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महिलाओं के लिए वरदान है यह पेड़, कई बीमारियों का है काल! फायदे जान हो जाएंगे हैरान


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Ashok Tree Health Benefits: अशोक का पौधा Saraca asoca महिलाओं की बीमारियों, हार्मोनल संतुलन, त्वचा, सूजन और UTI में लाभकारी है. डॉ मोहिनी ने अशोकारिष्ट को भी उपयोगी बताया है.

अलीगढ़. प्रकृति के खज़ाने में कई ऐसे औषधीय पौधे मौजूद हैं, जो सेहत और सौंदर्य दोनों के लिए वरदान साबित होते हैं. इन्हीं में से एक है अशोक का पौधा. जिसे आयुर्वेद में विशेष स्थान प्राप्त है. यह पौधा न सिर्फ वातावरण को हरियाली से भर देता है, बल्कि महिलाओं की कई जटिल बीमारियों में भी असरदार औषधि के रूप में काम करता है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ मोहिनी के अनुसार, अशोक का पेड़ गर्भाशय को मज़बूती देने, हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में अत्यंत उपयोगी माना जाता है. आइये जानते हैं आयुर्वैदिक डॉक्टर मोहिनी के अनुसार इस पौधे के फायदे.

जानकारी देते हुए आयुर्वैदिक डॉक्टर मोहिनी बताती हैं कि अशोक का पेड़ एक अत्यंत उपयोगी औषधीय पौधा है. अक्सर लोग असली और नकली अशोक को लेकर भ्रमित रहते हैं. जो पेड़ आमतौर पर घरों के बाहर सजावटी उद्देश्य से लगाया जाता है, जिसकी पत्तियों के किनारे ज़िगज़ैग आकार में कटे होते हैं, वह नकली अशोक कहलाता है. जबकि असली अशोक का बोटैनिकल नाम Saraca asoca है. यह एक छायादार वृक्ष होता है, जो लगभग 6 से 9 मीटर ऊंचा होता है और इसके पुष्प गहरे नारंगी या लाल रंग के होते हैं.

डॉ मोहिनी कहती हैं कि अशोक वृक्ष का उपयोग मुख्य रूप से महिलाओं की बीमारियों में किया जाता है. यह गर्भाशय उत्तेजक और गर्भाशय संकोचक के रूप में कार्य करता है. इसके अलावा यह त्वचा के लिए लाभकारी, सूजन (inflammation) को कम करने वाला, तथा एक बेहतरीन ब्लड प्यूरीफायर है. यह रक्त रोकने वाला गुण भी रखता है. इसके प्रयोग से मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) में भी लाभ होता है. अशोक के औषधीय उपयोग में इसकी छाल,बीज और फूल का प्रयोग किया जाता है.

डॉ मोहिनी बताती हैं कि महिलाओं में अत्यधिक या अनियमित रक्तस्राव की स्थिति में इसकी छाल का काढ़ा बनाकर ठंडे दूध में मिलाकर दिया जाता है. यह यूटरस (गर्भाशय) को मजबूत करता है और हॉर्मोनल बैलेंस बनाए रखता है. मूत्राघात यानी कि यूनरी इंजरी और पथरी की समस्या में अशोक के बीजों को पानी के साथ प्रयोग किया जाता है. इसकी छाल का काढ़ा 50 से 100 ml प्रतिदिन, बीजों का चूर्ण 3 से 6 ग्राम और पुष्पों का चूर्ण 3 से 6 ग्राम लिया जा सकता है. अशोक से बनने वाले कई औषधीय उत्पाद बाज़ार में भी उपलब्ध हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध है अशोकारिष्ट, जिसका उपयोग महिलाएं नियमित रूप से करती हैं. यह औषधि हॉर्मोनल असंतुलन, मासिक धर्म की अनियमितता और गर्भाशय संबंधित समस्याओं में अत्यंत प्रभावी मानी जाती है.

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Lalit Bhatt

पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों में रिपोर्टिंग से ल…और पढ़ें

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महिलाओं के लिए वरदान है यह पेड़, कई बीमारियों का है काल! गिनते रह जाएंगे फायदे


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-medicinal-properties-of-ashok-tree-ashok-ke-paudhe-ke-fayde-local18-ws-l-9803399.html

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