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पैर की उंगलियों में होता है चुभन वाला दर्द? ये हैं इस बीमारी के लक्षण, अभी नहीं संभले तो आ जाएगी आफत!


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Basti: शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कुछ लक्षण होते हैं जिनमें से पहला है जोड़ों में दर्द. शुरुआत पैरों की उंग्लियों में दर्द से होती है. इसके पीछे कारण क्या है और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है, जानते हैं.

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हाइलाइट्स

  • यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में दर्द और सूजन होती है.
  • गिलोय, आंवला और त्रिफला यूरिक एसिड नियंत्रित करने में सहायक हैं.
  • नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से यूरिक एसिड कम किया जा सकता है.

बस्ती: आजकल यूरिक एसिड की समस्या आम हो गई है. यूरिक एसिड खराब जीवनशैली और खानपान से जुड़ी गड़बड़ियों की वजह से होता है. यूरिक एसिड शरीर में खाद्य पदार्थों के पाचन के दौरान पैदा होता है. जब इसका स्तर बढ़ जाता है, तो यह जोड़ों और ऊतकों में इकट्ठा हो जाता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. यूरिक एसिड के बढ़ने पर जोड़ों में दर्द, सूजन और शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

इन्हें रहता है ज्यादा खतरा
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रघुनाथपुर बस्ती के चिकित्साधिकारी डॉक्टर सौरभ Bharat.one से बातचीत में बताते हैं कि जो लोग आलसी प्रवृत्ति के होते हैं और बहुत ही आरामदायक जीवनशैली जीते हैं, काम नहीं करते हैं, जो लोग नॉनवेज, रेड मीट, प्रोटीन का सेवन अधिक करते हैं, उन्हें यूरिक एसिड की समस्या होती है.

यूरिक एसिड के लक्षण
डॉक्टर सौरभ बताते हैं कि यूरिक एसिड का मुख्य लक्षण शुरुआत में पैरों की उंगलियों में दर्द से होता है. फिर धीरे-धीरे यह शरीर के दूसरे जोड़ों में फैलने लगता है. यूरिक एसिड के बढ़ने से किडनी की समस्या, हृदय रोग और तेज दर्द की शिकायत हो सकती है. आयुर्वेद में इसे ‘बिच्छू के काटने जैसा दर्द’ बताया गया है, जो अत्यधिक पीड़ादायक हो सकता है.

उपचार क्या है

गिलोय का जूस
गिलोय यूरिक एसिड के उपचार में अत्यधिक प्रभावी है. गिलोय का सेवन जूस या काढ़े के रूप में कर सकते हैं. यह न केवल यूरिक एसिड को नियंत्रित करता है, बल्कि अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं में भी काफी फायदेमंद है.

संतरा और मौसमी का जूस
संतरे और मौसमी में भरपूर मात्रा में विटामिन C होता है, जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.

जौ की रोटी
जौ के आटे में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है. इसे गेहूं के आटे में मिलाकर रोटी बनाई जा सकती है, जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करती है. जौ से बने सत्तू का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो यूरिक एसिड को कम करने के लिए काफी फायदेमंद है.

आंवला का जूस
आंवला औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके सेवन से न केवल यूरिक एसिड में राहत मिलती है, बल्कि अन्य कई बीमारियों में भी यह काफी फायदेमंद है. आंवला विटामिन C से भरपूर होता है, जो यूरिक एसिड को कम करने में सहायक है. आंवला का सेवन फल, जूस या पाउडर के रूप में कर सकते हैं.

त्रिफला
डॉक्टर सौरभ बताते हैं कि त्रिफला शरीर में जमा हुए विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसका सेवन सुबह और शाम गर्म पानी के साथ किया जा सकता है.

यूरिक एसिड बढ़ने पर बरतें ये सावधानियां

अगर यूरिक एसिड की समस्या बार-बार बढ़ रही है, तो कुछ सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है.
– आलस्य को छोड़कर नियमित रूप से काम करें.
– रेड मीट और नॉनवेज का सेवन न करें.
– प्रोटीन का अत्यधिक सेवन न करें.
– सुबह-सुबह योगा या हल्का व्यायाम करें.

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पैर की उंगलियों में होता है चुभन वाला दर्द? ये हैं इस बीमारी के लक्षण

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-uric-acid-increases-in-body-shows-these-symptoms-beware-precautions-medication-local18-9071650.html

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