
बागेश्वर : उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जौ की खेती खूब की जाती है, और इसकी रोटी खाने में बेहद ही स्वादिष्ट होती है. आमतौर पर लोग गेंहू की रोटियां खाते हैं, लेकिन सर्दियों में गेंहू के अलावा जौ की रोटी खाना भी बेहद फायदेमंद होता है. जौ की रोटी खाने से न केवल पाचन तंत्र मजबूत रहता है बल्कि इसके सेवन से कई बीमारियों से भी राहत मिलती है. Bharat.one से खास बातचीत करते हुए आयुर्वेदिक डॉ. ऐजल पटेल बताते हैं कि जौ की रोटी में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है, और कब्ज की समस्या दूर भी होती है. इममें कैलोरी कम होती है और फाइबर ज्यादा होते हैं, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है.
जौ की रोटी में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है, जिससे यह वजन घटाने में कारगर साबित होती है. साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं.
पाचन तंत्र के लिए वरदान
जौ की रोटी पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है. इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करने में मददगार है. जिन लोगों को पेट की समस्याओं रहती है, उन्हें जौ की रोटी का नियमित सेवन करना चाहिए.
नर्व सिस्टम के लिए रामबाण
जौ की रोटी में मैंगनीज और विटामिन सी जैसे तत्व होते हैं, जो नर्व सिस्टम को शांत रखने में सहायक है. यह तनाव को कम करने और मन को सुकून देने का काम करती है. इसके अलावा यह शरीर को ऊर्जावान बनाएं रखती है और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है. जौ की रोटी का सेवन पेट को जल्दी भरने का एहसास कराता है, जिससे अधिक खाने की प्रवृत्ति कंट्रोल में रहती है. यह वजन घटाने के तरीके को आसान बना देती है.
हार्ट के लिए फायदेमंद
जौ की रोटी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हार्ट को स्वस्थ बनाएं रखने में मददगार हैं. साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर हृदय रोगों से बचाती है. नियमित रूप से जौ की रोटी खाने से दिल की बीमारियां दूर हो जाती है. जौ में मौजूद विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है. इससे शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलेती है. आयुर्वेद के अनुसार जौ की रोटी सर्दी-खांसी जैसी आम समस्याओं से भी बचाती है.
जौ की रोटी को डाइट में करें शामिल
आप अपनी रोजमर्रा की डाइट में गेहूं की रोटी की जगह जौ की रोटी भी खा सकते हैं. साथ ही जौ के आटे को गेहूं के आटे के साथ मिलाकर रोटियां बनाई जा सकती हैं. इसे साग, सब्जी या फिर दूध के साथ खाया जा सकता है. जौ की रोटी अच्छी सेहत का खजाना है. यह वजन घटाने में मदद करती है, लोगों को तनावमुक्त जीवन जीने और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सहायक है. पहाड़ी क्षेत्रों की यह पारंपरिक रोटी आज भी पहाड़ी थाली का हिस्सा है.
FIRST PUBLISHED : December 1, 2024, 18:41 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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