Useful Health Tips: सेहत को दुरुस्त बनाए रखने के लिए ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल का खास खयाल रखने की जरूरत होती है. इन तीनों में से एक भी गड़बड़ हो जाए, तो परेशानी होने लगती है. तीनों ही चीजें हार्ट और ब्रेन से सीधेतौर पर जुड़ी होती हैं. शुगर और बीपी की डिजिटल मशीन से आप घर बैठे ये चीजें चेक कर सकते हैं. कोलेस्ट्रॉल के लिए आपको ब्लड टेस्ट कराने की जरूरत होती है. डॉक्टर्स की मानें तो इन तीनों चीजों की समय समय पर मॉनिटरिंग करनी चाहिए, ताकि सेहत के लिए कोई खतरा पैदा न हो. इस बारे में जरूरी बातें सभी को जान लेनी चाहिए.
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने Bharat.one को बताया कि आमतौर पर लोगों को हेल्दी रहने के लिए 3 चीजों का सबसे ज्यादा खयाल रखना चाहिए. पहला ब्लड प्रेशर, दूसरा कोलेस्ट्रॉल और तीसरा ब्लड शुगर लेवल. अगर आप इन तीनों ही चीजों को नॉर्मल रख लें, तो अधिकतर गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं. ब्लड प्रेशर बढ़ जाए, तो हार्ट और ब्रेन को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. शुगर लेवल बढ़ जाए, तो इससे शरीर के सभी अंग डैमेज होने लगते हैं और कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए, तो हार्ट अटैक की नौबत आ सकती है.
कितना होना चाहिए आपका ब्लड प्रेशर?
डॉक्टर रावत ने बताया कि वयस्कों का नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 mm Hg के आसपास होता है. जब ब्लड प्रेशर 130/80 mm Hg से ऊपर चला जाता है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन माना जाता है. हाई बीपी की कंडीशन में ब्लड वेसल्स में दबाव बढ़ जाता है. हाई बीपी की समस्या की सबसे बड़ी वजह मोटापा, तनाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल या जेनेटिक फैक्टर होता है. हाई ब्लड प्रेशर का लंबे समय तक इलाज न कराया जाए, तो इससे हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और किडनी से संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है. बीपी को डिजिटल मशीन से घर पर ही आसानी से चेक किया जा सकता है.
ब्लड शुगर का नॉर्मल लेवल क्या होता है?
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो नॉर्मल फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 70 से 99 mg/dL के बीच होता है. अगर फास्टिंग ब्लड शुगर 100 से 125 mg/dL के बीच है, तो इसे प्रीडायबिटीज माना जाता है. डायबिटीज की कंडीशन तब होती है जब फास्टिंग ब्लड शुगर 126 mg/dL या इससे अधिक हो. खाने के बाद सामान्य ब्लड शुगर का स्तर 140 mg/dL से कम होना चाहिए. अगर यह 140 से 199 mg/dL के बीच है, तो यह प्रीडायबिटीज का संकेत हो सकता है. 200 mg/dL या इससे अधिक होने पर डायबिटीज मानी जाती है. यह कंडीशन तब पैदा हो सकती है, जब शरीर इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता या शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है. नियमित हेल्थ चेकअप और बेहतर लाइफस्टाइल को अपनाकर डायबिटीज की परेशानी से बचा जा सकता है.
कितना कोलेस्ट्रॉल लेवल होता है नॉर्मल?
डॉक्टर के अनुसार शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL), बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) और टोटल कोलेस्ट्रॉल के आधार पर मापा जाता है. शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) का स्तर 40 mg/dL से अधिक होना चाहिए, जबकि बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर 100 mg/dL से कम होना नॉर्मल होता है. बॉडी में टोटल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 mg/dL से कम हो, तो सामान्य माना जाता है. अगर यह 200 से 239 mg/dL हो, तो बॉर्डर लाइन और 240 mg/dL या उससे अधिक हो, तो हाई कोलेस्ट्रॉल माना जाता है. शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा भी ज्यादा नहीं होना चाहिए.
यह भी पढ़ें- दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन से बुरा हाल ! आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताए फेफड़ों को मजबूत रखने के तरीके
FIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 11:10 IST
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-what-is-normal-range-of-blood-pressure-sugar-and-cholesterol-level-in-body-doctor-explains-everything-8787300.html







