Last Updated:
Amarbel Health Benefits: अमरबेल प्रकृति का अनोखा चमत्कार है, जो बिना जड़ों के भी जीवित रहती है. सुनहरे धागों जैसी दिखने वाली यह बेल जिस पेड़ पर फैलती है, उसका रस चूसकर जीवन जीती है. आयुर्वेद में इसे शक्तिशाली औषधि माना गया है. यह बालों को मजबूत बनाती है, त्वचा रोगों में लाभ देती है और लीवर-किडनी को डिटॉक्स करती है. इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं में भी अमरबेल का विशेष स्थान है. इसे भगवान शिव और विष्णु को अर्पित किया जाता है और यह अमरत्व का प्रतीक मानी जाती है.
नागौर. अमरबेल प्रकृति का रहस्यमयी उपहार है. यह बिना जड़ों के जिंदा रहती है और पेड़ पौधों पर लिपटकर अपना जीवन चलाती है. दिखने में यह सुनहरी धागों जैसी लगती है और जिस पेड़ पर फैल जाती है उसे पूरी तरह ढक लेती है. यह पेड़-पौधों पर फेल कर उनका रस चूस कर अपनी जीवन क्रिया पूरी करती है. इसी वजह से इसे परजीवी पौधा कहा जाता है. इसे आकाशबेल और अमरलता के नाम से भी जाना जाता है. इसी के साथ आयुर्वेद, देसी नुस्खे और धार्मिक मान्यताओं में इसकी बड़ी अहमियत है.
चेहरे को चमकदार बनाने में भी है सहायक
हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि अमरबेल लीवर को डिटॉक्स करने में सहायक है और यह किडनी की कार्य प्रणाली को सुधरता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखती है. यह त्वचा रोगों में भी बेहद लाभकारी होती है. अमरबेल का लेप लगाने से खुजली, दाद, एक्जिमा और अन्य त्वचा रोगों से राहत मिलती है. यह त्वचा की रंगत को निखार कर उसे चमकदार बनती है और घाव भरने में भी मददगार है. अमरबेल को पीसकर लेप लगाने से घुटनों और जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है. इसमें आयरन, कैल्शियम और विटामिन सी पाया जाता है जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है.
अमरबेल का उपयोग कैसे करें
ग्रामीण शारदा देवी ने बताया कि अमरबेल का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है. अमरबेल को काटकर नारियल या सरसों के तेल में उबाल लें. जब तेल गाढा हो जाए, तो ठंडा करके बोतल में भर लें. इससे बालों की मालिश करने पर बाल झड़ना बंद होते हैं. अमरबेल को पीसकर उसका लेप लगाकर भी उपयोग किया जा सकता है. इसे काढे के रूप में ज्यादा उपयोग किया जाता है. एक मुट्ठी अमरबेल को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाएं. इसे छानकर हल्का गुनगुना पीने से पाचन और लीवर मजबूत होता है. अमरबेल को पीसकर हल्का गुनगुना कर घुटनों पर लेप लगाने से आराम मिलता है.
अमरबेल का धार्मिक महत्व
अमरबेल का आयुर्वेद के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी बेहद लोकप्रिय है. हिंदू मान्यता के अनुसार अमरबेल भगवान शिव और विष्णु दोनों को प्रिय है. पूजा-अर्चना में अमरबेल को चढ़ाया जाता है. ग्रामीण परंपरा में माना जाता है कि अमरबेल अमरत्व और दीर्घायु का प्रतीक है. लोक कथाओं के अनुसार, अमरबेल को ईश्वर की रचना इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह बिना जड़ और मिट्टी के भी जीवित रहती है. इसे जीवन की अदम्य शक्ति का प्रतीक माना गया है. गांव में यह विश्वास है कि घर में अमरबेल का आना शुभ होता है और यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है.
अमरबेल भले ही परजीवी पौधा है, लेकिन इसके औषधिय गुण, देसी नुस्खे और धार्मिक मान्यताओं इसे जीवन का सच्चा अमृत बना देती है. यह बाल, त्वचा, पाचन, लिवर, किडनी और जोड़ों के लिए किसी वरदान से काम नहीं. इसे सही ढंग से और सही मात्रा में इस्तेमाल किया जाए, तो यह पौधा हमारी सेहत के लिए रामबाण साबित हो सकता है.

दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से Bharat.one हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से Bharat.one हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-lord-shiva-favorite-plant-hair-skin-health-benefits-local18-9698682.html