पर हृदय रोगियों में नसों में ब्लॉकेज की समस्या देखने को मिलती है, जिससे हार्ट अटैक के चांस बढ़ जाते हैं. लेकिन अर्जुन की छाल का सही तरीके से उपयोग करने पर ब्लॉकेज बनने की संभावना कम हो जाती है.
हालांकि, इसके सेवन में सावधानी भी जरूरी है. डॉ. सौरभ बताते हैं कि वह स्वयं अर्जुन की छाल के काढ़े का उपयोग करते हैं, लेकिन उन्हें यह पूरी तरह सूट नहीं करता, इसलिए वह बीच-बीच में गैप लेते रहते हैं. अगर किसी को अर्जुन से एलर्जी हो, तो उसे रोजाना इसका उपयोग नहीं करना चाहिए. जो लोग काढ़ा नहीं पी सकते, वे इसे चाय की तरह उबालकर भी पी सकते हैं.
अर्जुन की छाल सिर्फ दिल ही नहीं, बल्कि कई अन्य बीमारियों में भी फायदेमंद है. मौसम परिवर्तन के बाद सर्दी-जुकाम, फ्लू, वायरल और गले की खराश जैसी दिक्कतों में इसका काढ़ा या चाय काफी लाभकारी मानी जाती है. इसमें मौजूद प्राकृतिक गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता हैं.
इसके उपयोग की विधि भी आसान है. अर्जुन की छाल को रात में भिगो दें. सुबह डेढ़ इंच छाल के टुकड़े के साथ थोड़ा सा दालचीनी मिलाकर उबालें और सेवन करें. नवंबर, दिसंबर और जनवरी में इसका उपयोग करने से पूरे साल इसका सकारात्मक असर शरीर पर बना रहता है. उम्र के मुताबिक इसकी मात्रा तय की जाती है. 20 से 30 साल के लोगों को 5 से 7 ग्राम और 40 से 50 साल के लोगों को 10 ग्राम तक लेने की सलाह दी जाती है. अर्जुन की छाल एक प्राकृतिक हार्ट टॉनिक है, लेकिन इसका सेवन आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए.
About the Author

Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-no-heart-attack-no-shortness-of-breath-arjuna-tree-bark-decoction-will-cure-heart-problems-says-doctor-local18-9957957.html







