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बात-बात पर आप भी गुस्से में हो जाते हैं लाल-पीले? आउट ऑफ कंट्रोल होने से बचाएंगे ये 6 टिप्स, आजमाकर तो देखें


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Tips to stay Calm: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में चिड़चिड़ापन भी लोगों में देखा जा रहा है. बेशक इसके कई कारण हो, लेकिन कोशिश करें कि ऐसी स्थिति में शांत ही रहें. आइए जानते हैं कि आखिर तनाव में शांत रहना जरूरी क…और पढ़ें

बात-बात पर गुस्से से हो जाते हैं लाल-पीले? अनकंट्रोल होने से बचाएंगे ये 6 उपाय

तनाव में आउट ऑफ कंट्रोल होने से बचा लेंगे ये उपाय. (Canva)

हाइलाइट्स

  • आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में चिड़चिड़ापन के मामले बढ़ रहे हैं.
  • अधिक तनाव बढ़ने से कोर्टिसोल हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है.
  • खुद शांत रखने के लिए प्रकृति के बीच समय बिताएं, ताजगी महसूस करें.

Tips to stay Calm: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में चिड़चिड़ापन भी लोगों में देखा जा रहा है. आपके साथ भी कभी न कभी पेरेंट्स या बॉस से बहस जरूर हुई होगी. इसके कारण आपको बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई होगी. उस समय आपको लगा होगा कि अब आपके सब्र का बांध टूट जाएगा. इस तनाव के कारण आपको बेचैनी और घबराहट भी हो सकती है. ऐसी स्थिति में कई बार लोग अवसादग्रस्त तक हो जाते हैं. यदि आप भी बात-बात पर गुस्से से भर जाते हैं तो ऐसी स्थिति में खुद को कूल और शांत रखने का प्रयास करें. अब सवाल है कि आखिर तनाव में शांत रहना जरूरी क्यों? तनाव के समय खुद को शांत कैसे रखें? आइए जानते हैं इस बारे में-

क्यों जरूरी है तनाव के समय शांत रहना

जर्नल ऑफ सायकियेट्री एंड मेंटल हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, आपा खोने से कभी भी आपका उद्देश्य पूरा नहीं होता है. ऐसी स्थिति में चाहें तो आप अपने आगे बढ़ते हुए कमद रोक सकते हैं. ऐसा न करने से आप उद्देश्य से भटक सकती हैं. इसके साथ ही, कोर्टिसोल हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है. दरअसल, कोर्टिसोल का पर्याप्त संतुलन बनाए रखना स्वास्थ्य के लिए जरूरी है.

तनाव में खुद का शांत रखने के खास उपाय

– तनाव की घड़ी में सांस इस तरह लें कि आपको खुद को शांत करने और खुद पर नियंत्रण हासिल करने में मदद मिले. गहरी सांस लेने का प्रयास करें. 5 सेकंड के लिए अपनी सांस रोकें और फिर छोड़ें. ऐसा कई बार दोहराएं. इससे शांति और आराम मिलेगा.

– समय के साथ आमतौर पर चीजें बदतर हो जाती हैं. इसलिए भावनाओं पर नियंत्रण रखें और व्यावहारिक बनें. तेज आवाज में बात न कहें. तेज आवाज में कहने वाला व्यक्ति हार जाता है. आग्रह के साथ अपनी बात कहें. धीरे-धीरे, चुपचाप और समान रूप से बात करें.

– धैर्य खोने की बजाय अपने-आप से पूछें कि यह वास्तव में कितना बुरा है. गुस्सा होने की बजाय अपनी ऊर्जा इस बात पर केंद्रित करें कि स्थिति को सुधारने के लिए क्या किया जा सकता है. यदि मन में उलझन हो, तो तो अच्छे निर्णय नहीं लिए जा सकते हैं.

– प्रकृति के बीच शांत होने में आपको मदद मिलेगी. यह स्थान घर या ऑफिस का हरा-भरा लॉन भी हो सकता है. जैसे ही आप बाहर की ताजगी का अनुभव करती हैं, स्थिति में सुधार महसूस कर सकती हैं. इससे आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है.

– अपनी हथेलियों को एक साथ लायें. अपने अंगूठे को अपनी छाती पर टिका दें. प्रत्येक सांस छोड़ने के साथ अपने शरीर के एक हिस्से को आराम देने पर ध्यान केंद्रित करें. अपने माथे से शुरुआत करें. अपने गालों, अपने जॉ लाइन, गर्दन, कंधों आदि पर भी ध्यान दें.

– यदि आपको लगता है कि आप अपना आपा खोने वाली हैं, तो सामने वाले व्यक्ति से कहें कि मौजूदा मुद्दे पर बात करने से पहले आपको स्थिति पर काबू पाने के लिए समय चाहिए. खुद को ही सिर्फ सही नहीं मानें. उस तरह की भावना को हावी न होने दें.

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बात-बात पर गुस्से से हो जाते हैं लाल-पीले? अनकंट्रोल होने से बचाएंगे ये 6 उपाय


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