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Gillain Barre Syndrome: इस मरीज की मौत GBS के कारण हुई होने का शक पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को था. इस शक को दूर करने के लिए मृतदेह का विसेरा आगे की जांच के लिए भेजा गया है.

सोलापुर में GBS से हड़कंप
हाइलाइट्स
- सोलापुर में GBS से मृत्यु.
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी.
- GBS से बचाव के उपाय.
सोलापुर/इरफान पटेल: पुणे में गिलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) से संक्रमित और सोलापुर में मृत पाए गए मरीज का पोस्टमार्टम सोलापुर सरकारी अस्पताल में किया गया. सोलापुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के चार डॉक्टरों ने यह पोस्टमार्टम किया. इस मरीज की मौत GBS के कारण हुई होने का शक पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को था. इस शक को दूर करने के लिए शव आगे की जांच के लिए भेजा गया है. इस संदर्भ में अधिक जानकारी सरकारी मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. संजीव ठाकूर ने Bharat.one से बात करते हुए दी.
मौत का प्राथमिक कारण गिलियन बैरे सिंड्रोम
बता दें कि मृत मरीज की उम्र 40 साल थी. संबंधित मरीज को एक सहकारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. छत्रपति शिवाजी महाराज सर्वोपचार सरकारी अस्पताल में शव की फोरेंसिक मेडिकल जांच कराई गई. संबंधित अस्पताल द्वारा किए गए उपचार के दस्तावेजों को देखने पर मौत का प्राथमिक कारण गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) पाया गया.
डॉ. संजीव ठाकूर ने जानकारी दी कि रासायनिक परीक्षण (Chemical Testing) की रिपोर्ट पंद्रह दिनों में आने के बाद मौत का अंतिम कारण पता चल सकेगा, लेकिन 100 प्रतिशत पुष्टि के लिए मस्तिष्क, रक्त के नमूने, छोटे और बड़े आंत के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. इन जांचों की रिपोर्ट आठ दिनों में प्राप्त होगी. तब यह निश्चित हो सकेगा कि मौत GBS के कारण हुई है या नहीं, लेकिन प्राथमिक दृष्टि से GBS से ही मौत का कारण लग रहा है.
खुले में रखे खाने और बासी भोजन से बचें
डॉ. संजीव ठाकूर ने कहा कि खुले में रखे खाने और बासी भोजन से बचें. अगर पेट में कोई समस्या हो रही हो या हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. किसी भी समस्या के होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है.
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बता दें कि GBS रोग में इम्यून सिस्टम नसों पर हमला करता है, जिससे कमज़ोरी, झनझनाहट और लकवा हो सकता है. वहीं अगर इसके इलाज की बात करें तो इसमें प्लाज्मा एक्सचेंज, इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी और फिजियोथेरेपी शामिल हैं.
January 27, 2025, 11:29 IST
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