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अमेरिका से लौटे मनोवैज्ञानिक ई आर शंकर ने बताया कि आत्महत्या रोकने के लिए सबसे पहले इसे समझना ज़रूरी है. वे कहते हैं कि “उम्मीद का टूटना” व्यक्ति को इसे चुनने पर मजबूर करता है.
बेगूसराय. Bharat.one स्पेशल में आज आत्महत्या के मामलों पर चर्चा की जाएगी. बिहार में मानसिक रोगियों की संख्या और आत्महत्या की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर जिले में दो से अधिक आत्महत्याएं दर्ज हो रही हैं, लेकिन वास्तविकता इससे कहीं गंभीर है. कई मामले ऐसे होते हैं जो थाने तक पहुंचते ही नहीं. सवाल उठता है कि आखिर लोग आत्महत्या क्यों करते हैं और इसे रोका कैसे जा सकता है?
आत्महत्या को पहले समझना जरूरी
Bharat.one के सवालों का जवाब देते हुए ई आर शंकर ने कहा कि आत्महत्या को रोकने के लिए सबसे पहले इसे समझना जरूरी है. कोई व्यक्ति जो सुई या दर्द से डरता है, वही अपने जीवन को समाप्त करने का कदम क्यों उठाता है? वजह होती है ‘उम्मीद का टूट जाना’. जब व्यक्ति को लगता है कि अब जीने का कोई मकसद नहीं बचा है, तब उसका दिमाग उसे आत्महत्या की ओर धकेलता है. यही कारण है कि बड़े अधिकारी, छात्र या परिवार वाले भी इस कदम को उठा लेते हैं.
संकेत पहचानें और जान बचाएं
शंकर बताते हैं कि मानसिक बीमारियां जैसे डिप्रेशन, एंजायटी, बाइपोलर डिसऑर्डर या सीजियोफ्रेनिया आत्महत्या की ओर ले जाती हैं. ऐसे लोगों की पहचान की जा सकती है. जैसे घर का कोई सदस्य अचानक चुप रहने लगे, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगे या अकेलापन पसंद करने लगे. ऐसे समय में परिवार को चाहिए कि वे उनकी हर बात सुनें और उन्हें यह एहसास दिलाएं कि वे अकेले नहीं हैं.
तीन खास तरीके से रोक सकते हैं आत्महत्या
मनोवैज्ञानिक ई आर शंकर ने आत्महत्या रोकने के तीन प्रमुख तरीके बताए. पहला संदिग्ध परिस्थितियों में जी रहे व्यक्ति को मानसिक सहयोग देना और उसकी बातों को मानना. दूसरा अगर किसी को जहर, पानी या ऊंचाई जैसे साधनों में विशेष रुचि हो, तो उसे इनसे दूर रखना. तीसरा डिप्रेशन से गुजर रहे व्यक्ति को सकारात्मक माहौल देना. ये कदम आत्महत्या को रोक सकते हैं.
आज के समय में बिहार ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आत्महत्या एक गंभीर चुनौती बन चुकी है. ई आर शंकर की रिसर्च और उनकी किताब दुनिया के 150 देशों में पढ़ाई जा रही है। उनका कहना है कि आत्महत्या को समझकर, समय रहते संकेत पहचानकर और मानसिक सहयोग देकर कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं.

एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से News18Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे…और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-doctor-e-r-shankar-reveals-major-ways-to-prevent-suicide-local18-9667364.html