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Gudmar Ke Fayde : अलीगढ़ के डॉ. राजेश कुमार के अनुसार गुड़मार मधुनाशिनी डायबिटीज, मोटापा और लिवर बीमारियों के इलाज में उपयोगी है. गुड़मार के सेवन से शरीर में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है, इसलिए इसे मधुनाशिनी यानी कि शुगर को नष्ट करने वाली कहा जाता है.खासतौर पर यह पौधा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड में पाया जाता है.
अलीगढ़. भारत में आयुर्वेदिक औषधियों की परंपरा सदियों पुरानी है और इन औषधियों से कई बीमारियों का सफल इलाज किया जाता रहा है. इन्हीं में से एक है गुड़मार जिसे मधुनाशिनी यानी शुगर को नष्ट करने वाली जड़ी-बूटी भी कहा जाता है. यह लता के रूप में पाई जाने वाली औषधि अपने अद्भुत गुणों के कारण विशेष रूप से डायबिटीज, मोटापा और लिवर से जुड़ी बीमारियों के उपचार में उपयोग की जाती है. अलीगढ़ के आयुर्वेदिक डॉ. राजेश कुमार के अनुसार, गुड़मार न केवल रक्त शर्करा को नियंत्रित करती है, बल्कि शरीर को संपूर्ण रूप से स्वस्थ बनाए रखने में भी मददगार है.
डॉ. राजेश कुमार बताते हैं कि गुड़मार जिसे मधुनाशिनी भी कहा जाता है एक बेहद उपयोगी औषधीय पौधा है. यह एक लता (बेल) के रूप में पाया जाता है, जो झाड़ियों और बड़े वृक्षों पर फैल जाती है. आयुर्वेद में इसे विशेष रूप से मधुमेह यानी कि डायबिटीज के इलाज के लिए जाना जाता है. गुड़मार के सेवन से शरीर में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है, इसलिए इसे मधुनाशिनी यानी कि शुगर को नष्ट करने वाली कहा जाता है.
डॉ. कुमार के अनुसार, यह पौधा सिर्फ डायबिटीज ही नहीं बल्कि मोटापा, लिवर डिज़ीज, फेफड़ों की बीमारियों में भी लाभकारी है. इसके साथ ही यह एक लिवर टॉनिक के रूप में भी काम करता है, जिससे शरीर की कार्यक्षमता बेहतर होती है. डॉ राजेश कुमार कहते हैं कि गुड़मार के उपयोग की मात्रा की बात करें तो इसका चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम लिया जा सकता है. अगर इसका अर्क उपयोग किया जाए तो 10 से 20 ml. तक सुबह-शाम खाली पेट लेना लाभकारी होता है. वहीं, काढ़े के रूप में इसका 30 से 40 मि.ली. तक सेवन सुबह और शाम किया जा सकता है.
डॉ राजेश कुमार बताते हैं कि यह पौधा लगभग पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है, लेकिन विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, केरल और अन्य क्षेत्रों में इसकी उपस्थिति अधिक देखी जाती है. आयुर्वेद में गुड़मार को एक वरदान के रूप मे जाना जाता है. जो बीमारियों को जड़ से खत्म करने मे सक्षम होता है.

पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों में रिपोर्टिंग से ल…और पढ़ें
पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. 2010 से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की, जिसके बाद यह सफर निरंतर आगे बढ़ता गया. प्रिंट, टीवी और डिजिटल-तीनों ही माध्यमों में रिपोर्टिंग से ल… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-medicinal-properties-of-gudmar-plants-gudmar-ke-paudhe-ke-fayde-local18-ws-kl-9835966.html







