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पेट में जाते ही यह फल करता है कमाल, तुरंत दूर करता है पुराने कब्ज़ की समस्‍या! जानिए कैसे करता है काम


Kiwi For Constipation : क्या आपको भी अक्सर पेट भारी या कब्ज़ की शिकायत रहती है? अगर हां, तो आपको बता दें कि अगर आप रोज अपने डाइट में किवी को शामिल कर लें तो यह छोटा-सा बदलाव कमाल कर सकता है. ये हरे, हल्के खट्टे-मीठे फल न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि पेट को साफ रखने में भी मदद करते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कीवी में मौजूद फाइबर और नेचुरल एंज़ाइम्स पाचन को आसान बनाते हैं, आंतों की सफाई करते हैं और कब्ज़ को जड़ से खत्म करने में मदद करते हैं.

क्यों होता है कब्ज़
दरअसल, कब्ज़ कई वजहों से हो सकता है, जैसे फाइबर की कमी, पानी कम पीना, एक्सरसाइज़ न करना या स्ट्रेस. ऐसे में डॉक्टर सबसे पहले डाइट में बदलाव की सलाह देते हैं. पहले आम सलाह होती थी “फाइबर ज़्यादा खाओ”. कीवी में नेचुरल एंज़ाइम और फाइबर होते हैं, जो स्टूल को मुलायम बनाते हैं और आंतों में आसानी से मूवमेंट कराते हैं. इससे पाचन बेहतर होता है और कब्ज़ की समस्या कम होती है.

मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. विलियम चे के मुताबिक, “कीवी फल इतना हल्का और आसानी से पचने वाला होता है कि आप इसे बिना किसी परेशानी के अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.” हालांकि आलू बुखारा भी कब्‍ज की समस्‍या को दूर करने में काफी मदद करता है, लेकिन इसे आप धीरे धीरे डाइट मे शामिल करने की सलाह दी जाती है.

कीवी कैसे करता है असर
CNN हेल्‍थ के मुताबिक, कीवी आंतों में पानी की मात्रा बढ़ाता है और पाचन की प्रक्रिया को स्मूद बनाता है. यह फूड और वेस्ट को पाचन तंत्र में आसानी से आगे बढ़ाने में मदद करता है. साथ ही, यह प्रिबायोटिक फूड की तरह काम करता है, यानी यह अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है और आंतों की सूजन को कम करता है.

फिलाडेल्फिया के थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की डॉ. कुकू चौधरी कहती हैं, “कीवी मुलायम और स्वादिष्ट होता है, इसलिए इसे खाना आसान है. चाहें तो इसका छिलका भी खा सकते हैं, क्योंकि उसमें फाइबर की मात्रा ज़्यादा होती है. बस ध्यान रखें, कीवी को गर्म न करें, क्योंकि इससे उसके एंज़ाइम नष्ट हो जाते हैं जो पाचन में मदद करते हैं.”

अगर कीवी पसंद नहीं है तो क्या खाएं
अगर आपको कीवी पसंद नहीं है, तो कई और फूड भी कब्ज़ में राहत दे सकते हैं, जैसे प्रून, राई ब्रेड, अलसी के बीज (flaxseeds), संतरे, दही, बीन्स और ओट्स. डॉ. चौधरी के अनुसार, “जो लोग डेयरी प्रोडक्ट्स खाते हैं, वे एक कप दही में एक बड़ा चम्मच अलसी का पाउडर मिलाकर खा सकते हैं. यह प्रीबायोटिक और फाइबर दोनों का अच्छा कॉम्बिनेशन है.”

डाइट में फाइबर जोड़ने के नियम–
डॉ. चे सलाह देते हैं  कि 10 ग्राम फाइबर रोज़ लेना चाहिए, लेकिन धीरे-धीरे शुरुआत करें. पहले 3 ग्राम से शुरू करें और धीरे-धीरे 10 ग्राम तक बढ़ाएं.” साथ ही, थोड़ी फिजिकल एक्टिविटी,  जैसे रोज़ाना 20-30 मिनट टहलना, भी पाचन तंत्र को एक्टिव बनाती है और कब्ज़ में राहत देती है.

नई रिसर्च के अनुसार, कीवी फल पाचन के लिए एक सुपरफूड की तरह काम करता है. यह न सिर्फ कब्ज़ दूर करता है, बल्कि आंतों की सेहत, इम्यूनिटी और एनर्जी लेवल को भी बढ़ाता है. इसलिए अगली बार जब पेट भारी या सुस्त लगे, तो दवाओं की जगह एक-दो कीवी खाना शुरू करें, असर खुद दिखेगा.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-how-kiwi-fruit-helps-relieve-chronic-constipation-naturally-kabj-ke-gharelu-upay-ws-eln-9802771.html

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