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भारत में करीब 50% लोगों को पता ही नहीं कि उन्हें डायबिटीज है. डॉक्टरों ने कहा, समय पर जांच, जीवनशैली में बदलाव और जागरूकता से गंभीर जटिलताएं रोकी जा सकती हैं.
भारत में डायबिटीज का खतरा लगातार बढ़ रहा है. करोड़ों लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग 50% लोगों को यह पता ही नहीं होता कि उन्हें मधुमेह है. कई लोग तब डॉक्टर के पास पहुंचते हैं जब बीमारी दिल, गुर्दे या आंखों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर चुकी होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय पर जांच हो जाए तो इन गंभीर जटिलताओं से बचना पूरी तरह संभव है.
डायबिटीज क्यों खतनाक है?
डायबिटीज वह स्थिति है जिसमें शरीर ब्लड शुगर को ठीक से कंट्रोल नहीं कर पाता. या तो इंसुलिन कम बनता है या शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता. लंबे समय तक शुगर कंट्रोल में न रहने पर यह दिल, नसों, किडनी, आंखों और शरीर के कई हिस्सों पर असर डालता है. लेकिन क्योंकि लक्षण धीरे-धीरे आते हैं, कई लोगों को शुरुआत में बीमारी का अंदाज़ा ही नहीं होता. मुंबई के झायनोव्हा शाल्बी अस्पताल की एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. राशी अग्रवाल बताती हैं, “10 में से 5 मरीज तब आते हैं जब दिल या किडनी में दिक्कत शुरू हो चुकी होती है”.
दीपिका शर्मा पिछले 5 सालों से Bharat.one Hindi में काम कर रही हैं. News Editor के पद पर रहते हुए Entertainment सेक्शन को 4 सालों तक लीड करने के साथ अब Lifestyle, Astrology और Dharma की टीम को लीड कर रही हैं. पत्र…और पढ़ें
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डॉ. राशी अग्रवाल बताती हैं, “यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है, इसलिए कई बार लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें डायबिटीज है. 30 से 65 साल की उम्र के लगभग 10 में से 5 मरीज मेरे पास तब आते हैं जब उन्हें किडनी या दिल की दिक्कतें शुरू हो चुकी होती हैं.” उन्होंने बताया कि जागरूकता की कमी, नियमित हेल्थ चेकअप न करवाना और यह धारणा कि शुगर सिर्फ बुजुर्गों को होती है. ये सारी वजहें बीमारी को देर से पकड़ने का कारण बनती हैं.
इन लक्षणों को हल्के में न लें
ये संकेत नजर आएं तो तुरंत ब्लड शुगर जांच जरूरी है:
“एक साधारण ब्लड टेस्ट डायबिटीज का शुरुआती स्तर में पता लगा सकता है. समय पर ब्लड शुगर कंट्रोल हो जाए तो ज्यादातर जटिलताओं को रोका जा सकता है.” – डॉ. राशी अग्रवाल, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, मुंबई
30 साल की उम्र के बाद नियमित जांच क्यों जरूरी?
अगर परिवार में किसी को डायबिटीज रही है, या आपकी लाइफस्टाइल ज्यादा बैठने वाली है, तो आपको नियमित जांच करवानी ही चाहिए. डॉ. राशी आगे कहती हैं, “डायबिटीज का इलाज सिर्फ दवाओं से नहीं होता. जीवनशैली बदलना भी उतना ही जरूरी है. संतुलित भोजन, रोज़ाना व्यायाम, तनाव कम करना और साल में एक बार हेल्थ चेकअप, ये सब मिलकर ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखते हैं.”
रेग्युलर चेकअप ही है बचाव का तरीका
वहीं मुंबई के अपोलो डायग्नोस्टिक्स की रीजनल टेक्निकल चीफ डॉ. उपासना गर्ग का कहना है, “ब्लड शुगर जानना ही आपकी सेहत की सबसे बड़ी कुंजी है. भारत में डायबिटीज के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. बचाव का सबसे अच्छा तरीका है समय पर जांच और जागरूकता.”
उन्होंने बताया कि डायबिटीज की पुष्टि के लिए मुख्य तीन टेस्ट सबसे महत्वपूर्ण हैं:
डॉ. उपासना बताती हैं, “30 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग, जिनके परिवार में डायबिटीज का इतिहास है या जिन्हें ज्यादा प्यास, थकान या बार-बार पेशाब जैसे लक्षण हैं. उन्हें नियमित जांच जरूर करवानी चाहिए.’ उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नियमित जांच, संतुलित आहार, व्यायाम और समय पर कदम उठाना बहुत जरूरी है. आपका ब्लड शुगर स्तर जानना ही आपके अच्छे स्वास्थ्य की सबसे बड़ी कुंजी है.
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