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भयंकर पॉल्यूशन से 50% लोगों को हो रहीं सांस, खांसी और अस्थमा जैसी परेशानियां ! डॉक्टर से जानें बचने के तरीके


Air Pollution Harmful Effects: दिल्ली-एनसीआर में एयर पॉल्यूशन से बुरा हाल है और तमाम जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार हो गया है. इस वक्त यहां की हवा सीवियर कैटेगरी में है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है. हवा में प्रदूषण बढ़ने से फिजिकल और मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती हैं. हालांकि जहरीली हवा का सबसे ज्यादा असर हमारे श्वसन तंत्र यानी रेस्पिरेटरी सिस्टम पर पड़ता है. हद से ज्यादा प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में समस्या होती है और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं. इससे बचना बहुत जरूरी है, क्योंकि ये परेशानियां जानलेवा भी हो सकती हैं.

ग्रेटर नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. राजेश गुप्ता ने Bharat.one को बताया कि वायु प्रदूषण का सीधा असर हमारे श्वसन तंत्र पर बहुत बुरी तरह होता है. इन दिनों दिल्ली-एनसीआर में भयंकर पॉल्यूशन देखने को मिल रहा है, जिससे सांस से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. पॉल्यूशन से संबंधित मरीजों की संख्या 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है. प्रदूषण के कारण मरीजों को खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द और आंख, नाक, गले में खुजली जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा अस्थमा अटैक ट्रिगर होने का खतरा भी बढ़ रहा है.

एक्सपर्ट ने बताया कि जहीरीला हवा में पाए जाने वाले सूक्ष्म तत्व जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड और ओजोन रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी बीमारियों जैसे- अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा पॉल्यूशन से दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी बढ़ रहा है. डायबिटीज और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियां जैसे अल्जाइमर और पार्किंसन रोग भी प्रदूषण के कारण पैदा हो सकते हैं. प्रदूषण के संपर्क में रहने से फेफड़ों की कार्यक्षमता घटने लगती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है.

डॉक्टर ने बताया कि प्रदूषण से बचने के लिए सभी लोगों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. खासतौर से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त लोगों को अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए. लोगों को घर से बाहर जाते वक्त एयर क्वालिटी का ध्यान रखते हुए मास्क पहनना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा समय घर के अंदर रह सकते हैं और घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग कर सकते हैं. अगर किसी तरह की समस्या दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर ट्रीटमेंट कराना चाहिए. अस्थमा के मरीजों को इस मौसम में एक बार अपने डॉक्टर से जरूर मिलकर कंसल्ट करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- बच्चों को शुरुआती 2 साल तक कम से कम खिलाएं यह चीज, जवानी में नहीं होगी डायबिटीज ! रिसर्च में खुलासा


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-severe-air-pollution-in-delhi-ncr-toxic-air-increased-respiratory-problems-doctor-explains-prevention-tips-8814396.html

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