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सर्दियों में जब शरीर सुस्त और थका हुआ महसूस करता है, तब मकोय का साग सेहत और ऊर्जा दोनों के लिए वरदान साबित होता है. Bharat.one से बातचीत के दौरान वैद्य जमुना प्रसाद यादव ने बताया कि मकोय के साग में आयरन, कैल्शियम, फाइबर और कई जरूरी विटामिन मौजूद होते हैं. इसका नियमित सेवन कमजोरी दूर करने और खून की कमी को पूरा करने में मदद करता है.

सर्दियों में हरी सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती हैं. ऐसी ही एक सब्जी है मकोय का साग. यह ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से मिल जाता है और लोग इसे लंबे समय से सब्जी या साग के रूप में खाते आ रहे हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार, सर्दियों में मकोय का साग शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाता है.

खून की कमी यानी एनीमिया में मकोय का साग बेहद फायदेमंद है. जमुना प्रसाद यादव बताते हैं कि मकोय के साग में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है. यह खासतौर पर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए लाभकारी है. अगर किसी का हीमोग्लोबिन कम है, तो उन्हें प्रतिदिन मकोय का साग खाने की सलाह दी जाती है.

लीवर की समस्याओं में मकोय का साग बहुत फायदेमंद है. जमुना प्रसाद यादव के अनुसार, मकोय का साग लीवर को साफ रखने में मदद करता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालता है, जिससे लीवर स्वस्थ रहता है. लीवर से जुड़ी परेशानियों वाले लोगों के लिए मकोय का साग का सेवन विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि यह पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है.
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सर्दियों में सर्दी-खांसी और जुकाम आम समस्याएं हैं. मकोय का साग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिससे शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनता है. मकोय का साग गर्म होता है और सर्दियों में इसका सेवन करने से सर्दी, खांसी और जुकाम में राहत मिलती है.

जोड़ों के दर्द और सूजन में मकोय का साग फायदेमंद है. जमुना प्रसाद यादव बताते हैं कि मकोय में मौजूद पोषक तत्व सूजन कम करने में मदद करते हैं. सर्दियों में जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए यह साग विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है.

त्वचा संबंधी रोगों में मकोय का साग फायदेमंद है. जमुना प्रसाद यादव बताते हैं कि मकोय का साग खून साफ करने में मदद करता है, जिससे फोड़े-फुंसी, खुजली और अन्य त्वचा की समस्याओं में राहत मिलती है.

मकोय का साग हमेशा अच्छी तरह धोकर और पकाकर ही खाना चाहिए. गांवों में इसे सरसों के तेल, लहसुन और हल्के मसालों के साथ तैयार किया जाता है. हफ्ते में एक-दो बार इसका सेवन पर्याप्त माना जाता है. वैद्य जमुना प्रसाद यादव सलाह देते हैं कि कच्चा या अधपका मकोय का साग न खाएं. गर्भवती महिलाएं या गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग इसे खाने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें. सही तरीके से सेवन करने पर मकोय का साग सर्दियों में सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यह कई बीमारियों में लाभ पहुंचाता है और शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है.
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