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पुराने फ्रैक्चर का दर्द कम करें | Old Fracture Pain Relief with Turmeric & Mustard Oil


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Old Fracture Pain Remedy: पुराने फ्रैक्चर का दर्द मौसम बदलते ही, खासकर ठंड और नमी में, बढ़ सकता है क्योंकि रक्त संचार कम हो जाता है. हल्दी (एंटी-इंफ्लेमेटरी) और सरसों के तेल से मालिश करने से आराम मिलता है, लेकिन दर्द लगातार बना रहे तो विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. गर्म सिकाई और हल्की एक्सरसाइज भी दर्द कम करने में सहायक हैं.

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सालों पहले हुआ फ्रैक्चर ठीक तो हो जाता है, लेकिन कई लोगों को बदलते मौसम या ठंड बढ़ने पर उस हिस्से में फिर से दर्द महसूस होता है. यह दर्द इतना गहरा होता है कि कभी-कभी हाथ उठाना, चलना या काम करना मुश्किल लगने लगता है. ऐसे में लोग अक्सर घरेलू नुस्खों का सहारा लेते हैं, जिनमें हल्दी और सरसों के तेल की मालिश सबसे लोकप्रिय है.

tip and tricks

पुराने फ्रैक्चर में दर्द की सबसे बड़ी वजह लंबे समय तक बनी रहने वाली सूजन होती है. मौसम बदलते ही यह सूजन फिर सक्रिय हो जाती है और दर्द बढ़ता है. हल्दी में पाया जाने वाला एक खास तत्व कुर्क्यूमिन (Curcumin) इस सूजन को कम करने में मदद करता है. यही कारण है कि हल्दी को प्राकृतिक दर्दनाशक (Natural Painkiller) माना जाता है.

tip and tricks

सरसों के तेल में मौजूद एक तीखा तत्व एलाइल आइसोथायोसाइनेट (Allyl Isothiocyanate) दर्द वाली जगह पर रक्त प्रवाह बढ़ाता है. जब उस हिस्से में खून तेज़ी से पहुँचता है, तो मांसपेशियों की जकड़न ढीली पड़ती है और दर्द कम होने लगता है. हल्का गर्म किया हुआ तेल त्वचा में गहराई तक पहुँचता है, जिससे मालिश का असर और तेज़ हो जाता है. यही वजह है कि हल्दी (सूजन कम करने वाला) और सरसों (रक्त प्रवाह बढ़ाने वाला) दोनों का मिश्रण पुराने दर्द को शांत करने में विशेष रूप से प्रभावी है.

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आयुर्वेद के अनुसार पुराने फ्रैक्चर का दर्द ‘वात’ बढ़ने से होता है. ठंड, हवा या मौसम में तेज़ी से बदलाव होने पर वात असंतुलित हो जाता है. हल्दी वात को शांत करती है और सरसों का तेल गर्म गुण वाला होने के कारण वात को कम करता है. इन दोनों की गर्म मालिश से शरीर में जमे हुए वात का संतुलन बनता है और जकड़न में राहत मिलती है. आयुर्वेद इसे ऊर्जा मार्गों के खुलने से जोड़ता है.

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इस घरेलू नुस्खे के कई फ़ायदे बताए जाते हैं— इनमें पुराने दर्द में आराम, सूजन में कमी, जकड़न का हटना, प्रभावित हिस्से में गर्माहट बढ़ना और हाथ-पैरों की हलचल आसान होना शामिल है. नियमित मालिश करने से कई लोगों को पुराना दर्द काफी हद तक कम होता है और हाथ-पैर फिर से सामान्य रूप से काम करने लगते हैं.

tip and tricks

इस नुस्खे के कुछ नुकसान भी हैं जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है. बहुत ज़्यादा गर्म तेल लगाने से त्वचा जल सकती है, इसलिए तेल हमेशा हल्का गर्म ही रखें. संवेदनशील त्वचा वाले पहले थोड़ी जगह पर परीक्षण कर लें. अगर घाव खुला हो, नया फ्रैक्चर हो या संक्रमण हो, तो मालिश बिल्कुल ना करें. साथ ही, लगातार दर्द बना रहे तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है.

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मौसम बदलते ही बढ़ने लगे पुराने फ्रैक्चर का दर्द, तो ये घरेलू नुस्खा देता आराम


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